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कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा को लेकर AAP का हल्लाबोल, BJP MLA के कार्यालय पर किया प्रदर्शन - AAP protest against Covid testing scam

काशीपुर में आप कार्यकर्ताओं ने कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामले को लेकर बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा के कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.

MLA कार्यालय पर प्रदर्शन
MLA कार्यालय पर प्रदर्शन
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Published : Jun 24, 2021, 8:49 PM IST

काशीपुर: हरिद्वार कुंभ में हुए कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामले को लेकर प्रदेश भर में आम आदमी पार्टी ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसी क्रम में काशीपुर में भी आप ने बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा के कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.

आप प्रदेश प्रवक्ता मयंक शर्मा ने सरकार पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले ने देश के साथ-साथ विदेशों में भी भारत की साख को बट्टा लगाने का काम किया है, क्योंकि कुंभ पूरे विश्व का पर्व है. मामले में बीजेपी सरकार में अधिकारियों और उनके नेताओं की भूमिका साफ तौर पर इस घोटाले में सामने आ रही है.

आप ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि इतने बड़े घोटाले पर किसी सिटिंग जज द्वारा न्यायिक जांच होनी चाहिए. ताकि जांच जल्दी और बिना किसी दबाव के हो सके. इसके साथ ही मुख्यमंत्री को पूरे प्रदेश में कोरोना जांच का ऑडिट कराना चाहिए और खुद स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े को लेकर आप का प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन

आप महानगर अध्यक्ष मनोज कौशिक ने कहा कि बीजेपी सरकार में उनके लोग इस आपदा में भी अवसर ढूंढ रहे हैं. इनका केवल चेहरा बदला है, चरित्र नहीं. चाहे निशंक सरकार के समय कुंभ का सबसे बड़ा 400 करोड़ का घोटाला हो या अभी का कोरोना जांच का घोटाला. ये सरकार पूरी तरह घोटालों में डूब चुकी है, लेकिन अब इनके पाप का घड़ा भर चुका है. आप कार्यकर्ताओं को आज 70 विधानसभा क्षेत्रों में प्रदर्शन कर रहे हैं.

बीजेपी सरकार ने झूठे आंकड़े सामने रखकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है. वहीं, दूसरी तरफ इनके अधिकारी और नेताओं ने घोटाले को अंजाम दिया है. जिसका प्रमाण एसडीसी फाउंडेशन(सोशल डिवेलपमेंट फार कम्यूनिटीज फाउंडेशन) से मिलता है, जो शुरू से हरिद्वार आंकड़ों पर सरकार पर सवाल उठा रही थी.

एसडीसी फाउंडेशन ने 1 से 30 अप्रैल के बीच पूरे प्रदेश में हुए कोरोना टेस्टों का विश्लेषण किया. जिनमें, हरिद्वार में 6,00,291 जांच में 17,335 मामले पॉजिटिव आए. जबकि इस दौरान अन्य 12 जिलों में कुल 4,42,432 टेस्ट हुए. जिनमें, 62,775 मामले पॉजिटिव आए. आंकड़े साफ तौर पर हरिद्वार में टेस्ट के नाम पर बड़े घोटाले की और इशारा कर रहे हैं. अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा किया, जिसमें 700 लोगों के नाम पर एक ही मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है.

काशीपुर: हरिद्वार कुंभ में हुए कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामले को लेकर प्रदेश भर में आम आदमी पार्टी ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसी क्रम में काशीपुर में भी आप ने बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा के कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.

आप प्रदेश प्रवक्ता मयंक शर्मा ने सरकार पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले ने देश के साथ-साथ विदेशों में भी भारत की साख को बट्टा लगाने का काम किया है, क्योंकि कुंभ पूरे विश्व का पर्व है. मामले में बीजेपी सरकार में अधिकारियों और उनके नेताओं की भूमिका साफ तौर पर इस घोटाले में सामने आ रही है.

आप ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि इतने बड़े घोटाले पर किसी सिटिंग जज द्वारा न्यायिक जांच होनी चाहिए. ताकि जांच जल्दी और बिना किसी दबाव के हो सके. इसके साथ ही मुख्यमंत्री को पूरे प्रदेश में कोरोना जांच का ऑडिट कराना चाहिए और खुद स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते नैतिक आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े को लेकर आप का प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन

आप महानगर अध्यक्ष मनोज कौशिक ने कहा कि बीजेपी सरकार में उनके लोग इस आपदा में भी अवसर ढूंढ रहे हैं. इनका केवल चेहरा बदला है, चरित्र नहीं. चाहे निशंक सरकार के समय कुंभ का सबसे बड़ा 400 करोड़ का घोटाला हो या अभी का कोरोना जांच का घोटाला. ये सरकार पूरी तरह घोटालों में डूब चुकी है, लेकिन अब इनके पाप का घड़ा भर चुका है. आप कार्यकर्ताओं को आज 70 विधानसभा क्षेत्रों में प्रदर्शन कर रहे हैं.

बीजेपी सरकार ने झूठे आंकड़े सामने रखकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है. वहीं, दूसरी तरफ इनके अधिकारी और नेताओं ने घोटाले को अंजाम दिया है. जिसका प्रमाण एसडीसी फाउंडेशन(सोशल डिवेलपमेंट फार कम्यूनिटीज फाउंडेशन) से मिलता है, जो शुरू से हरिद्वार आंकड़ों पर सरकार पर सवाल उठा रही थी.

एसडीसी फाउंडेशन ने 1 से 30 अप्रैल के बीच पूरे प्रदेश में हुए कोरोना टेस्टों का विश्लेषण किया. जिनमें, हरिद्वार में 6,00,291 जांच में 17,335 मामले पॉजिटिव आए. जबकि इस दौरान अन्य 12 जिलों में कुल 4,42,432 टेस्ट हुए. जिनमें, 62,775 मामले पॉजिटिव आए. आंकड़े साफ तौर पर हरिद्वार में टेस्ट के नाम पर बड़े घोटाले की और इशारा कर रहे हैं. अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा किया, जिसमें 700 लोगों के नाम पर एक ही मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है.

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