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संक्षिप्त रूप से निकलेगी गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा, जानिए धार्मिक महत्व

भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तिलों के तेल का प्रयोग किया जाता है. यह तेल नरेंद्रनगर स्थित टिहरी नरेश के राज दरबार में सुहागिन महिलाएं पिरोती हैं. आज गाडू घड़ा कलश यात्रा सादगी पूर्वक बदरीनाथ धाम के लिए निकाली जाएगी.

निकाली जाएगी गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा
निकाली जाएगी गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा
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Published : Apr 29, 2021, 1:08 PM IST

टिहरी: विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए चढ़ाए जाने वाले तिलों के तेल को आज नरेंद्रनगर राज दरबार में पिरोया जाएगा. जिसके बाद गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा निकाली जाएगी. डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि डिम्मर गांव कर्णप्रयाग से नरेंद्रनगर राज दरबार के लिए रवाना हो गए हैं. यात्रा देर शाम को नरेंद्रनगर पहुंचेगी.

बता दें कि कपाट खुलते ही छह माह तक भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तिलों के तेल का प्रयोग किया जाता है. यह तेल नरेंद्रनगर स्थित टिहरी नरेश के राज दरबार में सुहागिन महिलाएं पिरोती हैं. आज राज दरबार में सुहागिन महिलाएं तिलों से तेल पिरोएंगी और उसके बाद गाडू घड़ा कलश यात्रा सादगी पूर्वक बदरीनाथ धाम के लिए निकाली जाएगी.

ये भी पढ़ें: कोरोना महामारी की वजह से चारधाम यात्रा स्थगित

नरेंद्रनगर राज दरबार में सादगी एवं संक्षिप्त रूप से गाडू घड़ा के लिए तिलों का तेल पिरोया जाएगा. कोविड-19 को देखते हुए गाडू घड़ा को सादगी से बदरीनाथ धाम को प्रस्थान करने की योजना है. डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष पंकज डिमरी ने बताया कि तेल कलश डिमरी पुजारियों के मूल गांव डिम्मर के लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचेगी.

कोरोना वैश्विक महामारी के दृष्टिगत तेल कलश यात्रा को डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत ने संक्षिप्त रूप दिया है. केवल धार्मिक परंपरा का निर्वहन करते हुए कोविड नियमों के साथ तिल पिरोने और कलश यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है. पंचायत ने गाडू घड़ा तेल कलश के ऋषिकेश और श्रीनगर में प्रस्तावित प्रवास व दर्शन कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है.

17 मई शाम को तेल कलश बदरीनाथ धाम पहुंचेगा. 18 मई को ब्रह्ममूर्त में प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.

टिहरी: विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए चढ़ाए जाने वाले तिलों के तेल को आज नरेंद्रनगर राज दरबार में पिरोया जाएगा. जिसके बाद गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा निकाली जाएगी. डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि डिम्मर गांव कर्णप्रयाग से नरेंद्रनगर राज दरबार के लिए रवाना हो गए हैं. यात्रा देर शाम को नरेंद्रनगर पहुंचेगी.

बता दें कि कपाट खुलते ही छह माह तक भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए तिलों के तेल का प्रयोग किया जाता है. यह तेल नरेंद्रनगर स्थित टिहरी नरेश के राज दरबार में सुहागिन महिलाएं पिरोती हैं. आज राज दरबार में सुहागिन महिलाएं तिलों से तेल पिरोएंगी और उसके बाद गाडू घड़ा कलश यात्रा सादगी पूर्वक बदरीनाथ धाम के लिए निकाली जाएगी.

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नरेंद्रनगर राज दरबार में सादगी एवं संक्षिप्त रूप से गाडू घड़ा के लिए तिलों का तेल पिरोया जाएगा. कोविड-19 को देखते हुए गाडू घड़ा को सादगी से बदरीनाथ धाम को प्रस्थान करने की योजना है. डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष पंकज डिमरी ने बताया कि तेल कलश डिमरी पुजारियों के मूल गांव डिम्मर के लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंचेगी.

कोरोना वैश्विक महामारी के दृष्टिगत तेल कलश यात्रा को डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत ने संक्षिप्त रूप दिया है. केवल धार्मिक परंपरा का निर्वहन करते हुए कोविड नियमों के साथ तिल पिरोने और कलश यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है. पंचायत ने गाडू घड़ा तेल कलश के ऋषिकेश और श्रीनगर में प्रस्तावित प्रवास व दर्शन कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है.

17 मई शाम को तेल कलश बदरीनाथ धाम पहुंचेगा. 18 मई को ब्रह्ममूर्त में प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.

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