खटीमा: जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम चक्र जहां प्रभावित हो रहा है, वहीं जलवायु परिवर्तन का असर अब पशु पक्षियों पर भी नजर आने लगा है. जलवायु परिवर्तन के चलते फरवरी माह में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके कारण साइबेरियन पक्षी जो फरवरी माह के शुरुआत में ही वापस चले जाते थे. वह अब तक उत्तराखंड के जलाशयों में ही नजर आ रहे हैं.
हर साल प्रवासी पक्षी अक्टूबर या नवंबर महीने में उत्तराखंड के तराई इलाकों का रुख करते हैं. वहीं 15 फरवरी तक सभी प्रवासी पक्षियों की वतन वापसी हो जाती थी, लेकिन इस बार जलवायु परिवर्तन के चलते फरवरी का महीना खत्म होने को है, लेकिन क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिसके चलते विदेशी मेहमान यानि साइबेरियन पक्षी अभी तक खटीमा के जलाशयों में नजर आ रहे हैं.
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वहीं वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ मिराज अहमद का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ी ठंड की वजह से विदेशी पक्षियों अपनी वतन वापसी के समय से 15 से 20 दिन बाद भी यहां नजर आ रहे हैं. जलवायु परिवर्तन ने मौसम के चक्र को प्रभावित कर रहा है. जिसकी वजह से साइबेरियन पक्षी अभी तक अपना डेरा जमाए हुए हैं.