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कोरोना मौत मामले में DM ने दिए जांच के आदेश, इलाज के लिए भटकते रहे परिजन

खटीमा में कोरोना मरीज के मौत मामले में डीएम रंजना राजगुरु ने जांच के आदेश दिए हैं. मामले में मृतक के बेटी पिया चौधरी ने समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाया है.

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मरीज की मौत
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Published : Aug 14, 2020, 4:59 PM IST

खटीमाः उधमसिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा में बीते दो दिन पहले कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. जिसके बाद मृतक के बेटी ने डीएम को पत्र लिखकर इलाज में देरी का आरोप लगाया था. जिस पर डीएम रंजना राजगुरु ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं.

दरअसल, खटीमा के राजीव नगर निवासी पिया चौधरी ने जिलाधिकारी रंजना राजगुरु नगर को एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने पिता की कोरोना से हुई मौत पर सवाल खड़े करते हुए इलाज में देरी का आरोप लगाया था. उन्होंने पत्र में लिखा था कि उनकी पिता की तबीयत खराब होने के बाद ऑक्सीजन की जरुरत पड़ी. जिसके बाद उन्होंने 108 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई, लेकिन 108 के कर्मचारियों ने कोरोना केस होने और अस्पताल से स्पेशल एंबुलेंस आने की बात कही.

ये भी पढ़ेंः विधायक की पत्नी ने दर्ज कराया ब्लैकमेलिंग का मुकदमा, लगाए गंभीर आरोप

पीड़िता ने बताया कि उन्होंने अस्पाल से संपर्क साधा. जिसमें उन्हें बताया गया कि 108 को से बात करें. आरोप है कि काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई. जिसके बाद उन्होंने 112 पर भी कॉल किया. एंबुलेंस के इंतजार में शाम के 4 बज गए. करीब साढ़े चार बजे एक एंबुलेंस आई और मरीज को सरकारी अस्पताल खटीमा लेकर गई. पीड़िता ने आरोप लगाया कि अस्पताल में कागजी कार्रवाई में कई घंटे लग गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. फिर उन्होंने मरीज को इलाज के लिए रुद्रपुर अस्पताल भेजा, जहां उनकी मौत हो गई.

वहीं, मामला जिलाधिकारी रंजना राजगुरु तक पहुंच गया. जिसके बाद उन्होंने पूरे प्रकरण को गंभीर से लेते हुए पिया चौधरी के पत्र जांच बैठा दी है. साथ ही एनएचएम नोडल अधिकारी बंशीधर तिवारी को एक हफ्ते में जांच पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

खटीमाः उधमसिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा में बीते दो दिन पहले कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. जिसके बाद मृतक के बेटी ने डीएम को पत्र लिखकर इलाज में देरी का आरोप लगाया था. जिस पर डीएम रंजना राजगुरु ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं.

दरअसल, खटीमा के राजीव नगर निवासी पिया चौधरी ने जिलाधिकारी रंजना राजगुरु नगर को एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने पिता की कोरोना से हुई मौत पर सवाल खड़े करते हुए इलाज में देरी का आरोप लगाया था. उन्होंने पत्र में लिखा था कि उनकी पिता की तबीयत खराब होने के बाद ऑक्सीजन की जरुरत पड़ी. जिसके बाद उन्होंने 108 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई, लेकिन 108 के कर्मचारियों ने कोरोना केस होने और अस्पताल से स्पेशल एंबुलेंस आने की बात कही.

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पीड़िता ने बताया कि उन्होंने अस्पाल से संपर्क साधा. जिसमें उन्हें बताया गया कि 108 को से बात करें. आरोप है कि काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई. जिसके बाद उन्होंने 112 पर भी कॉल किया. एंबुलेंस के इंतजार में शाम के 4 बज गए. करीब साढ़े चार बजे एक एंबुलेंस आई और मरीज को सरकारी अस्पताल खटीमा लेकर गई. पीड़िता ने आरोप लगाया कि अस्पताल में कागजी कार्रवाई में कई घंटे लग गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. फिर उन्होंने मरीज को इलाज के लिए रुद्रपुर अस्पताल भेजा, जहां उनकी मौत हो गई.

वहीं, मामला जिलाधिकारी रंजना राजगुरु तक पहुंच गया. जिसके बाद उन्होंने पूरे प्रकरण को गंभीर से लेते हुए पिया चौधरी के पत्र जांच बैठा दी है. साथ ही एनएचएम नोडल अधिकारी बंशीधर तिवारी को एक हफ्ते में जांच पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

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