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टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी हटे, अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना मामले में एक्शन

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Published : Dec 2, 2020, 10:09 AM IST

अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन देने का आदेश जारी करने वाले समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल को पद से हटाया गया है. सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे.

टिहरी
अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन योजना प्रकरण

टिहरी: टिहरी गढ़वाल में समाज कल्याण विभाग द्वारा अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन देने का आदेश जारी करने वाले समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल को उत्तराखंड शासन ने पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया है.

टिहरी
समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल को पद से हटाया गया

धर्मांतरण को बढ़ावा देने वालों पर सरकार सख्त

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार मजहबी उद्देश्यों और धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली शक्तियों के खिलाफ कठोरता से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अंतरजातीय/अंतरधार्मिक विवाह के बाद सहायता राशि देने वाली सूचना को लेकर जांच करने के आदेश जारी करने के बाद यह फैसला लिया.

टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी ने जारी किया था सर्कुलर

18 नवम्बर को टिहरी गढ़वाल के जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने एक पत्र जारी किया था. इसमें अंतरधार्मिक विवाह करने पर समाज कल्याण विभाग की तरफ से प्रोत्साहन के रूप में 50,000 रुपए दिए जाने का उल्लेख किया गया था. यह मामला चर्चा में आते ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रशासन को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे. सीएम रावत ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी कि किन परिस्थितियों में इस प्रेस रिलीज को जारी किया गया.

अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन 1976 का कानून

उत्तराखंड सरकार के आर्थिक सलाहकार आलोक भट्ट ने बताया था कि ये 1976 का का कानून है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पहले 10,000 रुपए की सहायता राशि मिलती थी. जिसे कांग्रेस की सरकार ने 2014 में बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार से किसी ने भी अंतरधार्मिक विवाह को बढ़ावा देने की बात नहीं की है.

सरकार जबरन धर्मांतरण के सख्त खिलाफ- दर्शन

सीएम के मीडिया संयोजक दर्शन सिंह रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना को काफी गंभीरता से लिया है और चीफ सेक्रेटरी को जांच का आदेश दिया है. सीएम ने कहा कि जब सरकार पूरी तरह जबरन धर्मान्तरण के बाद शादी के खिलाफ है, तो किन परिस्थितियों में ये प्रेस रिलीज जारी हुई. इसके साथ ही इस योजना को अंतरधार्मिक के बजाय अंतरजातीय विवाह तक सीमित करने के भी आदेश जारी किए गए.

‘फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल’ में दो साल की जेल का प्रावधान

उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2018 में ही ‘फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल’ पारित किया था. इसके तहत रुपयों के दम पर या किसी का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने का दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल का प्रावधान है.

हल्द्वानी भेजे गए घिल्डियाल

दीपांकर घिल्डियाल का तत्काल प्रभाव से तबादला नैनीताल जिले के हल्द्वानी कर दिया गया है. उनकी ज्वाइनिंग के बारे में तुरंत प्रभाव से समाज कल्याण निदेशालय को बताने का आदेश भी हुआ है.

टिहरी: टिहरी गढ़वाल में समाज कल्याण विभाग द्वारा अंतरधार्मिक विवाह को प्रोत्साहन देने का आदेश जारी करने वाले समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल को उत्तराखंड शासन ने पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया है.

टिहरी
समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल को पद से हटाया गया

धर्मांतरण को बढ़ावा देने वालों पर सरकार सख्त

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार मजहबी उद्देश्यों और धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली शक्तियों के खिलाफ कठोरता से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अंतरजातीय/अंतरधार्मिक विवाह के बाद सहायता राशि देने वाली सूचना को लेकर जांच करने के आदेश जारी करने के बाद यह फैसला लिया.

टिहरी के समाज कल्याण अधिकारी ने जारी किया था सर्कुलर

18 नवम्बर को टिहरी गढ़वाल के जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने एक पत्र जारी किया था. इसमें अंतरधार्मिक विवाह करने पर समाज कल्याण विभाग की तरफ से प्रोत्साहन के रूप में 50,000 रुपए दिए जाने का उल्लेख किया गया था. यह मामला चर्चा में आते ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रशासन को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे. सीएम रावत ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी कि किन परिस्थितियों में इस प्रेस रिलीज को जारी किया गया.

अंतरधार्मिक विवाह प्रोत्साहन 1976 का कानून

उत्तराखंड सरकार के आर्थिक सलाहकार आलोक भट्ट ने बताया था कि ये 1976 का का कानून है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पहले 10,000 रुपए की सहायता राशि मिलती थी. जिसे कांग्रेस की सरकार ने 2014 में बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार से किसी ने भी अंतरधार्मिक विवाह को बढ़ावा देने की बात नहीं की है.

सरकार जबरन धर्मांतरण के सख्त खिलाफ- दर्शन

सीएम के मीडिया संयोजक दर्शन सिंह रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना को काफी गंभीरता से लिया है और चीफ सेक्रेटरी को जांच का आदेश दिया है. सीएम ने कहा कि जब सरकार पूरी तरह जबरन धर्मान्तरण के बाद शादी के खिलाफ है, तो किन परिस्थितियों में ये प्रेस रिलीज जारी हुई. इसके साथ ही इस योजना को अंतरधार्मिक के बजाय अंतरजातीय विवाह तक सीमित करने के भी आदेश जारी किए गए.

‘फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल’ में दो साल की जेल का प्रावधान

उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2018 में ही ‘फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल’ पारित किया था. इसके तहत रुपयों के दम पर या किसी का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने का दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल का प्रावधान है.

हल्द्वानी भेजे गए घिल्डियाल

दीपांकर घिल्डियाल का तत्काल प्रभाव से तबादला नैनीताल जिले के हल्द्वानी कर दिया गया है. उनकी ज्वाइनिंग के बारे में तुरंत प्रभाव से समाज कल्याण निदेशालय को बताने का आदेश भी हुआ है.

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