प्रतापनगरः देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखंड राज्य में एक से बढ़कर एक सिद्धपीठ हैं जहां भक्त शीश नवाते हैं. हजारों ऐसे देवस्थान हैं जो अपने चमत्कार के लिए जाने जाते हैं, जहां भक्त अपनी मनोकामना के लिए दूर-दूर से आते हैं. इन्हीं में से एक है मां सुरकंडा देवी का दरबार. जी हां, टिहरी गढ़वाल के जिले में स्थित मां सुरकंडा देवी जो कि सिद्ध पीठों में एक है. यह डोली माता सुरकंडा की डोली और यह सत्यों गांव की डोली है. यह मां सुरकंडा का ही रूप है.
मंदिर के पुजारी के अनुसार जब इंसान डॉक्टरों से थक हार जाता है तो वह फिर माता के चरणों में आकर हर एक बीमारी से मुक्त हो जाता है. पुजारी का कहना है कि कोई भी बीमारी हो माता रानी उसे क्षणभर में दूर कर दुखियारों का दुख दूरकर उसे सुख प्रदान करने का काम करती हैं.
माता के कई ऐसे चमत्कार हैं जिस पर लोग विश्वास नहीं कर सकते लेकिन मां ऐसे ऐसे चमत्कार करती हैं, जो कभी कोई सोच भी नहीं सकता. पुजारी का कहना है कि माता के चमत्कारों का बखान करना संभव नहीं है. मां अपनी डोली के छतर की नोक से दीवार पर लिखकर बताती हैं. हम जो भी काम करते हैं, माता के आदेशों के अनुसार ही करते हैं. जैसा मां कहती है वैसा ही करते हैं.
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बहरहाल, ईटीवी भारत किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है न ही इस तरह के दावे की पुष्टि करता है. यह लोगों की आस्था का विषय है.