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Uttarakhand Police Mobile App: उधमसिंह नगर में दर्ज हुई पहली E-FIR

उत्तराखंड पुलिस मोबाइल एप पर पहली एफआईआर दर्ज की गई है. रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थाने में पहली ये पहली ई-एफआईआर दर्ज हुई है. पहली ई-एफआईआर में बाइक चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया है.

Uttarakhand Police Mobile App पर दर्ज हुई पहली e-FIR
Uttarakhand Police Mobile App पर दर्ज हुई पहली e-FIR
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Published : Sep 17, 2022, 2:59 PM IST

रुद्रपुर: उधमसिंह नगर जनपद में उत्तराखंड पुलिस एप (Devbhoomi Uttarakhand Police Mobile App) के माध्यम से ट्रांजिट कैंप थाना निवासी एक युवक ने चोरी का मुकदमा दर्ज (Bike theft case in e FIR) कराया है. यह पुलिस एप के माध्यम से दर्ज किया गया पहला (first e FIR in transit camp police station) मुकदमा है. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है. पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी हुई है.

उत्तराखंड पुलिस एप की लॉन्चिंग के बाद अब जनपद के ट्रांजिट कैंप थाने में पहली ई-एफआईआर दर्ज की गई है. दरअसल, उत्तराखंड पुलिस ने लोगों को घर बैठे-बैठे उत्तराखंड पुलिस एप के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा दी है. इसी के चलते रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र निवासी बिरेश कश्यप ने बाइक चोरी की तहरीर उत्तराखंड पुलिस एप के माध्यम से पुलिस को सौंपी है.

पढे़ं- बदरीनाथ की पहाड़ियों पर बर्फबारी, मोक्ष धाम में पड़ी कड़ाके की सर्दी

पुलिस को सौंपी गई तहरीर में बताया गया की वह मूल रूप से बरेली उत्तरप्रदेश हाल निवासी आजाद नगर ट्राजिट कैंप थाना क्षेत्र में रहता है. 12 सितंबर को सुबह बाइक घर की लॉबी में खड़ी कर ड्यूटी चला गया था. जब वह शाम को घर पहुंचा तो बाइक अपने स्थान पर मौजूद नहीं थी. काफी खोजबीन करने के बाद भी बाइक का कुछ भी पता नहीं चल पाया है. जिसके बाद पीड़ित ने उत्तराखंड पुलिस एप के माध्यम से मुकदमा दर्ज करवाया. पुलिस एप पर शिकायत मिलने के बाद पुलिस भी एक्टिव हो गई है. पुलिस ने मामले में छानबीन शुरू कर दी है. घर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है.

पढे़ं- दो दिन से बंद पड़ी केदारनाथ यात्रा कुछ देर के लिए खुली, 8 हजार तीर्थयात्री हुए रवाना

बता दें उत्तराखंडवासियों के लिए 9 नवंबर 2016 में शुरू की गई सिटीजन पोर्टल सेवा का विस्तार किया गया. ये सेवा केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 2013 में सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई थी. अभी तक इसमें पुलिस मोबाइल एप के जरिए एफआईआर दर्ज कराने के साथ तीन तरह की स्टेट्स सेवाएं प्रदान की गई थी. लेकिन अब इसका विस्तार करते हुए इसमें 13 अन्य सेवाओं को जोड़ा गया. इसके साथ ही पुलिस मोबाइल एप का नाम बदलकर "देवभूमि उत्तराखंड पुलिस एप'' किया गया.

पढे़ं- देवभूमि उत्तराखंड पुलिस एप लॉन्च, घर बैठे मिलेगा इन 16 सुविधाओं का लाभ

देवभूमि उत्तराखंड पुलिस एप पर कोई भी व्यक्ति एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही केस से जुड़ी कार्रवाई का अपडेट किसी भी समय ले सकता है. इसके साथ किसी भी अन्य आपातकाल सेवाओं के लिए थाना-चौकी में जाने की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा आपातकाल सेवाओं के लिए डायल 112 की सेवा अब पूरी तरह से सुचारू हो चुकी है. जिसमें कोई भी नागरिक किसी भी समय इमरजेंसी सेवा के लिए कहीं से भी 112 डायल कर पुलिस सहायता प्राप्त कर सकता है.

देवभूमि उत्तराखंड पुलिस मोबाइल एप से मिलने वाले सेवाओं का सूची

  1. शिकायत पंजीकरण
  2. एफआईआर दर्ज
  3. कार्रवाही अपडेट.
  4. किराएदार/पीजी सत्यापन अनुरोध
  5. कार्यक्रम प्रदर्शन अनुरोध
  6. कर्मचारी सत्यापन
  7. जुलूस अनुरोध
  8. हड़ताल अनुरोध
  9. घरेलू सहायता
  10. सत्यापन साइबर
  11. क्राइम शिकायत पंजीकरण
  12. गुमशुदा व्यक्ति पंजीकरण
  13. कोई संपत्ति पंजीकरण
  14. पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट
  15. नजदीकी पुलिस स्टेशन खोजें
  16. टेलिफोन डायरेक्टरी
  17. आपातकालीन सहायताएं

रुद्रपुर: उधमसिंह नगर जनपद में उत्तराखंड पुलिस एप (Devbhoomi Uttarakhand Police Mobile App) के माध्यम से ट्रांजिट कैंप थाना निवासी एक युवक ने चोरी का मुकदमा दर्ज (Bike theft case in e FIR) कराया है. यह पुलिस एप के माध्यम से दर्ज किया गया पहला (first e FIR in transit camp police station) मुकदमा है. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है. पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी हुई है.

उत्तराखंड पुलिस एप की लॉन्चिंग के बाद अब जनपद के ट्रांजिट कैंप थाने में पहली ई-एफआईआर दर्ज की गई है. दरअसल, उत्तराखंड पुलिस ने लोगों को घर बैठे-बैठे उत्तराखंड पुलिस एप के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा दी है. इसी के चलते रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र निवासी बिरेश कश्यप ने बाइक चोरी की तहरीर उत्तराखंड पुलिस एप के माध्यम से पुलिस को सौंपी है.

पढे़ं- बदरीनाथ की पहाड़ियों पर बर्फबारी, मोक्ष धाम में पड़ी कड़ाके की सर्दी

पुलिस को सौंपी गई तहरीर में बताया गया की वह मूल रूप से बरेली उत्तरप्रदेश हाल निवासी आजाद नगर ट्राजिट कैंप थाना क्षेत्र में रहता है. 12 सितंबर को सुबह बाइक घर की लॉबी में खड़ी कर ड्यूटी चला गया था. जब वह शाम को घर पहुंचा तो बाइक अपने स्थान पर मौजूद नहीं थी. काफी खोजबीन करने के बाद भी बाइक का कुछ भी पता नहीं चल पाया है. जिसके बाद पीड़ित ने उत्तराखंड पुलिस एप के माध्यम से मुकदमा दर्ज करवाया. पुलिस एप पर शिकायत मिलने के बाद पुलिस भी एक्टिव हो गई है. पुलिस ने मामले में छानबीन शुरू कर दी है. घर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है.

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बता दें उत्तराखंडवासियों के लिए 9 नवंबर 2016 में शुरू की गई सिटीजन पोर्टल सेवा का विस्तार किया गया. ये सेवा केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 2013 में सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई थी. अभी तक इसमें पुलिस मोबाइल एप के जरिए एफआईआर दर्ज कराने के साथ तीन तरह की स्टेट्स सेवाएं प्रदान की गई थी. लेकिन अब इसका विस्तार करते हुए इसमें 13 अन्य सेवाओं को जोड़ा गया. इसके साथ ही पुलिस मोबाइल एप का नाम बदलकर "देवभूमि उत्तराखंड पुलिस एप'' किया गया.

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देवभूमि उत्तराखंड पुलिस एप पर कोई भी व्यक्ति एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही केस से जुड़ी कार्रवाई का अपडेट किसी भी समय ले सकता है. इसके साथ किसी भी अन्य आपातकाल सेवाओं के लिए थाना-चौकी में जाने की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा आपातकाल सेवाओं के लिए डायल 112 की सेवा अब पूरी तरह से सुचारू हो चुकी है. जिसमें कोई भी नागरिक किसी भी समय इमरजेंसी सेवा के लिए कहीं से भी 112 डायल कर पुलिस सहायता प्राप्त कर सकता है.

देवभूमि उत्तराखंड पुलिस मोबाइल एप से मिलने वाले सेवाओं का सूची

  1. शिकायत पंजीकरण
  2. एफआईआर दर्ज
  3. कार्रवाही अपडेट.
  4. किराएदार/पीजी सत्यापन अनुरोध
  5. कार्यक्रम प्रदर्शन अनुरोध
  6. कर्मचारी सत्यापन
  7. जुलूस अनुरोध
  8. हड़ताल अनुरोध
  9. घरेलू सहायता
  10. सत्यापन साइबर
  11. क्राइम शिकायत पंजीकरण
  12. गुमशुदा व्यक्ति पंजीकरण
  13. कोई संपत्ति पंजीकरण
  14. पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट
  15. नजदीकी पुलिस स्टेशन खोजें
  16. टेलिफोन डायरेक्टरी
  17. आपातकालीन सहायताएं
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