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धनौल्टी: गुणवत्ता को ताक पर रख बनाई जा रही सड़क, लोगों में रोष

ण्डखाल-गैरनगुण-नागराजाधार मोटर मार्ग पर स्थानीय लोगों ने गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. साथ ही ठेकेदार पर रोड निर्माण में मनमर्जी करने का आरोप लगाया है.

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Published : Jun 4, 2020, 8:57 PM IST

धनौल्टी: मैण्डखाल-गैरनगुण-नागराजाधार मोटर मार्ग पर इन दिनों चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य चल रहा है. सात किमी लंबे सड़क निर्माण कार्य को पीएमजीएसवाई के तहत करीब साढ़े सात करोड़ की लागत से से किया जा रहा है. इस बीच स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. स्थानीय लोगों ने इस मामले में पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि मार्ग निर्माण के दौरान काश्तकारों को अभी तक पूरा मुआवजा नहीं मिला है. सड़क निर्माण का मलबा भी डंपिग जोन में नहीं डाला जा रहा है. विगत एक साल से मैण्डखाल-गैरनगुण-नागराजाधार मोटर मार्ग का चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य चल रहा है. लेकिन स्थानीय लोग ठेकेदार पर मानक के अनुरूप कार्य न करने का आरोप लगा रहे हैं.

जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने समय-समय पर विभाग से भी की गई. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता राय सिंह पडियार, जयेंद्र प्रसाद सेमवाल का कहना है कि ठेकेदार शुरू से ही अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं. जिससे सड़क निर्माण में गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.

पढ़ें: हाईकोर्ट का फैसला- सरयू नदी में मशीनों से खुदाई पर रोक जारी रहेगी

कटिंग से निकला मलबा, चपटे पत्थर ही टॉप सोलिंग में कई स्थानों पर बिछाए जा रहे हैं. इससे डामरीकरण मजबूत नहीं होगा. वहीं अभी तक काश्तकारों को मुआवजा भी नहीं मिल पाया है. कटिंग का मलवा भी डंपिंग जोन में नहीं डाला जा रहा है, जो बरसात में आपदा का कारण बन सकता है. उन्होंने आगे कहा कि शीघ्र ही क्षेत्र का प्रतिनिधि मंडल इस संदर्भ में जिलाधिकारी से मुलाकात करेगा.

पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता जेके सैनी का कहना है कि गुणवत्ता की निरंतर निगरानी की जाती है, फिर भी कहीं पर ठेकेदार ने मानक के विपरीत कार्य किया है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी. काश्तकारों को मुआवजे का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जा रहा है. साथ ही गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा.

धनौल्टी: मैण्डखाल-गैरनगुण-नागराजाधार मोटर मार्ग पर इन दिनों चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य चल रहा है. सात किमी लंबे सड़क निर्माण कार्य को पीएमजीएसवाई के तहत करीब साढ़े सात करोड़ की लागत से से किया जा रहा है. इस बीच स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. स्थानीय लोगों ने इस मामले में पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि मार्ग निर्माण के दौरान काश्तकारों को अभी तक पूरा मुआवजा नहीं मिला है. सड़क निर्माण का मलबा भी डंपिग जोन में नहीं डाला जा रहा है. विगत एक साल से मैण्डखाल-गैरनगुण-नागराजाधार मोटर मार्ग का चौड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य चल रहा है. लेकिन स्थानीय लोग ठेकेदार पर मानक के अनुरूप कार्य न करने का आरोप लगा रहे हैं.

जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने समय-समय पर विभाग से भी की गई. वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता राय सिंह पडियार, जयेंद्र प्रसाद सेमवाल का कहना है कि ठेकेदार शुरू से ही अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं. जिससे सड़क निर्माण में गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.

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कटिंग से निकला मलबा, चपटे पत्थर ही टॉप सोलिंग में कई स्थानों पर बिछाए जा रहे हैं. इससे डामरीकरण मजबूत नहीं होगा. वहीं अभी तक काश्तकारों को मुआवजा भी नहीं मिल पाया है. कटिंग का मलवा भी डंपिंग जोन में नहीं डाला जा रहा है, जो बरसात में आपदा का कारण बन सकता है. उन्होंने आगे कहा कि शीघ्र ही क्षेत्र का प्रतिनिधि मंडल इस संदर्भ में जिलाधिकारी से मुलाकात करेगा.

पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता जेके सैनी का कहना है कि गुणवत्ता की निरंतर निगरानी की जाती है, फिर भी कहीं पर ठेकेदार ने मानक के विपरीत कार्य किया है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी. काश्तकारों को मुआवजे का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जा रहा है. साथ ही गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा.

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