ETV Bharat / state

उत्तराखंड आपदा: राइस मिलों में पानी भरने से धान खराब, करोड़ों के नुकसान का अनुमान - Government Paddy Bad

भारी बारिश का मैदानी इलाकों में सबसे ज्यादा असर उधम सिंह नगर जनपद में देखने को मिला है. यहां मौसम खुलने के दो दिन बाद भी राइस मिलों में कमर तक पानी भरा हुआ है, जिससे मिलों में रखा करोड़ों रुपये का सरकारी और निजी धान खराब हो चुका है.

Rudrapur Rice Mill News
Rudrapur Rice Mill News
author img

By

Published : Oct 21, 2021, 10:35 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले लगातार जल प्रहार से अब तक 5 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है और कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है. मैदानी इलाकों में सबसे अधिक नुकसान उधम सिंह नगर जनपद में देखने को मिला है. मौसम खुलने के दो दिन बाद भी राइस मिलों में कमर तक पानी भरा हुआ है, जिससे मिलों में रखा करोड़ों रुपये का सरकारी और निजी धान खराब हो चुका है.

बता दें, रुद्रपुर क्षेत्र में 32 राइस मिल हैं, जिसमें एक दो को छोड़कर सभी मिलों में पानी भर गया है. नेशनल हाईवे-74 से लगते हुए राइस मिल सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. मिल मालिकों का कहना है कि एनएच-74 में ड्रेनेज सिस्टम सही न होने की वजह से शहर का ये हाल हुआ है. उन्होंने बताया कि राइस मिलों में पानी भरने से 25 से 30 करोड़ का नुकसान हुआ है. फैक्ट्री के अंदर अभी भी कमर तक पानी भरा हुआ है, पिछले 48 घंटों से पंप की मदद से पानी को बाहर सिंचाई विभाग की नहर में छोड़ा जा रहा है.

राइस मिलों में पानी भरने से सरकारी धान खराब

सरकारी धान हुआ खराब: एक अक्टूबर से धान क्रय केंद्रों में सरकार द्वारा धान की खरीद की जा रही है, जिसमें अधिकांश धान मिलों को भेजा जा रहा था. लेकिन मिलों में पानी भर जाने के कारण धान और तैयार किया गया चावल भीग चुका है. ऐसे में राइस मिलों को भारी नुकसान हुआ है.

चावल एक्सपोर्ट करने में होगी परेशानी: उधम सिंह नगर जनपद से चावल को विदेश भेजा जाता है. लेकिन बाढ़ जैसे हालात से धान की फसल खराब हो चुकी है. अब विदेश भेजने वाले चावल में गुणवत्ता को लेकर समस्या आ सकती है.

पढ़ें- न सड़कें बचीं, न रेल लाइन... आपदा की 'बाढ़' में बह गए 5 हजार करोड़ रुपए

राइस मिल एसोसिएशन सेकेट्री रोहित मित्तल आरोप लगाते हुए कहा कि जब से एनएच-74 बनकर तैयार हुआ है, तब से रुद्रपुर क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि काशीपुर ओवरब्रिज से लेकर तीन पानी डैम तक कोई भी ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनाया गया है, जिस कारण पानी रुक रहा है. उन्होंने राइस मिल मालिकों के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले लगातार जल प्रहार से अब तक 5 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है और कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है. मैदानी इलाकों में सबसे अधिक नुकसान उधम सिंह नगर जनपद में देखने को मिला है. मौसम खुलने के दो दिन बाद भी राइस मिलों में कमर तक पानी भरा हुआ है, जिससे मिलों में रखा करोड़ों रुपये का सरकारी और निजी धान खराब हो चुका है.

बता दें, रुद्रपुर क्षेत्र में 32 राइस मिल हैं, जिसमें एक दो को छोड़कर सभी मिलों में पानी भर गया है. नेशनल हाईवे-74 से लगते हुए राइस मिल सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. मिल मालिकों का कहना है कि एनएच-74 में ड्रेनेज सिस्टम सही न होने की वजह से शहर का ये हाल हुआ है. उन्होंने बताया कि राइस मिलों में पानी भरने से 25 से 30 करोड़ का नुकसान हुआ है. फैक्ट्री के अंदर अभी भी कमर तक पानी भरा हुआ है, पिछले 48 घंटों से पंप की मदद से पानी को बाहर सिंचाई विभाग की नहर में छोड़ा जा रहा है.

राइस मिलों में पानी भरने से सरकारी धान खराब

सरकारी धान हुआ खराब: एक अक्टूबर से धान क्रय केंद्रों में सरकार द्वारा धान की खरीद की जा रही है, जिसमें अधिकांश धान मिलों को भेजा जा रहा था. लेकिन मिलों में पानी भर जाने के कारण धान और तैयार किया गया चावल भीग चुका है. ऐसे में राइस मिलों को भारी नुकसान हुआ है.

चावल एक्सपोर्ट करने में होगी परेशानी: उधम सिंह नगर जनपद से चावल को विदेश भेजा जाता है. लेकिन बाढ़ जैसे हालात से धान की फसल खराब हो चुकी है. अब विदेश भेजने वाले चावल में गुणवत्ता को लेकर समस्या आ सकती है.

पढ़ें- न सड़कें बचीं, न रेल लाइन... आपदा की 'बाढ़' में बह गए 5 हजार करोड़ रुपए

राइस मिल एसोसिएशन सेकेट्री रोहित मित्तल आरोप लगाते हुए कहा कि जब से एनएच-74 बनकर तैयार हुआ है, तब से रुद्रपुर क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि काशीपुर ओवरब्रिज से लेकर तीन पानी डैम तक कोई भी ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनाया गया है, जिस कारण पानी रुक रहा है. उन्होंने राइस मिल मालिकों के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.