रुद्रपुर: उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर गांधी पार्क के सामने धरना प्रदर्शन किया.
किसानों आंदोलन का समर्थन करते हुए संयुक्त ट्रेड यूनियनों ने अपनी मांगों को लेकर धरना दिया. इस दौरान ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को 10 सूत्रीय मांग पत्र तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को 13 सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया है.
ज्ञापन में प्रमुख रूप से सभी चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने, बिजली बिल 2020 वापस लेने, तीनों किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने, निजीकरण बंद करने, सभी गैर आयकर दाता परिवारों के खातों में 7500 रुपए प्रति माह के हिसाब से हस्तांतरित करने जैसी प्रमुख मांगे रखी गई.
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इस दौरान सीटू सचिव लेखराज ने कहा कि सरकार श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाले श्रम कानूनों में किए गए भारी बदलाव को तत्काल वापस ले. श्रम कानूनों का सभी सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों में कड़ाई से पालन करवाए जाए. यदि सरकार ट्रेड यूनियनों की मांगों पर अमल नहीं करती है तो, उन्हें बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
सांकेतिक धरने में सीटू, एटक, इंटक और एक्टू संगठनों ने भाग लिया. संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने श्रम कानून समाप्त किए हैं. यह मजदूरों को गुलामी की ओर धकेलने की कोशिश है, इसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं.