गदरपुर: सोशल मीडिया पर पालिकाध्यक्ष गुलाम गोस के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी का मामले पर हंगामा जारी है. इसी कड़ी में बीती रात प्रदर्शनकारियों ने गदरपुर थाने का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया. क्षेत्राधिकारी दीपशिखा अग्रवाल द्वारा मौके पर पहुंचकर दूसरे पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद ही प्रदर्शनकारी वापस लौटे.
बता दें कि कुछ दिनों पहले एक व्हाट्सएप ग्रुप में पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई थी, जिसको लेकर पालिकाध्यक्ष ने थाना गदरपुर में एक तहरीर सौंपी थी. पालिका अध्यक्ष ने मजराशिला निवासी हारिस पुत्र मोहम्मद अय्यूब पर इसका आरोप लगाया. हालांकि, हारिस ने माफी मांगते हुये इसका आरोप झगड़पुरी निवासी प्रधान पति शराफत अली मंसूरी और कांग्रेसी नेता राजेंद्र पाल सिंह पर लगाया.
पालिका अध्यक्ष का कहना है ये सभी लोग राजनीतिक साजिश कर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा यह साइबर क्राइम है और सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिये.
हालांकि, इसी बीच हारिस ने भी पालिका अध्यक्ष के खिलाफ एक तहरीर थाना गदरपुर में दी. जिसमें पालिका अध्यक्ष के खिलाफ मारपीट व धमकी देने की बात कही गई.
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वहीं, बीती रात जब पालिका अध्यक्ष अपने ऊपर झूठा मुकदमा लिखा जाने को लेकर पालिका बोर्ड मेंबरों के साथ थाने पहुंचे तो वहां हंगामा खड़ा हो गया. देखते ही देखते सैकड़ों लोग थाना पहुंचने लगे. पालिका अध्यक्ष अने खिलाफ हुये मुकदमे को लेकर थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए. उन्होंने थानाध्यक्ष जसविंदर सिंह पर दबाव में काम करने और एक व्यक्ति विशेष के कहने पर मुकदमा लिखे जाने का आरोप लगाया.
इस दौरान माहौल बिगड़ता देख मौके पर पहुंची क्षेत्राधिकारी दीपशिखा अग्रवाल ने पालिका अध्यक्ष गुलाम गोस को मनाने का प्रयास किया लेकिन काफी देर की नोकझोंक के बाद भी पालिकाध्यक्ष दूसरे पक्ष पर मुकदमा लिखे जाने की बात पर अड़े रहे.
देर रात्रि उच्च अधिकारियों से बात कर क्षेत्राधिकारी ने दूसरे पक्ष पर भी मुकदमा लिखे जाने की बात को स्वीकारते हुए मामले को शांत किया. जिसके बाद ही पालिका अध्यक्ष अपने समर्थकों संग वहां से चले गये.