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NH-74: 2013 से मुआवजे के लिए भटक रहे किसान, जमीन भी गई और पैसा भी नहीं मिला

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Published : Aug 19, 2021, 6:44 PM IST

साल 2013 में एनएच-74 के निर्माण में जमीन देने वाले किसानों को अभीतक मुआवजा नहीं मिला है. पिछले 8 सालों से कई किसान अपने हक के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं.

किसानों का प्रदर्शन
किसानों का प्रदर्शन

काशीपुर: उधमसिंह नगर जिले में साल 2013 में एनएच-74 लिए अधिग्रहण की गई भूमि में मुआवजे के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ. कई किसानों ने दस्तावेजों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए हैं. लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं, जिनका अपना जायज हक भी नहीं मिला है. ये किसान आज भी मुआवजे की राशि के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे है. गुरुवार 19 अगस्त को ऐसे ही कई किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले काशीपुर में सांकेतिक धरना दिया.

इन किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि हाईवे के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का पुराने सर्किल रेट के हिसाब से शीघ्र मुआवजा नहीं दिया गया तो आगामी 10 सितंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर निर्माणाधीन एनएच का सारा काम रोक दिया जायेगा.

पढ़ें- 20 साल बाद टिहरी बांध प्रभावित 415 परिवारों को मिलेगा न्याय, होगा पुनर्वास, मिलेगा मुआवजा

दरअसल, एनएचएआई ने साल 2013 में एनएच-74 के निर्माण के लिए गिन्नीखेड़ा व बांसखेड़ा खुर्द में कई किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था. किसानों का कहना है कि सर्किल रेट के अनुसार एनएच द्वारा मुआवजा 48 लाख हेक्टेयर देना था. बाद में उसे 24 लाख हेक्टेयर कर दिया गया, लेकिन कई किसानों को वो भी नहीं मिला.

कुछ दिन पहले बांसखेड़ा खुर्द निवासी किसान महीपाल ने मुआवजा न मिलने से दु:खी होकर प्रशासन को आत्मदाह की चेतावनी दी थी. हालांकि संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा ने एनएच के अधिकारियों व पीड़ित किसान परिवार की संयुक्त बैठक कर हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया था.

पढ़ें- CM धामी ने खटीमा की बहनों से बंधवाई राखी, रक्षाबंधन पर महिलाओं को फ्री बस सेवा का तोहफा

लेकिन समस्या ये है कि इसके बाद भी पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. वहीं अब प्रशासन के आश्वासनों के परेशान होकर पीड़ित किसानों ने भाकियू व संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

काशीपुर: उधमसिंह नगर जिले में साल 2013 में एनएच-74 लिए अधिग्रहण की गई भूमि में मुआवजे के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ. कई किसानों ने दस्तावेजों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे किए हैं. लेकिन कुछ किसान ऐसे भी हैं, जिनका अपना जायज हक भी नहीं मिला है. ये किसान आज भी मुआवजे की राशि के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे है. गुरुवार 19 अगस्त को ऐसे ही कई किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले काशीपुर में सांकेतिक धरना दिया.

इन किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि हाईवे के लिए अधिग्रहण की गई जमीन का पुराने सर्किल रेट के हिसाब से शीघ्र मुआवजा नहीं दिया गया तो आगामी 10 सितंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर निर्माणाधीन एनएच का सारा काम रोक दिया जायेगा.

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दरअसल, एनएचएआई ने साल 2013 में एनएच-74 के निर्माण के लिए गिन्नीखेड़ा व बांसखेड़ा खुर्द में कई किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था. किसानों का कहना है कि सर्किल रेट के अनुसार एनएच द्वारा मुआवजा 48 लाख हेक्टेयर देना था. बाद में उसे 24 लाख हेक्टेयर कर दिया गया, लेकिन कई किसानों को वो भी नहीं मिला.

कुछ दिन पहले बांसखेड़ा खुर्द निवासी किसान महीपाल ने मुआवजा न मिलने से दु:खी होकर प्रशासन को आत्मदाह की चेतावनी दी थी. हालांकि संयुक्त मजिस्ट्रेट आकांक्षा वर्मा ने एनएच के अधिकारियों व पीड़ित किसान परिवार की संयुक्त बैठक कर हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया था.

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लेकिन समस्या ये है कि इसके बाद भी पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. वहीं अब प्रशासन के आश्वासनों के परेशान होकर पीड़ित किसानों ने भाकियू व संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

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