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हाउस टैक्स में छूट को लेकर लागू नहीं हुआ जीओ, कांग्रेसियों ने बताया CM की जुमलेबाजी

बीते साल सरकार ने करीब ढाई सौ ग्राम पंचायतों को आंशिक या पूर्ण रूप से अलग-अलग शहरी निकायों में शामिल किया था, लेकिन सीएम की घोषणा के दस महीने बीत जाने के बाद भी हाउस टैक्स में छूट का जीओ जारी नहीं हो पाया है.

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Published : Sep 21, 2019, 7:58 PM IST

काशीपुरः नगर निकायों में सीमा विस्तार के बाद शामिल क्षेत्रों के लिए हाउस टैक्स में छूट का जीओ लागू नहीं हो पाया है. सीएम की घोषणा के दस महीने बीत जाने के बाद भी ये जीओ जारी नहीं हो पाया है. ऐसे में काशीपुर नगर निगम आज भी इस घोषणा के शासनादेश का इंतजार कर रहा है. जीओ नहीं मिलने से निगम भी असमंजस की स्थिति में है. वहीं, इन क्षेत्रों के जन प्रतिनिधियां भी मामले को लेकर चिंता में हैं.

हाउस टैक्स में छूट को लेकर लागू नहीं हुआ जीओ.

बता दें कि, बीते साल सरकार ने करीब ढाई सौ ग्राम पंचायतों को आंशिक या पूर्ण रूप से अलग-अलग शहरी निकायों में शामिल किया था. उस समय नगर निकायों में शामिल करने के खिलाफ इन क्षेत्रों में काफी आंदोलन भी हुआ था. जिसमें ग्रामीणों की प्रमुख आपत्ति निकायों में शामिल होने पर हाउस टैक्स देने को लेकर थी.

ये भी पढ़ेंः जहरीली शराब कांडः पथरिया पीर इलाके में पसरा मातम, मृतकों के परिवार को 10 लाख मुआवजे की मांग

बढते आंदोलन और लोगों का आक्रोश शांत करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बीते 27 मार्च को देहरादून के रायपुर क्षेत्र में एक कार्यक्रम में नगर निकायों में शामिल हुए नए क्षेत्रों को दस साल तक हाउस टैक्स में छूट देने की घोषणा की थी.

इतना ही नहीं सीएम त्रिवेंद्र ने बीते साल नवंबर महीने में काशीपुर में निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी की मेयर प्रत्याशी ऊषा चौधरी के समर्थन में रैली भी की थी. जिसमें उन्होंने इस वादे को भी दोहराया था. जिसके बाद से अभी तक करीब दस महीने का समय बीत गया है, लेकिन सीएम की घोषणा शहरी विकास विभाग से निदेशालय के बीच ही घूम रही है.

ये भी पढ़ेंः मोबाइल नेटवर्क से महरूम ब्लॉक मुख्यालय, क्या ऐसे बनेगा DIGITAL इंडिया ?

अभी भी काशीपुर नगर निगम नए शामिल क्षेत्रों में हाउस टैक्स नहीं ले रहा है. जबकि, खुद मुख्य नगर आयुक्त मानते हैं कि इससे निगम को आय की भारी क्षति होती है. उधर, काशीपुर के कांग्रेस नगर अध्यक्ष संदीप सहगल इसे सीएम की जुमलेबाजी बताया है.

काशीपुरः नगर निकायों में सीमा विस्तार के बाद शामिल क्षेत्रों के लिए हाउस टैक्स में छूट का जीओ लागू नहीं हो पाया है. सीएम की घोषणा के दस महीने बीत जाने के बाद भी ये जीओ जारी नहीं हो पाया है. ऐसे में काशीपुर नगर निगम आज भी इस घोषणा के शासनादेश का इंतजार कर रहा है. जीओ नहीं मिलने से निगम भी असमंजस की स्थिति में है. वहीं, इन क्षेत्रों के जन प्रतिनिधियां भी मामले को लेकर चिंता में हैं.

हाउस टैक्स में छूट को लेकर लागू नहीं हुआ जीओ.

बता दें कि, बीते साल सरकार ने करीब ढाई सौ ग्राम पंचायतों को आंशिक या पूर्ण रूप से अलग-अलग शहरी निकायों में शामिल किया था. उस समय नगर निकायों में शामिल करने के खिलाफ इन क्षेत्रों में काफी आंदोलन भी हुआ था. जिसमें ग्रामीणों की प्रमुख आपत्ति निकायों में शामिल होने पर हाउस टैक्स देने को लेकर थी.

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बढते आंदोलन और लोगों का आक्रोश शांत करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बीते 27 मार्च को देहरादून के रायपुर क्षेत्र में एक कार्यक्रम में नगर निकायों में शामिल हुए नए क्षेत्रों को दस साल तक हाउस टैक्स में छूट देने की घोषणा की थी.

इतना ही नहीं सीएम त्रिवेंद्र ने बीते साल नवंबर महीने में काशीपुर में निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी की मेयर प्रत्याशी ऊषा चौधरी के समर्थन में रैली भी की थी. जिसमें उन्होंने इस वादे को भी दोहराया था. जिसके बाद से अभी तक करीब दस महीने का समय बीत गया है, लेकिन सीएम की घोषणा शहरी विकास विभाग से निदेशालय के बीच ही घूम रही है.

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अभी भी काशीपुर नगर निगम नए शामिल क्षेत्रों में हाउस टैक्स नहीं ले रहा है. जबकि, खुद मुख्य नगर आयुक्त मानते हैं कि इससे निगम को आय की भारी क्षति होती है. उधर, काशीपुर के कांग्रेस नगर अध्यक्ष संदीप सहगल इसे सीएम की जुमलेबाजी बताया है.

Intro:


Summary- राज्य के नगर निकायों में सीमा विस्तार के जरिए शामिल इलाकों को हाउस टैक्स में छूट का जीओ सीएम की घोषणा के दस महीने बाद भी जारी नहीं हो पाया है। काशीपुर नगर निगम आज भी इस घोषणा के शासनादेश का इन्तजार कर रहा है। जीओ नहीं मिलने से निगम असमंजस की स्थति में है वही नए शामिल इलाकों के जन प्रतिनिधियों को इस पर चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है।

एंकर - राज्य के नगर निकायों में सीमा विस्तार के जरिए शामिल इलाकों को हाउस टैक्स में छूट का जीओ सीएम की घोषणा के दस महीने बाद भी जारी नहीं हो पाया है। काशीपुर नगर निगम आज भी इस घोषणा के शासनादेश का इन्तजार कर रहा है। जीओ नहीं मिलने से निगम असमंजस की स्थति में है वही नए शामिल इलाकों के जन प्रतिनिधियों को इस पर चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है।

Body:बीओ - सरकार ने गत वर्ष करीब ढाई सौ ग्राम पंचायतों को आंशिक या पूर्ण रूप से अलग-अलग शहरी निकायों में शामिल किया था। नगर निकायों में शामिल करने के खिलाफ तब इन क्षेत्रों में व्यापक आंदोलन भी हुआ। ग्रामीणों की प्रमुख आपत्ति निकायों में शामिल होने पर हाउस टैक्स देने को लेकर ही थी। इन हालात के बीच लोगों का आक्रोश शांत करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने गत 27 मार्च को देहरादून के रायपुर क्षेत्र में एक कार्यक्रम में नगर निकायों में नए शामिल हुए इलाकों को दस साल तक हाउस टैक्स में छूट देने की घोषणा की थी। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते वर्ष नवंबर माह में काशीपुर में निकाय चुनाव के दौरान भाजपा की मेयर प्रत्याशी ऊषा चौधरी के समर्थन में की गई रैली के दौरान भी अपने इस वादे को दोहराया था। तब से दस महीने का समय बीत गया है, लेकिन मुख्यँँमंत्री की घोषणा शहरी विकास विभाग से निदेशालय के बीच ही घूम रही है।

विजुअल ( काशीपुर में मंच से घोषणा करते मुख्यमंत्री रावत )

बाईट - ऊषा चौधरी ( महापौर)

बीओ - मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा का शासनादेश नहीं मिलने के बाबजूद आज तक काशीपुर नगर निगम नए शामिल क्षेत्रों में हाउस टेक्स नहीं ले रहा है जबकि खुद मुख्य नगर आयुक्त मानते है कि इससे निगम को आय की भारी क्षति होती है। उधर काशीपुर के कांग्रेस नगर अध्यक्ष संदीप सहगल इसे सी एम की जुमलेबाजी बता कर वर्तमान सरकार की खिचाई करने का मौका नहीं छोड़ रहे।

बाईट - बंशीधर तिवारी ( मुख्य नगर आयुक्त, काशीपुर )
बाईट - संदीप सहगल ( कांग्रेस नगराध्यक्ष )

एफ बी ओ - दस माह बीत जाने के बाबजूद ये शासनादेश आखिर क्यों नहीं हो पाया है। क्या विभाग मुख्यमंत्री की घोषणा को लेकर गंभीर नहीं है या फिर ये सिर्फ चुनावी फ़ायदे के लिए की गई घोषणा थी। ऐसे ही कई सवाल आज जनता के जहन में घूम रहे है।Conclusion:
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