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यूक्रेन से काशीपुर पहुंचे अहमद शम्स और उनकी बहन मरियम, परिजनों ने PM का जताया आभार

यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध जारी है. ऐसे में यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे भारतीय छात्रों को सकुशल निकालने के लिए भारत सरकार का प्रयास जारी है. इसी क्रम में यूक्रेन में फंसे काशीपुर निवासी अहमद शम्स और उनकी बहन मरियम गुरुवार को सकुशल घर पहुंचे. दोनों के घर पहुंचने के बाद परिजनों की चिंता कम हुई.

Maryam reached Kashipur
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Published : Mar 4, 2022, 8:08 AM IST

Updated : Mar 4, 2022, 10:29 AM IST

काशीपुर: यूक्रेन और रूस के बीच सप्ताह भर से युद्ध जारी है. वहीं, यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे भारतीय छात्रों को सकुशल निकालने के लिए भारत सरकार का लगातार प्रयास जारी है. इसी क्रम में यूक्रेन में फंसे काशीपुर के अहमद शम्स और उनकी बहन मरियम गुरुवार को सकुशल घर पहुंचे. काशीपुर पहुंचने पर अहमद शम्स और मरियम का घर वालों ने स्वागत किया. इस दौरान अहमद शम्स और मरियम ने ईटीवी भारत से बातचीत कर यूक्रेन के हालातों को बताया.

बता दें कि, युद्ध के बीच यूक्रेन में काफी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं. जिन्हें यूक्रेन से बाहल निकालने के लिए भारत सरकार का प्रयास जारी है. बता दें कि, यूक्रेन में काशीपुर के 8 छात्र-छात्राओं समेत कुल 9 लोग फंसे हुए थे. जिसमें से बीते रोज काशीपुर की कादंबिनी मिश्रा सकुशल अपने परिवार के बीच पहुंच गई हैं. वहीं, बीते शाम इंडियन एयरफोर्स के जहाज से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचे काशीपुर के अहमद शम्स और मरियम को लेने उनके माता-पिता खुद पहुंचे थे. जहां गुरुवार सुबह 7 बजे दोनों भाई-बहन के पहुंचते ही अपने साथ निजी वाहन से लेकर अपने परिचित के यहां दिल्ली पहुंचे. जहां से वह देर रात अपने बेटे और बेटी को लेकर काशीपुर पहुंचे.

यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र.

ईटीवी भारत से बातचीत में अहमद शम्स ने कीव के हालात और मरियम ने विनिसिया के हालातों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि रूसी हमले के दौरान किस तरह से वह अपने आप को बचाते रहे. मरियम अंसारी ने यूक्रेन में भारतीय दूतावास के साथ-साथ भारत की सरकार व पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा यूक्रेन में फंसे भारत के नागरिकों को निकालने की कोशिश की तारीफ की. उन्होंने कहा कि दोनों-भाई बहन लीवीव में मिले, जिसके बाद वे ट्रेन से बॉर्डर तक आए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय नागरिकों से अपील है कि वह भारतीय दूतावास से पहले संपर्क करें. उसके बाद ही वहां से निकले. क्योंकि भारतीय दूतावास के अधिकारी काफी हद तक मदद कर रहे हैं.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटी काशीपुर की कादंबिनी ने बताया 5 किमी पैदल चलकर पार किया बॉर्डर, खौफनाक हैं हालात

अहमद शम्स ने वहां फंसे भारतीय छात्रों से अपील करते हुए कहा कि वह जितना जल्दी हो सके बॉर्डर पार कर ले. भारतीय दूतावास के अधिकारी और दूसरे पड़ोसी देश के नागरिकों और अधिकारी काफी मदद कर रहे हैं. भारतीय दूतावास की वेबसाइट और ट्विटर हैंडल पर जाकर मदद ली जा सकती है. वहां के हालातों के बारे में अहमद ने बताया कि युद्ध के शुरूआती 2 दिन उन्होंने कीव में बिताए थे, वहां पर रात में मिसाइल के अटैक होते थे और रात भर बमबारी व मिसाइल की आवाज आ रही थी, सभी लोगों को सायरन की आवाज आते ही बंकर में छुप जाने की हिदायत दी गई थी. सायरन की आवाज बजते ही बमबारी की आवाज आती थी.

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद कर रहे गिरीश पंत: बेरीनाग के बरसायत गांव निवासी गिरीश पंत दुबई से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद कर रहे हैं. वही न केवल इन तक भारतीय दूतावास की हर एडवाइजरी पहुंचा रहे हैं, बल्कि बॉर्डर तक आने के लिए बस-टैक्सी का इंतजाम भी करवा रहे हैं. गिरीश व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से दो हजार से ज्यादा भारतीयों से जुड़े हैं. कीव में फंसे टिहरी के अंकित सिंह ने फोन पर बताया कि वह और उसके साथी पौड़ी के अरविंद सिंह, रुद्रप्रयाग के धूम सिंह और टिहरी के रमेश के साथ रोमानिया पहुंच गए हैं. इससे पहले वे कीव से ट्रेन के जरिए चेनीवेस्टी शहर पहुंचे थे. यहां से उन्होंने गिरीश पंत से फोन पर बात की तो उन्होंने टैक्सी का इंतजाम करवाया. रोमानिया पहुंचने के बाद अब वे खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. भारतीय दूतावास के जिस कैंप में वह रह रहे हैं, वहां सभी सुविधाएं हैं.

पंत ने बताया कि वह 14 साल से दुबई की कंपनी में जॉब कर रहे हैं और विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों की मदद भी करते हैं. कोरोना काल में भी उन्होंने भारतीयों की मदद की. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में उन्हें भारत सरकार ने 'प्रवासी भारतीय सम्मान' से भी नवाजा गया. यह पुरस्कार वाराणसी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मिला. उन्हें अब तक 33 पुरस्कार मिल चुके हैं. पं

उत्तराखंडियों के लिए सरकार ने बनाए दो नोडल अफसरः रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते उत्तराखंडियों समेत कई भारतीय नागरिक यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए सरकार लगातार विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क में है. उत्तराखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे उत्तराखंडियों के लिए दो पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. साथ ही टोल फ्री नंबर भी जारी किया है.

इन नंबरों पर भी कर सकते हैं संपर्क: उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि यूक्रेन में फंसे हमारे देश एवं देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को सकुशल भारत वापस लाने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. इस संबंध में हम विदेश मंत्रालय से निरंतर संपर्क में हैं. किसी भी सहायता के लिए इन टोल फ्री नंबरों पर भी सम्पर्क कर सकते हैं. 1800118797 (Toll free), फोन नंबर +91 11 23012113, +91 11 23014104, +91 11 23017905. इसके साथ ही देहरादून के कंट्रोल रूम नंबर 112 या 9411112972 नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं.

काशीपुर: यूक्रेन और रूस के बीच सप्ताह भर से युद्ध जारी है. वहीं, यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे भारतीय छात्रों को सकुशल निकालने के लिए भारत सरकार का लगातार प्रयास जारी है. इसी क्रम में यूक्रेन में फंसे काशीपुर के अहमद शम्स और उनकी बहन मरियम गुरुवार को सकुशल घर पहुंचे. काशीपुर पहुंचने पर अहमद शम्स और मरियम का घर वालों ने स्वागत किया. इस दौरान अहमद शम्स और मरियम ने ईटीवी भारत से बातचीत कर यूक्रेन के हालातों को बताया.

बता दें कि, युद्ध के बीच यूक्रेन में काफी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं. जिन्हें यूक्रेन से बाहल निकालने के लिए भारत सरकार का प्रयास जारी है. बता दें कि, यूक्रेन में काशीपुर के 8 छात्र-छात्राओं समेत कुल 9 लोग फंसे हुए थे. जिसमें से बीते रोज काशीपुर की कादंबिनी मिश्रा सकुशल अपने परिवार के बीच पहुंच गई हैं. वहीं, बीते शाम इंडियन एयरफोर्स के जहाज से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचे काशीपुर के अहमद शम्स और मरियम को लेने उनके माता-पिता खुद पहुंचे थे. जहां गुरुवार सुबह 7 बजे दोनों भाई-बहन के पहुंचते ही अपने साथ निजी वाहन से लेकर अपने परिचित के यहां दिल्ली पहुंचे. जहां से वह देर रात अपने बेटे और बेटी को लेकर काशीपुर पहुंचे.

यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र.

ईटीवी भारत से बातचीत में अहमद शम्स ने कीव के हालात और मरियम ने विनिसिया के हालातों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि रूसी हमले के दौरान किस तरह से वह अपने आप को बचाते रहे. मरियम अंसारी ने यूक्रेन में भारतीय दूतावास के साथ-साथ भारत की सरकार व पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा यूक्रेन में फंसे भारत के नागरिकों को निकालने की कोशिश की तारीफ की. उन्होंने कहा कि दोनों-भाई बहन लीवीव में मिले, जिसके बाद वे ट्रेन से बॉर्डर तक आए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय नागरिकों से अपील है कि वह भारतीय दूतावास से पहले संपर्क करें. उसके बाद ही वहां से निकले. क्योंकि भारतीय दूतावास के अधिकारी काफी हद तक मदद कर रहे हैं.

पढ़ें: यूक्रेन से लौटी काशीपुर की कादंबिनी ने बताया 5 किमी पैदल चलकर पार किया बॉर्डर, खौफनाक हैं हालात

अहमद शम्स ने वहां फंसे भारतीय छात्रों से अपील करते हुए कहा कि वह जितना जल्दी हो सके बॉर्डर पार कर ले. भारतीय दूतावास के अधिकारी और दूसरे पड़ोसी देश के नागरिकों और अधिकारी काफी मदद कर रहे हैं. भारतीय दूतावास की वेबसाइट और ट्विटर हैंडल पर जाकर मदद ली जा सकती है. वहां के हालातों के बारे में अहमद ने बताया कि युद्ध के शुरूआती 2 दिन उन्होंने कीव में बिताए थे, वहां पर रात में मिसाइल के अटैक होते थे और रात भर बमबारी व मिसाइल की आवाज आ रही थी, सभी लोगों को सायरन की आवाज आते ही बंकर में छुप जाने की हिदायत दी गई थी. सायरन की आवाज बजते ही बमबारी की आवाज आती थी.

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद कर रहे गिरीश पंत: बेरीनाग के बरसायत गांव निवासी गिरीश पंत दुबई से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद कर रहे हैं. वही न केवल इन तक भारतीय दूतावास की हर एडवाइजरी पहुंचा रहे हैं, बल्कि बॉर्डर तक आने के लिए बस-टैक्सी का इंतजाम भी करवा रहे हैं. गिरीश व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से दो हजार से ज्यादा भारतीयों से जुड़े हैं. कीव में फंसे टिहरी के अंकित सिंह ने फोन पर बताया कि वह और उसके साथी पौड़ी के अरविंद सिंह, रुद्रप्रयाग के धूम सिंह और टिहरी के रमेश के साथ रोमानिया पहुंच गए हैं. इससे पहले वे कीव से ट्रेन के जरिए चेनीवेस्टी शहर पहुंचे थे. यहां से उन्होंने गिरीश पंत से फोन पर बात की तो उन्होंने टैक्सी का इंतजाम करवाया. रोमानिया पहुंचने के बाद अब वे खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. भारतीय दूतावास के जिस कैंप में वह रह रहे हैं, वहां सभी सुविधाएं हैं.

पंत ने बताया कि वह 14 साल से दुबई की कंपनी में जॉब कर रहे हैं और विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों की मदद भी करते हैं. कोरोना काल में भी उन्होंने भारतीयों की मदद की. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में उन्हें भारत सरकार ने 'प्रवासी भारतीय सम्मान' से भी नवाजा गया. यह पुरस्कार वाराणसी में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मिला. उन्हें अब तक 33 पुरस्कार मिल चुके हैं. पं

उत्तराखंडियों के लिए सरकार ने बनाए दो नोडल अफसरः रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते उत्तराखंडियों समेत कई भारतीय नागरिक यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए सरकार लगातार विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क में है. उत्तराखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे उत्तराखंडियों के लिए दो पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. साथ ही टोल फ्री नंबर भी जारी किया है.

इन नंबरों पर भी कर सकते हैं संपर्क: उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि यूक्रेन में फंसे हमारे देश एवं देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को सकुशल भारत वापस लाने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं. इस संबंध में हम विदेश मंत्रालय से निरंतर संपर्क में हैं. किसी भी सहायता के लिए इन टोल फ्री नंबरों पर भी सम्पर्क कर सकते हैं. 1800118797 (Toll free), फोन नंबर +91 11 23012113, +91 11 23014104, +91 11 23017905. इसके साथ ही देहरादून के कंट्रोल रूम नंबर 112 या 9411112972 नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं.

Last Updated : Mar 4, 2022, 10:29 AM IST
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