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Jaspur GST Fraud: 300 अधिकारियों की 24 घंटे छापेमारी, 100 करोड़ के लेनदेन में पकड़ी 18 करोड़ की टैक्स चोरी

जसपुर में जीएसटी विभाग ने जो छापेमारी की थी, उसमें अब बड़ा खुलासा हुआ है. विभाग का कहना है कि कुछ लोगों ने अलग-अलग पहचान पत्रों का गलत इस्तेमाल कर गैर कानूनी तरीकों से जीएसटी का लाभ लिया. विभाग का कहना है कि 100 करोड़ के लेनदेन में 18 करोड़ की जीएसटी की चोरी की गई.

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जसपुर समाचार
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Published : Mar 6, 2023, 10:18 AM IST

देहरादून/जसपुर: जीएसटी विभाग ने रविवार को ऊधमसिंह नगर के जसपुर इलाके में की गयी छापेमारी की जानकारी दी है. जीएसटी टीम ने बताया कि कर विभाग के तकरीबन 300 अधिकारियों कर्मचारियों की कुल 27 टीमों ने जसपुर में रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड लकड़ी के 27 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, आवास, ट्रासपोटर्स और वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्यालयों पर छापेमारी की. टैक्स चोरी को लेकर की गई जांच में प्रथम दृष्टया 100 करोड़ से ज्यादा के लेनदेन में गड़बड़ी नजर आ रही है.

ये था पूरा गड़बड़ घोटाला: आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से लगातार रुद्रपुर टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ऐसे लोगों और ऐसी फर्म को लेकर ड्राइव चलाई जा रही है, जिनके द्वारा फेक ट्रेडिंग फर्में बनाकर गैरकानूनी तरीके से आईटीसी का लाभ लिया जा रहा था. इस इन्वेस्टिगेशन ड्राइव में सामने आया है कि कुछ लोगों ने अलग अलग पहचान पत्रों का गलत इस्तेमाल कर फर्जी फर्में बनाई गई हैं. एक नेक्सस के तहत राज्य को भारी मात्रा में राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा था. ये नेक्सस उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बिजनौर, रामपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर और हरियाणा में यमुनानगर आदि स्थानों को बिल और माल आपूर्ति के बिना ही पेपर ट्रेडिंग के जरिये फेक ITC उपलब्ध कराई जा रही थी.

लकड़ी के फर्जी व्यापारियों ने बनाया सिंडिकेट: इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि लकड़ी के इन फर्जी व्यापारियों ने सिंडिकेट बनाकर जानबूझ कर केंद्र और राज्य क्षेत्राधिकार में बिना माल की आपूर्ति किये फर्जी इनवोइस जारी करते हुए ई-वे बिल जारी कर (आईटीसी) का गैरकानूनी तौर पर लाभ लेकर राजस्व को भारी मात्रा में क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था.

लकड़ी के फर्जी व्यापारियों ने की 18 करोड़ की टैक्स चोरी: इसका संज्ञान लेकर ऐसी फर्जी फर्मों की सूचनाओं को संकलित करते हुए उनके व्यापार स्थलों पर एक साथ छापामारी की कार्रवाई की गई. प्रथम दृष्टया लगभग 100.00 करोड़ के सेल पर तकरीबन 18 करोड़ रुपये का टैक्स (GST) चोरी का मामला सामने लाया गया.

सात लाख रुपए की नकदी भी बरामद: ऊधम सिंह नगर के DM और SSP के अलावा SDM जसपुर के नेतृत्व में इस विशेष अभियान हेतु नामित समस्त टीमों ने बीते रोज इन फर्जी फर्म से जुड़े लोगों और उनके कार्यालयों पर सुबह 11:00 बजे से जांच शुरू की. जांच के दौरान व्यापारियों के ऑफिसों से अकाउंट बुक, मोबाइल और लैपटॉप, टैबलेट, मोहरें, बिल बुकें, एटीएम कार्ड्स सहित सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया गया. टैक्स डिपार्टमेंट ने जब्त इलोक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस के डेटा की पुष्टि हेतु फॉरेंसिक विशेषज्ञों को भी इस रेड में शामिल किया. इस छापेमारी के दौरान तकरीबन सात लाख रुपये की नकदी भी बरामद की गई. जब्त किए गए सभी दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की जांच चल रही है. छापेमारी में नॉन रजिस्टर्ड फर्मों को और जो कार्यालय छापेमारी के दौरान बंद थे उन्हें सील किया गया है.
ये भी पढ़ें: Jaspur GST Team Raid: जसपुर में जीएसटी टीम की छापेमारी, 5 जगहों को किया गया सील

फर्जी तरीके से ले रहे थे ITC का लाभ: इस छापेमारी के बारे में अपर आयुक्त कर अमित गुप्ता ने जानकारी दी कि जांच के दौरान यह पाया गया कि इन फर्मों ने GST के नियमों का पालन किये बिना फर्जी ITC का लाभ लिया जा रहा था. उन्होंने बताया कि छापेमारी की ये कार्रवाई देर रात 9:00 बजे के बाद भी चलती रही, जिसमें टीमों द्वारा इन फर्मों के मालिकों और प्रतिनिधियों के बयान भी दर्ज किये गये.

देहरादून/जसपुर: जीएसटी विभाग ने रविवार को ऊधमसिंह नगर के जसपुर इलाके में की गयी छापेमारी की जानकारी दी है. जीएसटी टीम ने बताया कि कर विभाग के तकरीबन 300 अधिकारियों कर्मचारियों की कुल 27 टीमों ने जसपुर में रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड लकड़ी के 27 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, आवास, ट्रासपोटर्स और वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्यालयों पर छापेमारी की. टैक्स चोरी को लेकर की गई जांच में प्रथम दृष्टया 100 करोड़ से ज्यादा के लेनदेन में गड़बड़ी नजर आ रही है.

ये था पूरा गड़बड़ घोटाला: आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से लगातार रुद्रपुर टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ऐसे लोगों और ऐसी फर्म को लेकर ड्राइव चलाई जा रही है, जिनके द्वारा फेक ट्रेडिंग फर्में बनाकर गैरकानूनी तरीके से आईटीसी का लाभ लिया जा रहा था. इस इन्वेस्टिगेशन ड्राइव में सामने आया है कि कुछ लोगों ने अलग अलग पहचान पत्रों का गलत इस्तेमाल कर फर्जी फर्में बनाई गई हैं. एक नेक्सस के तहत राज्य को भारी मात्रा में राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा था. ये नेक्सस उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बिजनौर, रामपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर और हरियाणा में यमुनानगर आदि स्थानों को बिल और माल आपूर्ति के बिना ही पेपर ट्रेडिंग के जरिये फेक ITC उपलब्ध कराई जा रही थी.

लकड़ी के फर्जी व्यापारियों ने बनाया सिंडिकेट: इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि लकड़ी के इन फर्जी व्यापारियों ने सिंडिकेट बनाकर जानबूझ कर केंद्र और राज्य क्षेत्राधिकार में बिना माल की आपूर्ति किये फर्जी इनवोइस जारी करते हुए ई-वे बिल जारी कर (आईटीसी) का गैरकानूनी तौर पर लाभ लेकर राजस्व को भारी मात्रा में क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था.

लकड़ी के फर्जी व्यापारियों ने की 18 करोड़ की टैक्स चोरी: इसका संज्ञान लेकर ऐसी फर्जी फर्मों की सूचनाओं को संकलित करते हुए उनके व्यापार स्थलों पर एक साथ छापामारी की कार्रवाई की गई. प्रथम दृष्टया लगभग 100.00 करोड़ के सेल पर तकरीबन 18 करोड़ रुपये का टैक्स (GST) चोरी का मामला सामने लाया गया.

सात लाख रुपए की नकदी भी बरामद: ऊधम सिंह नगर के DM और SSP के अलावा SDM जसपुर के नेतृत्व में इस विशेष अभियान हेतु नामित समस्त टीमों ने बीते रोज इन फर्जी फर्म से जुड़े लोगों और उनके कार्यालयों पर सुबह 11:00 बजे से जांच शुरू की. जांच के दौरान व्यापारियों के ऑफिसों से अकाउंट बुक, मोबाइल और लैपटॉप, टैबलेट, मोहरें, बिल बुकें, एटीएम कार्ड्स सहित सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया गया. टैक्स डिपार्टमेंट ने जब्त इलोक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस के डेटा की पुष्टि हेतु फॉरेंसिक विशेषज्ञों को भी इस रेड में शामिल किया. इस छापेमारी के दौरान तकरीबन सात लाख रुपये की नकदी भी बरामद की गई. जब्त किए गए सभी दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की जांच चल रही है. छापेमारी में नॉन रजिस्टर्ड फर्मों को और जो कार्यालय छापेमारी के दौरान बंद थे उन्हें सील किया गया है.
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फर्जी तरीके से ले रहे थे ITC का लाभ: इस छापेमारी के बारे में अपर आयुक्त कर अमित गुप्ता ने जानकारी दी कि जांच के दौरान यह पाया गया कि इन फर्मों ने GST के नियमों का पालन किये बिना फर्जी ITC का लाभ लिया जा रहा था. उन्होंने बताया कि छापेमारी की ये कार्रवाई देर रात 9:00 बजे के बाद भी चलती रही, जिसमें टीमों द्वारा इन फर्मों के मालिकों और प्रतिनिधियों के बयान भी दर्ज किये गये.

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