धनौल्टी: राज्य में पलायन आज प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है. ऐसे में नेता इसे चुनावी मुद्दा बना कर राजनीति की रोटी सेंकने से नहीं चूक रहे हैं. वहीं, स्थानीय लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पलायन करने को मजबूर हैं. राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे का सहारा लेकर जनता को बहकाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही हैं.
बता दें कि नेता पलायन के मुद्दे को लेकर लोगों को बहकाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. आखिर हो भी क्यों न क्योंकि, लोग अपनी बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने, बच्चों को उचित शिक्षा दिलाने और रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ रुख कर रहें हैं. यही कारण है कि सरकार के लिए पलायन रोकना एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है. ग्रामीण इलाकों में बच्चों की शिक्षा के लिए न तो विद्यालय है और न ही शिक्षक साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अभाव है.
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अविभावकों की मानें तो बच्चों को बरामदे में बिठाकर या खुले मैदानों में शिक्षा दी जा रही है. वहीं, बारिश के दौरान ये स्थिति और भी दयनीय हो जाती है, जिसके कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मामले को कई बार प्रशासन स्तर पर उठाया जा चुका है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.