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टिहरी: टीएचडीसी ने बंद किया नि:शुल्क बस सेवा, बांध प्रभावित स्कूली बच्चों की बढ़ीं मुश्किलें

जिले के टिहरी बांध प्रभावित लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. टिहरी झील बनने के बाद पुनर्वास निति के अनुसार पुनर्वास खंड द्वारा स्कूली बच्चों के लिए संचालित की गई नि:शुल्क स्कूल बस सेवा 1 जुलाई से बंद हो गई है. इसके चलते स्कूली बच्चों को दूसरे साधन का घंटों इंतजार करना पड़ता है.

टिहरी बांध की समस्या से स्कूली बच्चों को है आवागमन में परेशानी.
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Published : Aug 9, 2019, 9:24 PM IST

टिहरी: जनपद में टिहरी बांध को लेकर लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. बांध प्रभावित उनियाल गांव, खाण्ड, भंगर, सरोट, नौगांव, रमोलगांव आदि गांवों के स्कूली बच्चों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, टिहरी झील बनने के बाद पुनर्वास निति के अनुसार पुनर्वास खण्ड के द्वारा स्कूली बच्चों के लिए निशुल्क स्कूल बसें संचालित की रही थी. 1 जुलाई 2019 से टीएचडीसी से मिलने वाले बजट की मंजूरी न मिलने पर पुनर्वास खण्ड द्वारा बसे बन्द कर दी गई हैं. बस सेवा बन्द होने की समस्या को बांध प्रभावित स्कूली बच्चों ने जिलाधिकारी टिहरी के सामने पेश किया.

यह भी पढ़ें: नगर आयुक्त से अभद्रता करना पूर्व मंत्री को पड़ा भारी, दर्ज हुई FIR

जिलाधिकारी से टिहरी के बच्चों को शीघ्र समस्या के सामाधान का भरोसा मिला था. लंबा समय बीत जाने के बाद भी स्कूल बस सेवा शुरू न होने से स्कूली बच्चों को कभी ट्रक में चढ़कर तो कभी दूसरी बसों में जाना पड़ता है. बच्चों को घर जाने के लिए अन्य वाहनों का घंटों इंतजार करना पड़ता है. इससे बच्चे समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते. कभी कभी तो घर आने के लिए स्कूली बच्चे चालक के मना करने पर भी जबरदस्ती मजबूरी में चढ़ जाते हैं. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

टिहरी बांध की समस्या से स्कूली बच्चों को है आवागमन में परेशानी.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में रोजना सड़क हादसे में होती है 4 लोगों की मौत, अब RTO उठाने जा रहा ये बड़ा कदम

इस संबंध में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता बलदेव कुमाई ने बताया कि बच्चों की इस समस्या को लेकर कई बार टीएचडीसी, पुनर्वास विभाग व प्रशाशन से वार्ता की है, लेकिन इस समस्या पर अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है. अगर इस सम्बंध में शीघ्र कोई समाधान नहीं होता तो जल्द ही बांध प्रभावित लोग आन्दोलन करेंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

टिहरी: जनपद में टिहरी बांध को लेकर लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. बांध प्रभावित उनियाल गांव, खाण्ड, भंगर, सरोट, नौगांव, रमोलगांव आदि गांवों के स्कूली बच्चों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल, टिहरी झील बनने के बाद पुनर्वास निति के अनुसार पुनर्वास खण्ड के द्वारा स्कूली बच्चों के लिए निशुल्क स्कूल बसें संचालित की रही थी. 1 जुलाई 2019 से टीएचडीसी से मिलने वाले बजट की मंजूरी न मिलने पर पुनर्वास खण्ड द्वारा बसे बन्द कर दी गई हैं. बस सेवा बन्द होने की समस्या को बांध प्रभावित स्कूली बच्चों ने जिलाधिकारी टिहरी के सामने पेश किया.

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जिलाधिकारी से टिहरी के बच्चों को शीघ्र समस्या के सामाधान का भरोसा मिला था. लंबा समय बीत जाने के बाद भी स्कूल बस सेवा शुरू न होने से स्कूली बच्चों को कभी ट्रक में चढ़कर तो कभी दूसरी बसों में जाना पड़ता है. बच्चों को घर जाने के लिए अन्य वाहनों का घंटों इंतजार करना पड़ता है. इससे बच्चे समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते. कभी कभी तो घर आने के लिए स्कूली बच्चे चालक के मना करने पर भी जबरदस्ती मजबूरी में चढ़ जाते हैं. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

टिहरी बांध की समस्या से स्कूली बच्चों को है आवागमन में परेशानी.

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इस संबंध में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता बलदेव कुमाई ने बताया कि बच्चों की इस समस्या को लेकर कई बार टीएचडीसी, पुनर्वास विभाग व प्रशाशन से वार्ता की है, लेकिन इस समस्या पर अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है. अगर इस सम्बंध में शीघ्र कोई समाधान नहीं होता तो जल्द ही बांध प्रभावित लोग आन्दोलन करेंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

Intro:स्कूल बस बन्द होने से बाँध प्रभावित स्कूली बच्चो की बढी परेशानी Body:
टिहरी (धनोल्टी)

स्लग- बन गया डैम भटक रहे है बाँध प्रभावित बच्चे

एंकर- देश भर मे अपनी प्रसिद्धि पा चुका टिहरी बाँध भले आज देश के कई हिस्सो को रोशनी से जगामगा रहा हो लेकिन बाँध के लिए अपना सब कुछ गँवा चुके बाँध प्रभावितो को आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है जिससे बाँध प्रभावित अपने आप को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे
ताजा मामला बाँध प्रभावित उनियाल गाँव, खाण्ड ,भंगर, सरोट,नौगांव, रमोलगाँव आदि गाँवों के स्कूली बच्चो से जुड़ा है बताते चले कि टिहरी झील बनने के बाद पुनर्वास निति के अनुसार पुनर्वास खण्ड के द्वारा बाध प्रभावित इन गाँवों के स्कूल पढने वाले बच्चों के लिए निशुल्क स्कूल बसें संचालित की रही थी जो इस 01 जुलाई 2019 से डी एच डी सी के द्वारा मिलने वाले बजट के न मिलने से पुनर्वास खण्ड के द्वारा बसे बन्द कर दी गई बस बन्द होने की समस्या को बाध प्रभावित स्कूली बच्चो ने स्वयं जिलाधिकारी टिहरी के समक्ष भी रखा और जिलाधिकारी टिहरी के द्वारा बच्चों को शीघ्र समस्या के सामाधान का भरोसा दिया गया था। लेकिन लम्बा समय बीत जाने के बाद भी स्कूल बस सेवा बहाल न होने से बांध प्रभावित स्कूली बच्चों को टी एच डी सी ने उनके ही हाल पर छोड़ दिया गया जिसके कारण बच्चो को दिनभर कड़ी धूप में खड़ा रहकर घर जाने के लिए अन्य वाहनो की इन्तजार मे खड़े रहने को मजबूर होना पड़ रहा है नौवत यह तक आ जाती है कि बच्चे घर जाने व स्कूल आने के लिए सड़क पर खड़े किसी भी वाहन पर चालक के मना करने पर भी जबरदस्ती क्षमता से ज्यादा घुस जाते है जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने से इन्कार नही किया जा सकता इस सम्बन्ध मे क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता बलदेव कुमाई ने बच्चों से जुडी़ ट्रक पर जबरदस्ती सवार होने का एक फोटो बताते हुए कहा कि बच्चों की इस समस्या को लेकर हमारे द्वारा कई बार टी एच डी सी ,.पुनर्वास विभाग ,शाशन ,प्रशाशन से वार्ता की गई है लेकिन अभी तक कोई हल होता नजर नही आ रहा है अगर इस सम्बंध में शीघ्र कोई सामाधान नही होता तो जल्द ही बाँध प्रभावित लोग आन्दोलन के लिए बाध्य होगें जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शाशन प्रशासन की होगी

बाईट -बलदेव कुंमाई
सामाजिक कार्यकर्ता



Conclusion:पुनर्वास खण्ड नई टिहरी के द्वारा टिहरी बाध झील बनने के बाद प्रभावित स्कूली छात्रो के लिए संचालित की जा रही थी निशुल्क बस सेवा

टी एच डी सी के द्वारा पुनर्वास खण्ड को किया जाता था निशुल्क बस संचालन का भुगतान

बाँध प्रभावित स्कूली बच्चे समय से नही पहुँच पा रहे स्कूल

सड़क पर खड़ा होते ही किसी भी वाहन मे जबरदस्ती घुसने को बच्चे मजबूर
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