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जन समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी से मिला नागरिक मंच, सौंपा ज्ञापन - टिहरी हिंदी समाचार

टिहरी में नागरिक मंच के उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर जन समस्याओं सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा.

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जिलाधिकारी से मिले नागरिक मंच के पदाधिकारी
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Published : Feb 6, 2020, 8:09 AM IST

Updated : Feb 6, 2020, 9:12 AM IST

टिहरी: नागरिक मंच के पदाधिकारियों ने डीएम डॉ. वी षणमुगम से मुलाकात की और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. जिसमें जिलास्तरीय कार्यालयों को नरेंद्रनगर से जिला मुख्यालय नई टिहरी लाने और पानी और सीवर शुल्क देय को समाप्त करने की मांग की गई है.

गुरुवार को नागरिक मंच ने जिलाधिकारी डॉ. वी षणमुगम से मुलाकात की और उन्हें जनसमस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें कहा गया है कि जिला मुख्यालय नई टिहरी 1988-89 में घोषित हुआ था. वहीं, जिला बनने के करीब 30 साल बाद भी कृषि, पशुपालन, सहकारिता, उद्योग, पंचायत, उरेडा और आयुर्वेद जैसे कई अहम जिलास्तरीय कार्यालय वर्तमान में नरेंद्र नगर में ही स्थित हैं, जिसके कारण टिहरी के अन्य विकासखंड के दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को वहां पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनकी मांग है कि इन कार्यालयों को नई टिहरी शिफ्ट किया जाए.

जिलाधिकारी से मिले नागरिक मंच के पदाधिकारी

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वहीं, नागरिक मंच के पदाधिकारी केएस डबराल का कहना है कि जल संस्थान, लोगों को डरा-धमका कर सीवर और पानी का बिल वसूल कर रहा है. जबकि, हनुमंत राय कमेटी के आधार पर नई टिहरी और बौराड़ी के बिल माफ कर दिये गए हैं. लेकिन जल संस्थान विस्थापित और गैर विस्थापित क्षेत्रों को बांटकर सीवर और पानी का बिल वसूल रहा है. जो कि पुनर्वास नीति और मानवीय आधार के विरुद्ध है, जिसका नागरिक मंच खुला विरोध करता है. डबराल का कहना है कि नई टिहरी वासियों पर सीवर और पेयजल शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए.

टिहरी: नागरिक मंच के पदाधिकारियों ने डीएम डॉ. वी षणमुगम से मुलाकात की और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. जिसमें जिलास्तरीय कार्यालयों को नरेंद्रनगर से जिला मुख्यालय नई टिहरी लाने और पानी और सीवर शुल्क देय को समाप्त करने की मांग की गई है.

गुरुवार को नागरिक मंच ने जिलाधिकारी डॉ. वी षणमुगम से मुलाकात की और उन्हें जनसमस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें कहा गया है कि जिला मुख्यालय नई टिहरी 1988-89 में घोषित हुआ था. वहीं, जिला बनने के करीब 30 साल बाद भी कृषि, पशुपालन, सहकारिता, उद्योग, पंचायत, उरेडा और आयुर्वेद जैसे कई अहम जिलास्तरीय कार्यालय वर्तमान में नरेंद्र नगर में ही स्थित हैं, जिसके कारण टिहरी के अन्य विकासखंड के दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को वहां पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनकी मांग है कि इन कार्यालयों को नई टिहरी शिफ्ट किया जाए.

जिलाधिकारी से मिले नागरिक मंच के पदाधिकारी

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वहीं, नागरिक मंच के पदाधिकारी केएस डबराल का कहना है कि जल संस्थान, लोगों को डरा-धमका कर सीवर और पानी का बिल वसूल कर रहा है. जबकि, हनुमंत राय कमेटी के आधार पर नई टिहरी और बौराड़ी के बिल माफ कर दिये गए हैं. लेकिन जल संस्थान विस्थापित और गैर विस्थापित क्षेत्रों को बांटकर सीवर और पानी का बिल वसूल रहा है. जो कि पुनर्वास नीति और मानवीय आधार के विरुद्ध है, जिसका नागरिक मंच खुला विरोध करता है. डबराल का कहना है कि नई टिहरी वासियों पर सीवर और पेयजल शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए.

Intro:टिहरी

नागरिक मंच के पदाधिकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर जिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन,Body:टिहरी नागरिक मंच के पदाधिकारियों ने डीएम डा़ वी़ षणमुगम से मुलाकात कर पत्र सौंपकर जनहित समस्याओं को देखते हुए जिलास्तरीय कार्यालयों को नरेंद्रनगर से जिला मुख्यालय नई टिहरी लाने व सीवर व जलशुल्क देयक समाप्त करने की मांग की।

नागरिक मंच के उपाध्यक्ष कमल सिंह महर, सचिव चंडी प्रसाद डबराल, करम सिंह तोपवाल, किशोरी लाल, नरोत्तम जखमोला आदि ने डीएम से मुलाकात कर उन्हें सौंपे पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि जिला मुख्यालय नई टिहरी 1988-89 में घोषित हुआ। जिला बनने के 30 साल बाद भी कृषि, पशुपालन, सहकारिता, उद्योग, पंचायत, उरेडा व आयुर्वेद जैसे अहम कई जिलास्तरीय कार्यालय आज भी नरेंद्र नगर में संचालित हो रहे हैं। जिसके कारण टिहरी के अन्य विकासखंड के दूरदराज से आए ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिन्हें तत्काल जिला मुख्यालय लाया जाय, जिससे दूर दराज से आए ग्रामीण जिला मुख्यालय में रहकर ही अपना सारा काम निपटा सके।

साथ ही कहा कि जल संस्थान लोगों को डरा धमका कर सीवर व पानी का बिल वसूल रहा है।जबकि हनुमंत राय कमेटी के आधार पर नई टिहरी व बौराड़ी के बिल माफ कर दिये गए हैं।
Conclusion:लेकिन जल संस्थान विस्थापित और गैर विस्थापित में बांटने का काम कर सीवर व जलशुल्क देयक दिये जा रहे हैं। जो पुनर्वास नीती व मानवीय आधार के विरूद्ध हैं। जिसका नागरिक मंच विरोध करता है। नई टिहरी वासियों को सीवर व जलशुल्क देयक पूरी तरह से माफ किये जायें।

बाइट - के.एस डबराल, नागरिक मंच के पदाधिकारी
Last Updated : Feb 6, 2020, 9:12 AM IST
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