टिहरी: जायका प्रोजेक्ट के तहत जापान से आये विशेषज्ञों (Japan Expert Team Inspection In Tehri) ने टिहरी में काश्तकारों के बगीचों का निरीक्षण कर उनकी समस्यायें सुनीं. जिले भर में प्रमुख काश्तकारों की समस्यायें सुनकर जायका के तहत इन काश्तकारों को बेहतर फसल और ज्यादा उत्पादन के तरीके बताये जायेंगे. किसानों ने इस दौरान विशेषज्ञों को बंदर और अन्य जंगली जानवर द्वारा फसलों को पहुंचाए जा रहे नुकसान के बारे में अवगत कराया.
पौड़ी के जिला उद्यान अधिकारी (Pauri District Horticulture Officer) डॉ. डीके तिवारी की अगुवाई में जापान की कैस्ले कंपनी के आठ सदस्यीय दल ने बुडोगी चवालखेत में देवी सिंह चौहान के बगीचे का निरीक्षण किया. इस दौरान देवी सिंह ने उन्हें बताया कि वह अपने बगीचे में सेब, कीवी सहित नकदी फसलों की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें सिंचाई के लिए बरसात पर निभर रहना पड़ता है. जापान से आए विशेषज्ञ नागाचीना ने उनकी समस्यायें सुनीं. उसके बाद टीम ने नरेंद्रनगर ब्लॉक के दुआकोटी गांव में कीवी की खेती कर रही सीता चौहान के बगीचे का निरीक्षण किया.
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इस दौरान सीता चौहान ने बताया कि वह कीवी के अलावा नकदी फसलों की खेती करती हैं. लेकिन बंदर और अन्य जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. बरसात के पानी से ही सिंचाई करते हैं. अगर बरसात न हो या ओले पड़ जायें तो फसल खराब हो जाती है. इस दौरान जापान से आए विशेषज्ञ और कैस्ले कंपनी के निदेशक सोनागावा ने ग्रामीणों से उनकी समस्यायें सुनीं. टीम के साथ आये पौड़ी के जिला उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी ने बताया कि जायका प्रोजेक्ट के तहत कैस्ले कंपनी टिहरी में काश्तकारों के बगीचों में जाकर सर्वे कर रही है. उसके बाद रिपोर्ट तैयार की जायेगी और काश्तकारों को बेहतर फसल और आय बढ़ाने के तरीके समझाये जायेंगे.