टिहरी: प्रतापनगर की जनता का अब सालों पुराना इंतजार खत्म होने वाला है. गुरुवार को टिहरी झील के ऊपर बने डोबरा-चांठी पुल पर ट्रायल के तौर पर सामान से लदा यूटिलिटी वाहन चलाया गया. डोबरा-चांठी पुल पर वाहन चलता देख प्रतापनगर के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था.
अब जल्द ही डोबरा-चांठी पुल से लोगों का आवागमन शुरू हो जाएगा. लॉकडाउन के बाद पुल के निर्माण में थोड़ी रुकावट आ गई थी. जैसे ही शासन-प्रशासन की तरफ से कार्यदायी संस्था को अनुमति मिलेगी, पुल के ऊपर मास्टिक बिछाने का काम शुरू कर दिया जाएगा और पुल का उद्घाटन कर दिया जाएगा.
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बता दें कि डोबरा-चांठी पुल का निर्माण कार्य 2006 में शुरू हुआ था. इस पुल को दो साल के अंदर बनकर तैयार होना था लेकिन, निर्माण कार्य में कई अड़चनें आने के कारण पुल दो साल में बनकर तैयार नहीं हो सका. ऐसे में अब 14 साल बाद ये पुल बनकर तैयार हो रहा है. निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है. यह एक भारी वाहन झूला पुल होगा, जिसकी लंबाई करीब 440 मीटर है. इसकी चौड़ाई 5.5 मीटर है. इस पुल से 15 टन से ज्यादा वजनी वाहनों को गुजरने की इजाजत नहीं होगी.
2 लाख लोगों की उम्मीदों का पुल
बांध प्रभावित क्षेत्र प्रतापनगर, थौलधार ब्लॉक और उत्तरकाशी जिले के गाजणा पट्टी की दो लाख आबादी के लिए ये पुल बड़ी उम्मीदें लाएगा. 2006 से परेशानियां झेल रहे बांध प्रभावितों को आवागमन में इस पुल से सुविधा होगी. क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय नई टिहरी से अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए 60 से 70 किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा था. पुल शुरू होने के बाद ये दूरी बहुत कम हो जाएगी.