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नहीं थम रहा बंदरों का आंतक, पालिका की गाड़ी देखकर रफूचक्कर हो जाते हैं बंदर

जिले में बंदरों के बढ़ते आतंक से लोगों व स्कूल जाते बच्चों को अब डर सताने लगा है. नगर पालिका परिषद नरेंद्र नगर ने बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से टीम बुलाई है. 66 बंदरों को पकड़ कर चिड़ियापुर के बंदर बाड़े में रखा जा रहा है.

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Published : Aug 27, 2019, 6:44 PM IST

नगर पालिका परिषद ने बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू किया.

नरेंद्र नगर/ टिहरी गढ़वाल: जिले में आए दिन बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. बंदरों से होने वाली दुर्घटनाएं व घर में फ्रिज से खाने की चीजें निकाल कर खाने से लोगों की मुसीबतें बढ़ रही हैं. इन बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नगर पालिका परिषद नरेंद्र नगर ने बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से टीम बुलाई है.

बता दें कि बंदरों के आतंक को काबू करने के लिए मथुरा से आई टीम ने बंदर पकड़ने का कार्य शुरू कर दिया है. जिसमें टीम ने अभी तक जिले से 66 बंदरों को पकड़ा लिया है. टीम ने बताया कि अब उन्हें बंदर पकड़ने में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

नगर पालिका परिषद ने बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू किया.

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दरअसल, पालिका परिषद की गाड़ी को बंदरों ने पहचान लिया है. जिससे वह उनके लगाए पिंजरों को देखकर ही भाग जाते हैं. वैसे तो अभी तक पकड़े गए बंदरों को चिड़ियापुर स्थित बाड़े में रखा जा रहा है. नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार ने बताया गया कि बंदर पकड़ने का कार्य लगातार जारी है. कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग न करने से बंदर पकड़ने में मुश्किलें आ रही हैं.

यह भी पढ़ें: स्टिंग मामले में रेखा आर्य ने ली हरीश रावत पर चुटकी, कहा- जैसी करनी वैसी भरनी

लोगों ने अपनी छतों पर बंदरों को पकड़ने वाले जाल को लगाने से मना किया है. इस वजह से बंदर पकड़ने में असुविधा हो रही है. नगर में बंदरों की बढ़ती संख्या व आतंक को देखते हुए स्कूल जाते बच्चों व मार्केट से घर तक सामान लाने में लोगों को बंदरों का डर लगा रहता है. वन विभाग की ओर से बंदरों की समस्या से कोई निपटारा नहीं किया जा रहा है. फिलहाल, नगर पालिका परिषद लोगों को बंदरों से राहत के लिए कार्य कर रही है.

नरेंद्र नगर/ टिहरी गढ़वाल: जिले में आए दिन बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. बंदरों से होने वाली दुर्घटनाएं व घर में फ्रिज से खाने की चीजें निकाल कर खाने से लोगों की मुसीबतें बढ़ रही हैं. इन बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नगर पालिका परिषद नरेंद्र नगर ने बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से टीम बुलाई है.

बता दें कि बंदरों के आतंक को काबू करने के लिए मथुरा से आई टीम ने बंदर पकड़ने का कार्य शुरू कर दिया है. जिसमें टीम ने अभी तक जिले से 66 बंदरों को पकड़ा लिया है. टीम ने बताया कि अब उन्हें बंदर पकड़ने में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

नगर पालिका परिषद ने बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू किया.

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दरअसल, पालिका परिषद की गाड़ी को बंदरों ने पहचान लिया है. जिससे वह उनके लगाए पिंजरों को देखकर ही भाग जाते हैं. वैसे तो अभी तक पकड़े गए बंदरों को चिड़ियापुर स्थित बाड़े में रखा जा रहा है. नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार ने बताया गया कि बंदर पकड़ने का कार्य लगातार जारी है. कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग न करने से बंदर पकड़ने में मुश्किलें आ रही हैं.

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लोगों ने अपनी छतों पर बंदरों को पकड़ने वाले जाल को लगाने से मना किया है. इस वजह से बंदर पकड़ने में असुविधा हो रही है. नगर में बंदरों की बढ़ती संख्या व आतंक को देखते हुए स्कूल जाते बच्चों व मार्केट से घर तक सामान लाने में लोगों को बंदरों का डर लगा रहता है. वन विभाग की ओर से बंदरों की समस्या से कोई निपटारा नहीं किया जा रहा है. फिलहाल, नगर पालिका परिषद लोगों को बंदरों से राहत के लिए कार्य कर रही है.

Intro:नरेंद्र नगर/ टिहरी गढ़वाल:- आए दिन बंदरों द्वारा होने वाली दुर्घटनाएं एवं स्थानीय लोगों के हाथ से खाने की चीजें छीनने एवं घर के अंदर जाकर फ्रिज से खाने की चीजें निकालने की बढ़ती घटना को देखते हुए नगर पालिका परिषद नरेंद्र नगर द्वारा बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से टीम बुलाई गई
मथुरा से आई टीम द्वारा बंदर पकड़ने का कार्य किया जा रहा है जिसमें उन्होंने अभी तक 66बंदरों को पकड़ा गया है उनके द्वारा बताया गया कि अब उन्हें बंदर पकड़ने में बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जैसे बंदरों द्वारा उनके पिंजरा एवं गाड़ी पहचान ली गई है जिस मोहल्ले में बंदर पकड़ने जाते हैं तो बंदर वहां से भाग जाते हैं कुछ स्थानीय लोगों द्वारा भी अपनी छतों पर पिंजरा लगाने से मना करा गया ।Body:आपको बता दें कि 21 अगस्त से 27 अगस्त 2019 मंगलवार तक 66 बंदरों को पकड़ा गया है जिन्हें चिड़ियापुर के बंदर बाडे में छोड़ा जाना हैConclusion:नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पवार जी द्वारा बताया गया की बंदर पकड़ने का कार्य किया जा रहा है पर कुछ स्थानीय लोगों का सहयोग बंदर पकड़ने मे नहीं दिया जा रहा है । उनकी छतों पर जाला लगाने के लिए उनके द्वारा मना किया जा रहा है जिस कारण बंदर पकड़ने के मे असुविधा हो रही है जिस कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
बंदरों की बढ़ती संख्या वह बंदरों द्वारा जंगलों से शहरों/ नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में आना एक बहुत बड़ी समस्या है हर तरफ बंदर ही बंदर होने के कारण जनमानस को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है स्कूल जाते हुए बच्चों एवं मार्केट से घर तक सामान लाने में बंदरों का डर लगा रहता है। वन विभाग द्वारा बंदरों की समस्या से निपटने के लिए नगर पालिका एवं नगर निगम को भी अपने स्तर से इस समस्या के समाधान करने के लिए सूचना दे दी गई है
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