टिहरीः झील के ऊपर तैयार हो रहे करीब तीन अरब की लागत के डोबरा-चांठी पुल पर पांच करोड़ का लाइटिंग सिस्टम लगाया गया है. लेकिन अब ये लोक निर्माण विभाग के लिए मुसीबत बन गया है. रात में पुल पर लगी लाइट देखने पहुंचे कुछ शरारती तत्वों ने लाइट की तार क्षतिग्रस्त कर दी. इसके बाद लोनिवि की लाइट टेस्टिंग कुछ दिन से बंद पड़ी है. लाइट को रिपेयरिंग के लिए दिल्ली भेजा गया है. हालांकि विभाग इस बात को ज्यादा गंभीरता से लेता नहीं दिख रहा. विभाग ने इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
कुछ दिन पहले लोनिवि के अधिकारियों को टेस्टिंग के दौरान पता चला कि पुल पर लगी लगभग सात लाइट नहीं जल रही हैं. उसके बाद जांच में पता लगा कि तार बुरी तरह तोड़े गए हैं. जिससे लाइट में खराबी आ गई. इसके बाद लोनिवि ने लाइट की टेस्टिंग बंद कर दी है. लोनिवि के अधिकारियों ने बताया कि पुल पर लाइटिंग सिस्टम को देखने के लिए रात भर लोग आ रहे हैं. इनमें कुछ शरारती तत्व भी शामिल हैं. संभव है कि उनके द्वारा इस तरह की हरकत की गई हो. मामले में प्रोजेक्ट इंजीनियर एसएस मखलोगा ने बताया कि टेस्टिंग के दौरान कुछ शरारती तत्वों द्वारा स्ट्रीट लाइट तोड़ी गई है. जिससे पुल के लाइटों को नुकसान पहुंचा है.
पढ़ेंः कोरोना मृत्यु दर पर सीएम त्रिवेंद्र का बयान, कहा- इसलिए हो रही ज्यादा मौत
तीन अरब की लागत के डोबरा-चांठी पुल की सुरक्षा को लेकर लोनिवि निर्माण विभाग बेहद लापरवाही रवैया अपना रहा है. डाेबरा पुल के ऊपर पांच करोड़ की लागत से बनाए जा रहे लाइटिंग सिस्टम की कुछ रोड लाइटों को पिछले दिनों शरारती तत्वों ने तोड़ दिया. जिसके बाद से लोनिवि की लाइट टेस्टिंग बंद हैं, लेकिन विभाग ने उन लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया.
हैरानी की बाते ये है कि जब लोनिवि के अधिशासी अभियंता एसएस मखलोगा से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही तो एसएस मखलोगा ने इसे हल्के में लेकर टाल दिया. ऐसे में साफ है कि अधिशासी अभियंता पुल की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं.