रुद्रपुर: बैंक में गिरवी रखी जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर खुर्द-बुर्द करने के मामले में जिला कोर्ट में सुनवाई है. कोर्ट के आदेश पर ट्रांजिट कैंप पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. दरअसल, आरोपी ने बैंक से 2009 में दो करोड़ रुपये का लोन लिया था लेकिन जब खाता एनपीए हुआ तो तब बैंक को मामले की जानकारी हुई.
अल्मोड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लि. के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक नवीन चन्द्र पाटनी ने कोर्ट को बताया कि रनवीर नागपाल निवासी नागपाल ट्रेडर्स बरेली रोड हल्द्वानी का रहने वाला है. रनवीर ने साल 10 नवंबर, 2009 को बैंक से 2 करोड़ का ऋण लिया था, सके एवज में उसके द्वारा कई संपत्तियों के दस्तावेज बैंक में बंधक किये गए थे, जिसमें 0.7860 हेक्टेयर भूमि स्थित ग्राम फुलसुंगा रूद्रपुर उपरोक्त ऋण के संबंध में बैंक में बंधक रखा गया था.
बैंक के संज्ञान में तब मामला सामने आया जब बैंक द्वारा ऋणी रनवीर नागपाल के एनपीए हो चुके खाते में बंधक संपत्ति का भारमुक्त प्रमाण पत्र निकलवाया गया तो पता चला कि उक्त बंधक जमीन को बेच दिया है, जिसके बाद बैंक प्रबंधक द्वारा थानाध्यक्ष/एसएसपी को मामले में तहरीर दी गयी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद बैंक प्रबंधक ने कोर्ट की शरण ली.
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कोर्ट के आदेश पर ट्रांजिट कैंप पुलिस ने आरोपी रनवीर नागपाल के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. सीओ अमित कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की विवेचना की जा रही है.
जानिए क्या होता है एनपीए: नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (non-performing asset - NPA) यानी गैर निष्पादित परिसंपत्तियां ऋणों एवं एडवांस के लिए एक वर्गीकरण को संदर्भित करती है, जो डिफॉल्ट या बकाया राशि (एरियर) में है. कोई लोन एरियर में तब होता है, जब मूलधन या ब्याज भुगतान में देरी होती है. उसे अदा नहीं किया जाता. लोन डिफॉल्ट तब होता है जब लेंडर लोन एग्रीमेंट को टूटा हुआ मानते हैं और ऋणी देयता को धनराशि देने में असमर्थ होता है.