टिहरीः धनौल्टी विधानसभा क्षेत्र के अंर्तगत सुवाखोली-अलमस-भवान राज्य राजमार्ग से लगे गवाणा गांव की तीन बड़ी बस्तियां डामणी, तुरियाडू और तोगी आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं. जबकि, थान गांव निवासी धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार इसी गांव के पड़ोसी हैं. वहीं, ब्लाॅक प्रमुख सीता रावत की क्षेत्र पंचायत भी इन्हीं गांवों का हिस्सा है, लेकिन आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में बरसात के दिनों में बच्चे द्वली और गुच्चू नदी को पार कर स्कूल पहुंच रहे हैं. जहां किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं, ग्रामीणों ने जल्द मोटर मार्ग और नदी पर पुल बनाने की मांग की है.
बता दें कि जौनपुर ब्लॉक का गवाणा गांव भवान कस्बे से लगा हुआ है. किसी तरह ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से भवान से गवाणा तक हल्का वाहन मार्ग बन पाया, लेकिन गांव की डामणी, एससी बस्ती तुरियाडू और तोगी इलाके के 165 से अधिक परिवार आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं. यह लोग 2 किमी खड़ी चढ़ाई चढ़कर गांव पहुंचते हैं. स्थानीय निवासी दलवीर रमोला, ग्राम प्रधान रीना देवी, कविता देवी, संगीता रमोला, रविंद्र नेगी, प्रेम आदि का कहना है कि ग्राम पंचायत से लेकर बीडीसी और जिला पंचायत की बैठकों में इन तोकों को सड़क से जोड़ने के प्रस्ताव रखे गए हैं. इतना ही नहीं विधायक, सांसद और सीएम को भी सड़क बनाने का प्रस्ताव भेजा, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.
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उन्होंने बताया कि गांव के बच्चे बरसात के सीजन में जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं. भवान में राजकीय इंटर कॉलेज के अलावा सरस्वती विद्या मंदिर, शिशु मंदिर समेत प्राथमिक स्कूल और अन्य शिक्षण संस्थाएं हैं. गांव में नकदी फसल भी भरपूर मात्रा में उगाई जाती है. यहां पारंपरिक कोदा, झंगोरा, साटी के अलावा टमाटर, बीन, मटर, गोभी की सब्जी भी प्रचुर मात्रा में उगाई जाती है, लेकिन बाजार तक पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है. उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ग्रामीणों को सड़क सुविधा दी जाए और नदी के ऊपर स्टील गार्डर पुल बनाया जाए. जल्द समस्या हल न होने पर उन्होंने आंदोलन करने की चेतावनी दी है. मामले में विधायक प्रीतम पंवार से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.
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वहीं, लोनिवि थत्यूड़ के ईई रजनीश कुमार (PWD Thatyur EE Rajneesh Kumar) का कहना है कि इस साल की जिला योजना में गवाणा से डामणी तक 4 किमी सड़क का 71.88 लाख का प्रस्ताव शामिल किया गया है. जिसमें कटिंग और दीवार निर्माण कार्य शामिल हैं. इसके अलावा शासन को भी भवान-गवाणा-डामणी मोटर मार्ग नवनिर्माण और स्टील गार्डर पुल का 13 करोड़ 80 लाख का प्रस्ताव भेजा है. धनराशि स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
उत्तरकाशी में भी लोग परेशान: उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्यूणा के ग्रामीणों को आज भी रस्सी-ट्रॉलियों के झंझट से मुक्ति नहीं मिल पाई है. ग्रामीणों को ऊफनती भागरथी नदी को पार करने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ रही है. ग्रामीण जर्जर रस्सी वाली ट्रॉली के जरिए भागीरथी पार कर रहे हैं. यहां पैदल मार्ग भागीरथी नदी के किनारे होने से क्षतिग्रस्त हो गया. जिससे ग्रामीण 2021 से इस जर्जर ट्रॉली से आवागमन कर रहे हैं. ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी समस्या बरसात के दिनों में होती है, जब गंगा भागीरथी का जलस्तर काफी बढ़ जाता है. सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को होती है. ग्रामीण और स्कूली बच्चे ट्रॉली की रस्सी खींचकर दूसरे किनारे तक पहुंच पाते हैं.
पिथौरागढ़ में उफान पर नाला: पिथौरागढ़ में भी यही हाल है. द्वालीगाड़ पुल ध्वस्त होने से थल-मुनस्यारी सड़क कई दिनों से बाधित है. जिससे लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छात्र-छात्राओं को उठानी पड़ रही है. यहां बरसाती नाला उफान पर बह रहा है. जहां से ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं, जो काफी डराने वाली हैं. यहां छात्र एक दूसरे का हाथ पकड़कर नाले को पार करते नजर आ रहे हैं. सोमवार को बरसाती नाला उफान पर आ गया. जिससे विर्थी इंटर कॉलेज जा रहे बला, मगर और विर्थी गांव के बच्चे फंस गए. जिन्हें स्थानीय लोगों ने हाथ पकड़कर नाला पार कराया. इस दौरान बच्चे एक दूसरे का हाथ थामे नजर आए. इतना ही नहीं स्कूल की छुट्टी के बाद भी छात्रों ने इसी तरह जान जोखिम में डालकर नाले को पार किया.