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विजय दिवस: राष्ट्र के लिए उत्तराखंड के 255 जवानों ने किए प्राण न्यौछावर, सुनिए वीर गाथा

विजय दिवस पर नई टिहरी स्थित युद्ध स्मारक में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. 1971 की लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सैनिक ने युद्ध के रौंगटे खड़े कर देने क्षण को याद किया.

tehri
टिहरी में विजय दिवस
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Published : Dec 16, 2019, 6:23 PM IST

टिहरी: विजय दिवस का आयोजन नई टिहरी स्थित युद्ध स्मारक में सुबह 11 बजे से किया गया. इस अवसर पर डीएम वी. षणमुगम ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान कार्यक्रम में जिले के विभिन्न संगठनों ने प्रतिभाग किया. 1971 की लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सैनिक ने युद्ध की कहानी बताई. आईये जानते हैं वीर गाथा से भरी ये रोचक कहानी.

पढ़ें- विजय दिवस: भारत-पाक जंग में देवभूमि के 255 जवानों ने दी थी शहादत, ये है सूबेदार दरबारा सिंह की गाथा

1971 का युद्ध लड़ने वाले पूर्व सैनिक इंद्र सिंह नेगी ने बताया कि ये दिन पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि भारत ने 13 दिनों के युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की थी. इस युद्ध में टिहरी के 12 जवान एवं उत्तराखंड राज्य के 255 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे.

टिहरी में मनाया गया विजय दिवस.

इंद्र सिंह नेगी ने बताया कि इस युद्ध में पराजय के बाद, पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने अपने लगभग एक लाख सैनिकों के साथ भारतीय सेना और बांग्लादेश मुक्तिवाहिनी के समक्ष समर्पण कर दिया था. इस युद्ध के हीरो मानिक शाह थे. इस युद्ध के बाद पाकिस्तान दो भागों में विभक्त होकर बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) के रूप में स्वतंत्र देश बन गया.

टिहरी: विजय दिवस का आयोजन नई टिहरी स्थित युद्ध स्मारक में सुबह 11 बजे से किया गया. इस अवसर पर डीएम वी. षणमुगम ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान कार्यक्रम में जिले के विभिन्न संगठनों ने प्रतिभाग किया. 1971 की लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सैनिक ने युद्ध की कहानी बताई. आईये जानते हैं वीर गाथा से भरी ये रोचक कहानी.

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1971 का युद्ध लड़ने वाले पूर्व सैनिक इंद्र सिंह नेगी ने बताया कि ये दिन पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि भारत ने 13 दिनों के युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की थी. इस युद्ध में टिहरी के 12 जवान एवं उत्तराखंड राज्य के 255 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे.

टिहरी में मनाया गया विजय दिवस.

इंद्र सिंह नेगी ने बताया कि इस युद्ध में पराजय के बाद, पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने अपने लगभग एक लाख सैनिकों के साथ भारतीय सेना और बांग्लादेश मुक्तिवाहिनी के समक्ष समर्पण कर दिया था. इस युद्ध के हीरो मानिक शाह थे. इस युद्ध के बाद पाकिस्तान दो भागों में विभक्त होकर बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) के रूप में स्वतंत्र देश बन गया.

Intro:विजय दिवस के उपलक्ष पर 1971 की लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सैनिक ने बताई युद्ध की कहानीBody:विजय दिवस का आयोजन नई टिहरी स्थित युद्ध स्मारक में सुबह 11 बजे से किया गया है।

विजय दिवस के अवसर पर डीएम वी ष्णमुगम ने शहीदों को श्रद्धान्जलि दी। जिसमें जिले के विभिन्न संगठनों ने प्रतिभाग किया,

इस अवसर पर इस युद्ध को लड़ने वाले पूर्व सैनिक इंद्र सिंह नेगी ने बताया कि यह दिवस 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष मनाया जाता है.
भारत ने 13 दिनों के युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की थी.
इस युद्ध में टिहरी के 12 जवान एवं उत्तराखंड राज्य के 255 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे

Conclusion:इस युद्ध में पराजय के बाद, पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने अपने लगभग एक लाख सैनिकों के साथ भारतीय सेना और बांग्लादेश मुक्तिवाहिनी के समक्ष समर्पण कर दिया था. इस युद्ध के हीरो मानिक शाह थे. इसयुद्ध के बाद पाकिस्तान दो भागों में विभक्त होकर बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) के रूप में स्वतंत्र देश बना.
विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए.

वाइट-इंद्र सिंह नेगी
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