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भारी बारिश भी नहीं रोक सकी भक्तों की आस्था, शिवालय में उमड़ा जन सैलाब

भारी बारिश के बावजूद काशीपुर में लोगों ने शिवालय पहुंचकर शिवलिंग का जलाभिषेक किया. ये आस्था ही है जो भक्तों को अपने भगवान से जोड़ती है.

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महाशिवरात्रि पर मंदिरों में उमड़ा जन सैलाब
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Published : Feb 21, 2020, 4:32 PM IST

काशीपुर: मोटेश्वर महादेव मंदिर में भारी बारिश के बीच हजारों भक्तों ने शिवालय पहुंचकर शिवलिंग में जलाभिषेक किया. भक्तों का शिवालय में आने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा.

महाशिवरात्रि पर मंदिरों में उमड़ा जन सैलाब

काशीपुर के मोटेश्वर महादेव मंदिर के प्रति लोगों में अपार श्रद्धा है. महाभारत कालीन मोटेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग 12वां उप ज्योतिर्लिंग भी माना जाता है. शिवलिंग की मोटाई अधिक होने के कारण यह मोटेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात है. स्कंद पुराण के अनुसार, जो भक्त हरिद्वार से गंगा जल कंधे पर रखकर इस मंदिर में चढ़ाएगा, उसकी मनोकामना पूरी होगी. इसी मान्यता के चलते लोग यहां महाशिवरात्रि और सावन पर कांवड़ लेकर आते हैं.

ये भी पढ़ें: थाने पहुंचे बच्चे, इंस्पेक्टर साहब से सीखा कानून का पाठ

वैसे तो यहां रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पूजा करने आते हैं. लेकिन महाशिवरात्रि के पर्व की बात अलग है. यहां भव्य मेला लगता है. जिसमें यूपी के मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, ठाकुरद्वारा और कई अन्य जिलों के श्रद्धालु यहां हर साल कांवड़ चढ़ाने आते हैं. शिवरात्रि के एक दिन पहले से मंदिर में भक्तों की लाइन लग जाती है और आधी रात से कांवड़ चढ़नी शुरू हो जाती है. वहीं देर रात से हो रही बारिश के बावजूद मोटेश्वर महादेव मंदिर, बांसियो वाला मंदिर, नागनाथ मंदिर, हरी शंकर मंदिर और गंगे बाबा मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में शिव भक्तों का ताता लगा हुआ है.

काशीपुर: मोटेश्वर महादेव मंदिर में भारी बारिश के बीच हजारों भक्तों ने शिवालय पहुंचकर शिवलिंग में जलाभिषेक किया. भक्तों का शिवालय में आने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा.

महाशिवरात्रि पर मंदिरों में उमड़ा जन सैलाब

काशीपुर के मोटेश्वर महादेव मंदिर के प्रति लोगों में अपार श्रद्धा है. महाभारत कालीन मोटेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग 12वां उप ज्योतिर्लिंग भी माना जाता है. शिवलिंग की मोटाई अधिक होने के कारण यह मोटेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात है. स्कंद पुराण के अनुसार, जो भक्त हरिद्वार से गंगा जल कंधे पर रखकर इस मंदिर में चढ़ाएगा, उसकी मनोकामना पूरी होगी. इसी मान्यता के चलते लोग यहां महाशिवरात्रि और सावन पर कांवड़ लेकर आते हैं.

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वैसे तो यहां रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पूजा करने आते हैं. लेकिन महाशिवरात्रि के पर्व की बात अलग है. यहां भव्य मेला लगता है. जिसमें यूपी के मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, ठाकुरद्वारा और कई अन्य जिलों के श्रद्धालु यहां हर साल कांवड़ चढ़ाने आते हैं. शिवरात्रि के एक दिन पहले से मंदिर में भक्तों की लाइन लग जाती है और आधी रात से कांवड़ चढ़नी शुरू हो जाती है. वहीं देर रात से हो रही बारिश के बावजूद मोटेश्वर महादेव मंदिर, बांसियो वाला मंदिर, नागनाथ मंदिर, हरी शंकर मंदिर और गंगे बाबा मंदिर समेत विभिन्न मंदिरों में शिव भक्तों का ताता लगा हुआ है.

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