खटीमा/थराली/ देहरादून: कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहा किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में भी काफी लंबे समय से धरना चल रहा है. जिसको लेकर थाना झनकईया और खटीमा क्षेत्र के किसान भी दिल्ली में धरना पर बैठे किसानों के समर्थन के लिए रवाना हो गए हैं. क्षेत्र के अन्य किसानों ने दिल्ली जा रहे किसानों को अपना समर्थन दिया. वहीं राजधानी देहरादून और थराली में भी किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर इस कानून को वापस लेने की मांग की. बाजपुर में कृषि कानून का विरोध कर रहे छात्राओं को बाजपुर पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह और सभासदों ने फूल माला पहनाकर सम्मानित किया.
केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में देशभर के छोटे-बड़े किसान करीब एक माह से धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए आंदोलनरत हैं. आंदोलनरत किसान तीनों कृषि कानूनों को केंद्र सरकार से रद्द करने की मांग कर रहे हैं. दिल्ली में धरना दे रहे किसानों को समर्थन में देशभर से किसान लगातार दिल्ली जा रहे हैं. किसानों के आंदोलन के समर्थन में खटीमा के नेपाल बॉर्डर के खालीमहुवट, बगुलिया, सिसैया, खिलड़िया, नगला तराई आदि गांवों के किसानों का एक जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ. किसानों ने एक सभा करके आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से संचालन का संकल्प लेते हुए दिल्ली के लिए कूच किया.
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किसान जितेंद्र पाल सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों से संबंधित जो तीन काले कृषि कानून बनाए हैं उसी के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में वे दिल्ली जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने यह जो कृषि से संबंधित काले कानून बनाए हैं. यह किसानों के हित में नहीं है. जिसका वे लोग विरोध कर रहे हैं. उन्होंने सरकार को जल्द से जल्द कृषि कानून को वापस लेने की मांग की है.
कृषि कानून पर सपा का प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, भाटी आयोग की रिपोर्ट और त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, प्रदेश की स्थायी राजधानी इसी सत्र में घोषित करने जैसी विभिन्न मांगों को लेकर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष मोहम्मद नासिर मंसूरी के नेतृत्व में जिला प्रशासन के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन भेजा.
समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष नासिर का कहना है कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की आवश्यकता है. भाटी आयोग और पूर्ववर्ती कांग्रेस कार्यकाल के दौरान पारित त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट को सदन में रखते हुए जनता के बीच सार्वजनिक की जाए. सपा कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश की स्थायी राजधानी इसी सत्र में घोषित की जानी चाहिए और प्रदेश को 3 मंडलों में विभाजित करके गैरसैंण को मंडल बनाया जाना चाहिए.
इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एनएच-74 की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने एनएच-74 की सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की थी, लेकिन ऐसा कौन सा कारण रहा कि एनएच-74 की सीबीआई जांच नहीं हो पाई. इसके अलावा समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किए गए ज्ञापन में प्रदेश में पीडीएस व्यवस्था को मजबूत करने, कोरोना वैक्सीन के आने पर प्रदेशवासियों को नि:शुल्क वैक्सीन मुहैया कराने और नैनीताल हाई कोर्ट की बेंच देहरादून का हरिद्वार में स्थापित करने का आग्रह किया है.
थराली में किसानों का प्रदर्शन
किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए थराली में किसानों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. थराली में पहाड़ी क्षेत्र के किसानों ने राज्य आंदोलनकारी और यूकेडी के पूर्व केंद्रीय उपाध्यक्ष भूपाल सिंह गुसाईं के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजते हुए देशभर में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए पहाड़ी किसानों की फसलों को भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के अंतर्गत रखने की मांग की है.
प्रदर्शनकारियों ने पहाड़ी सभी फसली उत्पादों को सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में रखकर तहसील और विकासखंड स्तर पर विपणन केंद्र खुलवाए और सड़कों पर घूम रहे आवारा गायों के संरक्षण के लिए कदम उठाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि आए दिन बाजारों में गायों की संख्या बढ़ती जा रही है. सरकार आवारा मवेशियों के लिए गौशालाओं का निर्माण कराए. वहीं प्रदर्शनकारियों ने जंगली जानवरों और बंदरों से किसान की फसलों को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए सरकार से मांग की है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो 26 जनवरी को किसान बड़ी तादात में जुटाकर तहसील परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे.
बाजपुर में किसानों का कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन.
कृषि कानून को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में लगातार 13 दिनों से बाजपुर के भगत सिंह चौक पर धरने पर बैठे छात्राओं को बाजपुर पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह और सभासदों ने फूल माला पहनाकर सम्मानित किया.
बाजपुर में कृषि कानून के विरोध में 13 दिनों से धरने पर बैठे स्कूली छात्राओं को पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह और सभासदों ने फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया. इस दौरान प्रदर्शकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बता दें कि, बाजपुर के भगत सिंह चौक पर विगत 13 दिनों से स्कूली छात्राएं प्रभजोत कौर और जसकिरन कौर विगत 13 दिनों से कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे हैं. जिनका विभिन्न संगठनों और छात्र-छात्राओं द्वारा समर्थन किया जा रहा है. जिसके चलते नगर पालिका अध्यक्ष गुरजीत सिंह सभासदों के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारी छात्राओं का फूल माला पहनाकर स्वागत किया.
पालिकाध्यक्ष गुरजीत सिंह ने कहा कि दिल्ली में किसानों का लगातार प्रदर्शन चल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार किसानों की बात को अनसुना कर रही है. अगर जल्द ही केंद्र सरकार ने किसानों की मांग को पूरा नहीं किया तो भाजपा नगर पालिका अध्यक्ष और सभासद सरकार के खिलाफ आंदोलन में कूद पड़ेंगे.