काशीपुर: क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों द्वारा किए जा रहे प्रदूषण की शिकायत पर NGT सख्त हो गया है. एनजीटी की ओर से गठित की गई न्यायमूर्ति अरुण टंडन की अध्यक्षता वाली समिति ने एक फैक्ट्री में छापा मारा. इस दौरान खाद्य प्लांट का निरीक्षण किया. इसके साथ ही बहल्ला नदी के पानी के सैंपल भी लिए.
न्यायमूर्ति अरुण टंडन के नेतृत्व में 4 सदस्य टीम कोसी नदी के अंतर्गत स्थापित उद्योगों एवं औद्योगिक क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए काशीपुर पहुंची. काशीपुर में दो दिवसीय प्रवास के दौरान पहले दिन टीम ने इंडिया ग्लाइकोल लिमिटेड के बाजपुर रोड स्थित गंदे नाले के पास का स्थलीय निरीक्षण किया. इसके बाद टीम ने लोहियापुल से बहल्ला नदी के नाले में बह रहे करने पानी का भी निरीक्षण किया. इस दौरान टीम ने पानी के सैंपल भी लिए.
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टीम के साथ विद्युत विभाग, केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण और संबंधित क्षेत्रों के नालों की सूचना देने के लिए संबंधित लेखपाल, उत्तराखंड जल संस्थान और उत्तराखंड जल निगम, सिंचाई विभाग, एसडीएम काशीपुर का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे एसडीएम जसपुर सुंदर सिंह, तहसीलदार काशीपुर बिपिन चंद्र पंत इसके साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी-मौजूद रहे.
दो दिवसीय निरीक्षण के दौरान न्यायमूर्ति अरुण टंडन बाजपुर इंडस्ट्रियल एरिया, महुआखेड़ा गंज इंडस्ट्रियल एरिया, विश्वकर्मा पेपर एंड बोर्डस मिल्स लिमिटेड, काशी विश्वनाथ टैक्सटाइल मिल समेत दर्जनभर इंडस्ट्रियल एरिया और फैक्ट्रियों का निरीक्षण करेंगे. इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए संपूर्ण निरीक्षण के दौरान वीडियोग्राफी की उचित व्यवस्था भी की गई है.
गौर हो कि रामपुर की रहने वाली डॉ. तंजीन फातिमा ने साल 2017 में एनजीटी में शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि काशीपुर में कोसी नदी किनारे स्थित उद्योगों से प्रदूषित पानी उत्सर्जित किया जाता है, जिससे रामपुर यूपी के कई क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. प्रदूषित पानी से लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. जिसके बाद कोसी व इसकी सहायक नदियों के किनारे स्थित उद्योगों के निरीक्षण के लिए एनजीटी ने टीम का गठन किया है.