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उत्तराखंड: एक कांवड़ पर 12 ज्योतिर्लिंग, आकर्षण का केंद्र रहा ये जत्था - gadarpur main news

गदरपुर और काशीपुर के कांवड़ियों के जत्थे हरिद्वार से गंगा जल भरकर अपने गंतव्य की ओर निकल गए हैं.

Kanwar News depicting 12 Jyotirlingas
12 ज्योतिर्लिंग को दर्शाती कांवर
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Published : Feb 20, 2020, 10:06 PM IST

काशीपुर/गदरपुर: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए गदरपुर और काशीपुर के कांवड़ियों के जत्थे हरिद्वार से गंगा जल भरकर अपने गंतव्य की ओर निकल गए हैं. इस दौरान काशीपुर में कावड़ के अलग-अलग रूप देखने को मिले. जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग को दर्शाती कांवड़ आकर्षण का केंद्र रही. वहीं गदरपुर में भी कांवड़ियों के स्वागत के लिए विभिन्न स्थानों पर भंडारे आयोजित किए जा रहा हैं. जहां पर कांवड़ियों के लिए स्नान और आराम करने की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है.

बता दें कि काशीपुर मोटेश्वर महादेव सेवक संघ के बैनर तले दीपक कुमार के नेतृत्व में बीते वर्ष से बारह ज्योतिर्लिंगों को दर्शाती कावड़ लेने कांवड़ियों का जत्था रवाना होता है. इसी क्रम में इस साल भी कांवड़ में बारह ज्योतिर्लिंगों को विराजमान किया गया है. वहीं बीते दो दिन पहले कांवड़िये की मौत पर हंगामे के बाद प्रशासन द्वारा सुरक्षात्मक दृष्टि से महाराणा प्रताप चौक से ग्राम मिस्सरवला मोड़ तक सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह पुलिस की व्यवस्था की गई है. इस मौके पर दिव्यांग कांवड़ियों का भी उत्साह अपने चरम पर दिखाई दिया, व्हीलचेयर पर हरिद्वार से जल लेकर आए कावड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था.

हरिद्वार से गंगा जल भरकर वापस लौटे कांवड़ियों के जत्थे.

दीपक कुमार ने बताया कि इस कांवड़ को तैयार करने के लिए मेरठ के कारीगरों को बुलाया गया था. जिन्होंने एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद इस कांवड़ को तैयार किया है. प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर इस कांवड़ में थर्माकोल और प्लास्टिक के बजाय बांस, धागे और कपड़े का प्रयोग किया गया है.

ये भी पढ़ें: प्रदेश को मिले 40 नायब तहसीलदार और 80 कानूनगो, तहसीलों में जल्द मिलेगी तैनाती

वहीं गदरपुर में भंडारे के आयोजक अंकित ने कहा कि हमारे द्वारा भोले के भक्तों के स्नान, आराम और खान-पान की पूरी व्यवस्था की गई है. हरिद्वार से जितने भी कांवड़िये गंगाजल लेकर आ रहे हैं. उन सभी भोले के भक्तों का स्वागत किया जा रहा है. साथ ही उनके भोजन की व्यवस्था भी की गई है.

काशीपुर/गदरपुर: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान शिव को जल चढ़ाने के लिए गदरपुर और काशीपुर के कांवड़ियों के जत्थे हरिद्वार से गंगा जल भरकर अपने गंतव्य की ओर निकल गए हैं. इस दौरान काशीपुर में कावड़ के अलग-अलग रूप देखने को मिले. जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग को दर्शाती कांवड़ आकर्षण का केंद्र रही. वहीं गदरपुर में भी कांवड़ियों के स्वागत के लिए विभिन्न स्थानों पर भंडारे आयोजित किए जा रहा हैं. जहां पर कांवड़ियों के लिए स्नान और आराम करने की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है.

बता दें कि काशीपुर मोटेश्वर महादेव सेवक संघ के बैनर तले दीपक कुमार के नेतृत्व में बीते वर्ष से बारह ज्योतिर्लिंगों को दर्शाती कावड़ लेने कांवड़ियों का जत्था रवाना होता है. इसी क्रम में इस साल भी कांवड़ में बारह ज्योतिर्लिंगों को विराजमान किया गया है. वहीं बीते दो दिन पहले कांवड़िये की मौत पर हंगामे के बाद प्रशासन द्वारा सुरक्षात्मक दृष्टि से महाराणा प्रताप चौक से ग्राम मिस्सरवला मोड़ तक सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह पुलिस की व्यवस्था की गई है. इस मौके पर दिव्यांग कांवड़ियों का भी उत्साह अपने चरम पर दिखाई दिया, व्हीलचेयर पर हरिद्वार से जल लेकर आए कावड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था.

हरिद्वार से गंगा जल भरकर वापस लौटे कांवड़ियों के जत्थे.

दीपक कुमार ने बताया कि इस कांवड़ को तैयार करने के लिए मेरठ के कारीगरों को बुलाया गया था. जिन्होंने एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद इस कांवड़ को तैयार किया है. प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर इस कांवड़ में थर्माकोल और प्लास्टिक के बजाय बांस, धागे और कपड़े का प्रयोग किया गया है.

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वहीं गदरपुर में भंडारे के आयोजक अंकित ने कहा कि हमारे द्वारा भोले के भक्तों के स्नान, आराम और खान-पान की पूरी व्यवस्था की गई है. हरिद्वार से जितने भी कांवड़िये गंगाजल लेकर आ रहे हैं. उन सभी भोले के भक्तों का स्वागत किया जा रहा है. साथ ही उनके भोजन की व्यवस्था भी की गई है.

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