खटीमा: प्रदेश की सरकार द्वारा भले ही एक अक्टूबर से किसानों के धान की खरीद के लिए खटीमा क्षेत्र में 47 सरकारी धान खरीद केंद्र खोलकर धान की खरीद शुरू कर दी गई है. लेकिन किसान अभी भी बिचौलियों को धान बेचने पर मजबूर हैं. सरकार की इस बेरूखी से किसान हैरान है कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री का कहना है कि देश के किसानों की आय दोगुना करना है 2020 तक वही दूसरी तरफ किसानो को जरूरी सुविधा देने मे पिछड रही है.
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा खटीमा क्षेत्र से तीन लाख कुंटल से अधिक धान के खरीद का लक्ष्य रखा है.वहीं, अभी तक सरकारी कांटो पर बमुश्किल 30,000 क्वीटल धान की खरीद हो पाई है.
यह भी पढे़ं-बेटी की हार पर बोले बीजेपी विधायक चुफाल, पार्टी के बड़े पदाधिकारियों ने किया भितरघात
किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह के अनुसार एक अक्टूबर से सरकारी धान क्रय केंद्र शुरू कर दिए गए थे. इन क्रय केंद्रों में 17 प्रतिशत तक
की नमी वाला धान खरीदा जा रहा है.
यह भी पढे़ं-उत्तराखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दीपावली से पहले रोडवेज कर्मचारियों को मिल सकता है तोहफा
साथ ही कच्चा आढ़तियो व राइस मिलर को लाइसेंस देकर मंडी समितियों में किसानों का 17 प्रतिशत से अधिक नमी का धान खुली बोली के द्वारा खरीदने की व्यवस्था की गई है ताकि किसान अपना धान मंडी में लाए तो उसे वापस न जाना पड़े.
यह भी पढे़ं-आरटीओ कर्मचारी डकैती मामला: पुलिस ने RTO कर्मी की पत्नी की तहरीर पर दर्ज किया मुकदमा
17% से अधिक नमी का धान खरीदते समय कच्चे आढ़ती मानक के अनुसार धान में प्रति कुंटल में कटौती भी कर रहे हैं. साथ ही इस बार ऑनलाइन किसान की धान की खरीद की जा रही है और धान खरीद के 48 घंटे के अंदर किसान को उसके धान की कीमत भी दी जा रही है.
यह भी पढे़ं-मसूरी: तूल पकड़ने लगा पालिकाध्यक्ष से अभद्रता का मामला, कल बंद का आह्वान
वहीं, किसानों का कहना है कि वह आज भी अपना धान बिचौलियों को बेचने को मजबूर हैं . उनका कहना है कि सरकार ने एक अक्टूबर से धान खरीदने के लिए धान क्रय केंद्र तो खोल दिए हैं लेकिन वहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं है न तो धान सुखाने के लिए फड़ की व्यवस्था की गई है और ना ही पंखे की व्यवस्था है.
यह भी पढे़ं-अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर पलटा, दबने से दो की मौत
किसानों का कहना है कि जब भी वह धान लेकर सरकारी धान क्रय केंद्र पर जाते हैं 17 प्रतिशत से अधिक नमी बताकर खरीदने से मना कर दिया जाता है. जिस कारण उन्हें मजबूरी में कच्चे आढती को या बिचौलियों को सस्ते दाम पर धान बेचना पड़ता है.
यह भी पढे़ं-मसूरी: तूल पकड़ने लगा पालिकाध्यक्ष से अभद्रता का मामला, कल बंद का आह्वान
धान क्रय केंद्र के व्यवस्थापक का कहना है कि 20 सितंबर से धान क्रय केंद्र खोल दिए गए थे और एक अक्टूबर से धान क्रय केंद्रों पर बारदाना भी आ गए था. जिसके बाद से धान खरीद शुरू कर दी गई थी. लेकिन अभी तक किसानों का जो धान धान -क्रय केंद्रों पर वह 17 परसेंट से भी ज्यादा नमी वाला है.
यह भी पढे़ं-धनतेरस विशेष: सोना-चांदी खरीदने से पहले जान लें ये बात, नहीं तो कट जाएगी जेब
केंद्र के व्यवस्थापक ने कहा की वह 17 परसेंट से भी ज्यादा नमी वाला सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान नहीं खरीदा जा रहा है. उन्होंने कहा कि 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाला धान मंडी समितियों में कच्चे आढ़तियों और राइस मिलर द्वारा खुली बोली लगाकर खरीदा जा रहा है.