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जलवायु परिवर्तन से उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड, विदेशी मेहमानों ने अभी तक डाला डेरा

ठंड के मौसम में खटीमा में हर साल आने वाले साइबेरियन पक्षी अभी तक अपना डेरा जमाए हुए हैं. जलवायु परिवर्तन के चलते अभी तक उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके चलते 15 फरवरी तक अपने देश लौट जाने वाले विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षी खटीमा के जलाशयों में अपना घर बनाए हुए हैं.

khatima
साइबेरियन पक्षी
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Published : Feb 21, 2020, 3:03 PM IST

Updated : Feb 21, 2020, 4:37 PM IST

खटीमा: जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चक्र जहां प्रभावित हो रहा है, वहीं जलवायु परिवर्तन का असर अब पशु पक्षियों पर भी नजर आने लगा है. जलवायु परिवर्तन के चलते फरवरी माह में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके कारण साइबेरियन पक्षी जो फरवरी माह के शुरुआत में ही वापस चले जाते थे. वह अब तक उत्तराखंड के जलाशयों में ही नजर आ रहे हैं.

साइबेरियन पक्षियों ने डाला डेरा.

हर साल प्रवासी पक्षी अक्टूबर या नवंबर महीने में उत्तराखंड के तराई इलाकों का रुख करते हैं. वहीं 15 फरवरी तक सभी प्रवासी पक्षियों की वतन वापसी हो जाती थी, लेकिन इस बार जलवायु परिवर्तन के चलते फरवरी का महीना खत्म होने को है, लेकिन क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके चलते विदेशी मेहमान यानि साइबेरियन पक्षी अभी तक खटीमा के जलाशयों में नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़े: महाशिवरात्रि के रंग में डूबी देवभूमि, शिवालयों में भक्तों ने किया जलाभिषेक

वहीं वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ मिराज अहमद का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ी ठंड की वजह से विदेशी पक्षियों अपनी वतन वापसी के समय से 15 से 20 दिन बाद भी यहां नजर आ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन ने मौसम के चक्र को प्रभावित कर रहा है. जिसकी वजह से साइबेरियन पक्षी अभी तक अपना डेरा जमाए हुए हैं.

खटीमा: जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चक्र जहां प्रभावित हो रहा है, वहीं जलवायु परिवर्तन का असर अब पशु पक्षियों पर भी नजर आने लगा है. जलवायु परिवर्तन के चलते फरवरी माह में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके कारण साइबेरियन पक्षी जो फरवरी माह के शुरुआत में ही वापस चले जाते थे. वह अब तक उत्तराखंड के जलाशयों में ही नजर आ रहे हैं.

साइबेरियन पक्षियों ने डाला डेरा.

हर साल प्रवासी पक्षी अक्टूबर या नवंबर महीने में उत्तराखंड के तराई इलाकों का रुख करते हैं. वहीं 15 फरवरी तक सभी प्रवासी पक्षियों की वतन वापसी हो जाती थी, लेकिन इस बार जलवायु परिवर्तन के चलते फरवरी का महीना खत्म होने को है, लेकिन क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके चलते विदेशी मेहमान यानि साइबेरियन पक्षी अभी तक खटीमा के जलाशयों में नजर आ रहे हैं.

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वहीं वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ मिराज अहमद का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ी ठंड की वजह से विदेशी पक्षियों अपनी वतन वापसी के समय से 15 से 20 दिन बाद भी यहां नजर आ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन ने मौसम के चक्र को प्रभावित कर रहा है. जिसकी वजह से साइबेरियन पक्षी अभी तक अपना डेरा जमाए हुए हैं.

Last Updated : Feb 21, 2020, 4:37 PM IST
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