रुद्रपुर: जिले के प्रभारी मंत्री मदन कौशिक शुक्रवार को रुद्रपुर में अधिकारियों संग विकासकार्यों को लेकर एक समीक्षा बैठक की. इस दौरान जिले में किये गए तमाम विकास कार्यों पर चर्चा चल रही थी. इस दौरान किच्छा विधायक राजेश शुक्ला ने अपने विधानसभा क्षेत्र में हुए विकासकार्यों के बारे में जिलाधिकारी से पूछा तो जवाब के बदले, जिलाधिकारी ने विधायक शुक्ला को कह दिया कि आपकी याददाश्त कमजोर है. ऐसे में जवाब सुनकर विधायक गुस्से से तमतमा गए और डीएम को खरीखोटी सुनाते हुए बैठक से चले दिए. हालांकि, प्रभारी मंत्री मदन कौशिक ने उन्हें मनाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे नहीं रूके.
विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि जनता का पैसा है. जिलाधिकारी इसके मालिक नहीं है. आपदा, खनन और विकास प्राधिकरण से एकत्र हुआ धन विधायकों के क्षेत्र में उनके प्रस्ताव पर खर्च होना चाहिए. उन्होंने कहा कि किच्छा विधानसभा क्षेत्र का शांतिपुरी, जवाहर नगर, दुपहरिया, नजीमाबाद और सिरौली कला आदि क्षेत्र खनन के डंफर के आवागमन से ग्रामीण सड़कें बुरी तरह टूट गई हैं. इन सड़कों का निर्माण खनन से एकत्र मद से होना चाहिए. जिस पर जिला प्रशासन अभीतक कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए हैं.
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इस दौरान विधायक ने बैठक में खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष डेंगू से हजारों लोगों की मौत हुई, परंतु साल भर में प्लेटलेट्स सेपरेट करने वाली मशीन जिला अस्पताल में नहीं लग पाई है. विधायक ने कहा कि महिला की मौत पर उनके द्वारा धरना देने के बाद प्लेटलेट्स सेपरेट करने वाली मशीन अस्पताल में लगी है.
विधायक ने कहा कि जब जिलाधिकारी कार्यालय के 500 मीटर की दूरी में जिला अस्पताल का यह हाल है, तो पूरे जिले के अन्य अस्पतालों का क्या हाल होगा. जिलाधिकारी साढे 3 साल में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक बार भी नहीं पहुंचे. वहीं, प्रभारी मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि की जनता के प्रति जिम्मेदारी होती है. ऐसे में अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना भी जरूरी है.