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टिहरी: भवनों में दरारें पड़ने से घबराए ग्रामीण, विभागीय अधिकारियों से की जल्द कार्रवाई की मांग

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Published : Mar 6, 2020, 12:54 PM IST

टिहरी बांध के निर्माण के लिए जमीनों का अधिग्रहण होने के बाद ग्रामीणों को जमीन के बदले जमीन मिल गई है, लेकिन कुछ भवन स्वामियों को भुगतान की राशि अभी तक नहीं मिल पाई है. वहीं, आवासीय भवनों की दीवारों पर आई दरारों से ग्रामीण खौफजदा है.

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भवनों में दरारें पड़ने से घबराए ग्रामीण

धनौल्टी: टिहरी झील के किनारे भूस्खलन होने से आवासीय भवनों की दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं. उधर, झील से सटे सरोट गाँव के कुछ मकानों में भी दरारें आ गई हैं. ऐसे में ग्रामीणों में डर का माहौल व्याप्त है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि मामले को पुनर्वास विभाग के अधिकारियों के समक्ष कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

भवनों में दरारें पड़ने से घबराए ग्रामीण.

ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारी हर बार मामले की जांच का आश्वासन देते हैं, लेकिन बाद में कोई सुधि नहीं लेते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि लोगों को जमीन के बदले जमीन दे दी गई है. लेकिन आवसीय भवनों के भुगतान अभी भी अधर में लटके हुए हैं, जिससे टिहरी बांध के निर्माण के लिए अपनी जमीनें सरकार को दे चुके ग्रामीणों को उनका पैसा न मिलने की चिंता सताने लगी है. पीड़ित लोगों का कहना है कि आखिर जब बांध प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन दे दी गई है, तो मकानों का भुगतान को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई क्यों नही हुई.

ये भी पढ़ें: हरिद्वारः बिना ट्रीटमेंट किए गंदा पानी गंगा में छोड़ा जा रहा, मेलाधिकारी ने निरीक्षण कर दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

वहीं, टिहरी झील के किनारे भूस्खलन होने से सरोट गांव के आवासीय भवनों में दरारें पड़नें से ग्रामीण काफी परेशान हैं. पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि पुनर्वास विभाग द्वारा आवासीय भवनों की भुगतान प्रक्रिया अभी तक शुरू न होने से विस्थापित परिवारों के ऊपर अभी खतरे की तलवार लटक रही है.

धनौल्टी: टिहरी झील के किनारे भूस्खलन होने से आवासीय भवनों की दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं. उधर, झील से सटे सरोट गाँव के कुछ मकानों में भी दरारें आ गई हैं. ऐसे में ग्रामीणों में डर का माहौल व्याप्त है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि मामले को पुनर्वास विभाग के अधिकारियों के समक्ष कई बार उठाया जा चुका है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

भवनों में दरारें पड़ने से घबराए ग्रामीण.

ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारी हर बार मामले की जांच का आश्वासन देते हैं, लेकिन बाद में कोई सुधि नहीं लेते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि लोगों को जमीन के बदले जमीन दे दी गई है. लेकिन आवसीय भवनों के भुगतान अभी भी अधर में लटके हुए हैं, जिससे टिहरी बांध के निर्माण के लिए अपनी जमीनें सरकार को दे चुके ग्रामीणों को उनका पैसा न मिलने की चिंता सताने लगी है. पीड़ित लोगों का कहना है कि आखिर जब बांध प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन दे दी गई है, तो मकानों का भुगतान को लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई क्यों नही हुई.

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वहीं, टिहरी झील के किनारे भूस्खलन होने से सरोट गांव के आवासीय भवनों में दरारें पड़नें से ग्रामीण काफी परेशान हैं. पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि पुनर्वास विभाग द्वारा आवासीय भवनों की भुगतान प्रक्रिया अभी तक शुरू न होने से विस्थापित परिवारों के ऊपर अभी खतरे की तलवार लटक रही है.

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