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छात्रवृत्ति घोटाले के बराबर है उत्तराखंड में धान घोटाला: गणेश उपाध्याय

लक्ष्य से अधिक धान खरीद व किसानों को धान खरीद का भुगतान ना होने के चलते कांग्रेस नेता ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. साथ ही 24 घण्टे में धान खरीद का भुगतान किसानों के खातों में करने का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है.

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छात्रवृत्ति घोटाले के बराबर ही धान घोटाला.
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Published : Dec 3, 2019, 9:22 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 9:21 AM IST

रुद्रपुर: कुमाऊं में लक्ष्य से अधिक धान खरीद को लेकर कांग्रेस पार्टी बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी हुई है. कांग्रेस नेता गणेश उपाध्याय का कहना है कि प्रदेश के मुखिया द्वारा 24 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन एक महीने का समय बीत जाने के बाद भी किसानों को 75 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है. उनका आरोप है कि छात्रवृत्ति घोटाले की तरह ही सूबे में धान घोटाला हुआ है और इसमें सरकार की भी मिलीभगत है.

छात्रवृत्ति घोटाले के बराबर ही धान घोटाला.

बता दें कि लक्ष्य से अधिक धान खरीद को लेकर अब कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दी है. कांग्रेस नेता और पूर्व दर्जा राज्य मंत्री गणेश उपाध्याय धान खरीद घोटाले को छात्रवृत्ति घोटाले से बड़ा बता रहे हैं. दरअसल, प्रदेश में 5 महीने में 5.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन डेढ़ महीने में ही कुमाऊं में 9 लाख मीट्रिक टन धान खरीद पोर्टल में दर्शाया गया. इसके बाद से ही विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में ई-पोर्टल पर वास्तविक खरीद से कई गुना अधिक खरीद दिखाने पर जांच के आदेश भी जारी किए हैं.

कांग्रेस नेता और पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व ऐतिहासिक निर्णय दिया. इस निर्णय के तहत सरकार को किसान आयोग का गठन करने, किसान ऐप बनाने सहित प्रत्येक फसल की मॉनिटरिंग और विशेष जांच कराने की निर्देश दिए गए थे. सरकार के इन राइस मिलों और कच्ची आढ़तियों से मिलीभगत के चलते आज तक उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. इससे भाजपा सरकार की नीयत में और उद्योगपतियों से मिलीभगत की पूरी संभावनाएं हैं.

ये भी पढ़ें:सावधान: लगातार आ रहे भूकंप से बढ़ रही हिमालय की ऊंचाई, वैज्ञानिक जता रहे चिंता

वहीं, कांग्रेस नेता गणेश उपाध्याय ने बताया कि एक तरफ प्रदेश के किसानों की बदहाली और आत्महत्या के मामलों में लगातार बढ़ोतरी से प्रदेश की छवि खराब हो रही है. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के किसानों के लिए आने वाला समय और भी खराब होता जा रहा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा था कि धान की 24 घंटे के अंतर्गत खरीद होती है तो तुरंत ही किसानों का भुगतान किया जाएगा. बावजूद इसके एक महीने का समय बीत गया है. लेकिन, 75 करोड़ के धान का बकाया सरकार द्वारा नहीं किया गया है.

रुद्रपुर: कुमाऊं में लक्ष्य से अधिक धान खरीद को लेकर कांग्रेस पार्टी बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी हुई है. कांग्रेस नेता गणेश उपाध्याय का कहना है कि प्रदेश के मुखिया द्वारा 24 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन एक महीने का समय बीत जाने के बाद भी किसानों को 75 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है. उनका आरोप है कि छात्रवृत्ति घोटाले की तरह ही सूबे में धान घोटाला हुआ है और इसमें सरकार की भी मिलीभगत है.

छात्रवृत्ति घोटाले के बराबर ही धान घोटाला.

बता दें कि लक्ष्य से अधिक धान खरीद को लेकर अब कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दी है. कांग्रेस नेता और पूर्व दर्जा राज्य मंत्री गणेश उपाध्याय धान खरीद घोटाले को छात्रवृत्ति घोटाले से बड़ा बता रहे हैं. दरअसल, प्रदेश में 5 महीने में 5.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन डेढ़ महीने में ही कुमाऊं में 9 लाख मीट्रिक टन धान खरीद पोर्टल में दर्शाया गया. इसके बाद से ही विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में ई-पोर्टल पर वास्तविक खरीद से कई गुना अधिक खरीद दिखाने पर जांच के आदेश भी जारी किए हैं.

कांग्रेस नेता और पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डॉ. गणेश उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व ऐतिहासिक निर्णय दिया. इस निर्णय के तहत सरकार को किसान आयोग का गठन करने, किसान ऐप बनाने सहित प्रत्येक फसल की मॉनिटरिंग और विशेष जांच कराने की निर्देश दिए गए थे. सरकार के इन राइस मिलों और कच्ची आढ़तियों से मिलीभगत के चलते आज तक उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. इससे भाजपा सरकार की नीयत में और उद्योगपतियों से मिलीभगत की पूरी संभावनाएं हैं.

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वहीं, कांग्रेस नेता गणेश उपाध्याय ने बताया कि एक तरफ प्रदेश के किसानों की बदहाली और आत्महत्या के मामलों में लगातार बढ़ोतरी से प्रदेश की छवि खराब हो रही है. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के किसानों के लिए आने वाला समय और भी खराब होता जा रहा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा था कि धान की 24 घंटे के अंतर्गत खरीद होती है तो तुरंत ही किसानों का भुगतान किया जाएगा. बावजूद इसके एक महीने का समय बीत गया है. लेकिन, 75 करोड़ के धान का बकाया सरकार द्वारा नहीं किया गया है.

Intro:Summry - लक्ष्य से अधिक धान खरीद व किसानों को धान खरीद का भुगतान ना होने के चलते कांग्रेस नेता सरकार की मनसा को कटघरे में खड़ा कर रहे है। 24 घण्टे में धान खरीद का भुगतान किसानों के खातों में करने का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है।


एंकर - कुमाऊ में लक्ष्य से अधिक धान खरीद को लेकर कांग्रेस, बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी हुई है। कांग्रेस नेता धान घोटाले को छात्रवृत्ति घटाले के बराबर होने का आरोप लगा रहे है। उन्होंने सूबे की सरकार पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है।

Body:वीओ - लक्ष्य से अधिक धान खरीद को लेकर अब कांग्रेस बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी हुई है। कांग्रेस के नेता व पूर्व दर्जा राज्य मंत्री गणेश उपाध्याय धान खरीद घोटाले को छात्रवृत्ति घटाले से बड़ा बता रहे है। दरशल प्रदेश में 5 महीने में 5.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन डेढ़ महीने में ही कुमाऊं में 9 लाख मीट्रिक टन धान खरीद पोर्टल में दर्शाया गया था। जिसके बाद से ही विभाग में हडकंम्प मचा हुआ था। मामले मेंO ई पोर्टल पर वास्तविक खरीद से कई गुना अधिक खरीद दिखाने पर जांच के आदेश भी जारी किए जा चूके है। कांग्रेस नेता व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डॉ गणेश उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उनकी जनहित याचिका पर लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व ऐतिहासिक निर्णय देते हुए सरकार को किसान आयोग का गठन करने, किसान ऐप बनाने सहित प्रत्येक फसल की मॉनिटरिंग और विशेष जांच कराने की निर्देश दिए थे। परंतु सरकार के इन राइस मिलरो और कच्ची आढ़तियों से मिली भगत के चलते आज तक उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। इससे भाजपा सरकार की नियत में और उद्योगपतियों से मिलीभगत की पूरी संभावनाएं हैं। यदि समय रहते सरकार माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का पूरी तरह पालन कराती तो आज प्रदेश में इतना बड़ा घोटाला नही हो पाता।
वही कांग्रेस नेता गणेश उपाध्याय ने कहा कि एक तरफ प्रदेश के किसानों की बदहाली और आत्महत्या के मामलों में लगातार बढ़ोतरी से उत्तराखण्ड की छवि खराब हो रही है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के किसानों के लिए आने वाला समय और भी दुश्कर होता जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा था कि धान की 24 घंटे के अंतर्गत खरीद होती है तो तुरंत ही किसानों का भुगतान किया जाएगा। बावजूद इसके एक माह बीत जाने के बाद भी 75 करोड़ का धान का बकाया सरकार द्वारा किसानों को भुगतान नही किया गया है। ऐसे में किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बाइट - गणेश उपाध्याय, कांग्रेसी नेता।
Conclusion:
Last Updated : Dec 5, 2019, 9:21 AM IST
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