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जानवरों में भी है संवेदना, सांड की मौत पर साथी रोया, देखिए वीडियो

सबसे पहले महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने बताया था कि पेड़-पौधों को भी इंसानों की तरह दर्द होता है. पेड़-पौधों को दर्द होता है तो जानवर भी निश्चित रूप से इसका अहसास करते हैं. एक सांड का दोस्त गुजर गया तो उसने कैसे अपना दर्द व्यक्त किया जानने के लिए पढ़िए ये स्टोरी.

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Published : May 21, 2021, 6:16 PM IST

Death of Kashipur Bull
Death of Kashipur Bull

काशीपुर: इंसानों की तरह जानवरों में भी भावनाएं होती हैं. भले ही हो भाषा में इसे व्यक्त नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें देखकर हम समझ सकते हैं कि ये जानवर दर्द में है. ऐसा ही दृश्य काशीपुर में घटित हुआ. यहां एक सांड की मौत हो गई. वहां के लोग जब सांड को संस्कार के लिए ले गए तो उसका साथी सांड आकर विलाप करने लगा. वहां मौजूद एक युवक ने ये दृश्य मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया.

सांड की मौत पर साथी रोया.

कुमारतनय सभा भवन के पास बारिश में बिजली के खंभे पर आए करंट से एक सांड की मौत हो गई. आसपास के लोगों ने सांड को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके. पशु चिकित्सक को बुला कर उपचार भी कराया, लेकिन सांड को बचा नहीं सके.

पढ़ें- पंचतत्व में विलीन हुए हिमालय के रक्षक सुंदरलाल बहुगुणा, ऋषिकेश में हुआ अंतिम संस्कार

इसके बाद नगर निगम को सूचित किया गया. निगम के कर्मचारी मृत सांड को उठाकर ले गए. थोड़ी देर बाद उस सांड का साथी सांड मौके पर आ पहुंचा. साथी को वहां नहीं पाकर वो जोर-जोर से रोने लगा. काफी देर तक सांड उस जगह को सूंघ कर समझने की कोशिश करता रहा कि उसके साथी को क्या हुआ होगा. जिस चादर में सांड को लपेटा गया था उसे भी सांड ने सूंघा. काफी देर तक शोक जताने के बाद आखिर सांड वहां से चला गया.

काशीपुर: इंसानों की तरह जानवरों में भी भावनाएं होती हैं. भले ही हो भाषा में इसे व्यक्त नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें देखकर हम समझ सकते हैं कि ये जानवर दर्द में है. ऐसा ही दृश्य काशीपुर में घटित हुआ. यहां एक सांड की मौत हो गई. वहां के लोग जब सांड को संस्कार के लिए ले गए तो उसका साथी सांड आकर विलाप करने लगा. वहां मौजूद एक युवक ने ये दृश्य मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया.

सांड की मौत पर साथी रोया.

कुमारतनय सभा भवन के पास बारिश में बिजली के खंभे पर आए करंट से एक सांड की मौत हो गई. आसपास के लोगों ने सांड को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके. पशु चिकित्सक को बुला कर उपचार भी कराया, लेकिन सांड को बचा नहीं सके.

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इसके बाद नगर निगम को सूचित किया गया. निगम के कर्मचारी मृत सांड को उठाकर ले गए. थोड़ी देर बाद उस सांड का साथी सांड मौके पर आ पहुंचा. साथी को वहां नहीं पाकर वो जोर-जोर से रोने लगा. काफी देर तक सांड उस जगह को सूंघ कर समझने की कोशिश करता रहा कि उसके साथी को क्या हुआ होगा. जिस चादर में सांड को लपेटा गया था उसे भी सांड ने सूंघा. काफी देर तक शोक जताने के बाद आखिर सांड वहां से चला गया.

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