टिहरीः भिलंगना ब्लॉक के पुंडोली गांव के शहीद जवान प्रवीन सिंह गुसाईं पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनके पैतृक घाट शिवपुरी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. गांव के लाल को तिरंगे में लिपटा देख हर किसी की आंख भर आईं. अंतिम विदाई देते वक्त भी सभी की आखें नम हो गई.
बता दें कि बीती 2 जून यानी गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आईडी ब्लास्ट में जवान प्रवीन सिंह गुसाईं शहीद हो गए थे. जानकारी के मुताबिक, पतितुहलान और छोटीपुरा के बीच आतंकियों के छिपे होने सूचना मिली थी. आतंकियों की धरपकड़ के लिए राष्ट्रीय राइफल की टुकड़ी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया. सेना की टुकड़ी सेधाऊ बाजार पहुंची तो वहां अचानक धमाका हो गया. धमाके में गढ़वाल राइफल के जवान प्रवीन सिंह समेत अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए.
वहीं, घायल सैनिकों को श्रीनगर ले जाया गया और वहां से उन्हें एयर एंबुलेंस से सैन्य अस्पताल उधमपुर पहुंचाया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान प्रवीन सिंह शहीद हो गए. जम्मू से वायु सेना के विशेष विमान से शुक्रवार शाम साढ़े 6 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया. एयरपोर्ट पर शहीद प्रवीन सिंह को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. आज दोपहर में जवान का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा गांव पहुंचा तो सबकी आखें भर गई. अंतिम विदाई देने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ा.
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शहीद को टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह, टिहरी डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव समेत हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया. सबसे ज्यादा लोगों की आंखें उस वक्त भर आईं, जब शहीद की पत्नी अमिता गुसाईं बेसुध होकर प्रवीण की पार्थिव देह को ले जा रहे सेना के वाहन में बैठ गई. कुछ दूर जाने पर किसी तरह सेना के जवानों और स्वजन ने उन्हें समझा बुझाकर वापस घर भेजा.
गौर हो कि जवान प्रवीन सिंह गुसाईं (32) मूल रूप से टिहरी जिले के सीमांत नैलचामी घनसाली के पुंडोली गांव के रहने वाले थे. प्रवीन बीते 23 मई को ही एक माह की छुट्टी पूरी कर अपनी ड्यूटी पर लौटे थे. जो 26 मई को अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गए थे, लेकिन एक हफ्ते के भीतर ही उनके घर पर शहादत की खबर आ गई. प्रवीन गुसाईं 2012 में आर्मी के 15वीं लाइन में भर्ती हुए थे. हाल में प्रवीन गुसाईं जम्मू कश्मीर में देश की सेवा में तैनात थे. प्रवीन गुसाईं का परिवार अपने भाई के साथ देहरादून के बंजारावाला में रहता है. 32 साल के प्रवीन अपने पीछे पत्नी और 6 साल के बेटे को छोड़ गए हैं.
पिता ने शहीद बेटे को दी मुखाग्निः रिटायर हवलदार प्रताप सिंह गुसाईं ने नम आंखों से अपने बेटे को मुखाग्नि दी. दरअसल, प्रताप सिंह गुसाईं के बड़े बेटे जापान के एक होटल में कार्यरत हैं. जो समय पर नहीं पहुंच पाए. जिसके बाद रिटायर पिता ने ही अपने छोटे बेटे को मुखाग्नि दी. इस दौरान उनके पिता ने कहा कि देश के दुश्मनों को मारने के लिए नई नीति बनानी पड़ेगी. अगर हमारी एलआईयू अगर ठीक से काम करेगी तो सही सूचना मिलेगी. ऐसे में इन घटनाओं को रोका जा सकता है.
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ी भीड़, घनसाली बाजार रहा बंदः शहीद प्रवीन गुसाईं की आखरी विदाई देने के लिए उनके पैतृक गांव पुंडोली में जनसमूह उमड़ा. शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते पत्नी लिपट पड़ी. सारे गांव में चीख पुकार मच गई. किसी तरह परिवार को ढांढस बंधाकर पार्थिव शरीर को पैतृक घाट पर ले जाया गया. जहां प्रवीन सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए. प्रवीन की शहादत पर घनसाली बाजार पूरी तरह बंद रहा.