प्रतापनगरः टिहरी झील से प्रतापनगर को जोड़ने वाला या यूं कहें की प्रतापनगर की लाइफलाइन कहे जाने वाला डोबरा चांठी पुल लगभग बनकर तैयार हो चुका है. इंजीनियर सुनील कुमार चौधरी की मानें तो 31 मार्च को यह पुल लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा.
2006 से बहुप्रतीक्षित डोबरा चांठी पुल जोकि राजनीतिक मुद्दा बनकर रह गया था. आज 13 साल बाद प्रतापनगर वासियों का सपना पूरा होता दिखाई दे रहा है. इस पुल ने कई सरकारें देखीं चाहे वह कांग्रेस की हो या बीजेपी की.
89 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ बहुप्रतीक्षित डोबरा चांठी पुल आज लगभग 325 करोड़ रुपये के बजट को पार कर चुका है. 325 करोड़ की निधि से निर्मित यह सस्पेंशन पुल उत्तराखंड के टिहरी जिले के प्रतापनगर वासियों को 31 मार्च को सौंपा जाना लगभग तय है.
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यह पुल डबल लेन का 440 मीटर लंबाई का भारत में पहला पुल है. इस पुल के बन जाने के बाद टिहरी जिले के प्रतापनगर विधानसभा के लगभग 60 से 70 हजार की आबादी वाले क्षेत्र के साथ-साथ उत्तरकाशी जिले के गाजणा पटी के लगभग 20 हजार की आबादी को इसका लाभ मिलेगा. जो 2005 के बाद दर-दर की ठोकरें खाकर लगभग 100 से 150 किलोमीटर अतिरिक्त जाने को मजबूर हैं. इस पुल के बन जाने के बाद लगभग प्रतापनगर व गाजना पट्टी की 80-90 हजार आबादी को लाभ मिलेगा.