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धनौल्टी: बनाली गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा, 'जिम्मेदार' नहीं ले रहे सुध - धनौल्टी हिंदी समाचार

बनाली गांव के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यहां ग्रामीणों के लिए ना तो सड़क है, ना ही स्वच्छ पेयजल सुविधा. ऐसे में उन्हें काफी दिक्ततों का सामना करना पड़ रहा है.

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गांव में नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं
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Published : Jul 5, 2020, 5:30 PM IST

Updated : Jul 5, 2020, 6:19 PM IST

धनौल्टी: टिहरी जिले के विकासखंड चंबा का बनाली गावं आजादी के 70 सालों बाद मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ये गांव राजधानी देहरादून से महज 65 किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन डिजिटल इंडिया के इस दौर में यहां बिजली, पानी, सड़क और दूरसंचार की समस्या जस की तस बनी हुई है. ऐसे में विकास की बाट जोहते-जोहते ग्रामीणों की आंखें पथरा सी गई है.

मूलभूत सुविधाओं का टोटा.

बनाली गांव में एक तरफ पीएमजीएसवाई के तहत बनाई गई सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी है. वहीं, दूसरी ओर पेयजल की पम्पिंग योजना परवान तक नहीं चढ़ पाई है. दूरसंचार व्यवस्था भी यहां पूरी तरह चरमरा चुकी है. विभाग ने जो टॉवर लगाए थे वो वर्तमान में शोपीस बनकर रह गए हैं. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

एक छात्रा ने ईटीवी भारत को अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि कोरोना महामारी के चलते आजकल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो रही है. लेकिन क्षेत्र में नेट कनेक्टिविटी की समस्या होने के चलते उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है. यही हाल सभी बच्चों का है.

ये भी पढ़ें: ऋषिकेश: शराब ठेकों के पास बने ढाबों में छापेमारी, संचालकों में मचा हड़कंप

ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय यहां के नेता बडे-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही वह क्षेत्र से गायब हो जाते हैं. आलम ये है कि खच्चरों के सहारे उन्हें दूरस्थ क्षेत्रों से पानी ढोना पड़ता है. वहीं, कई बार शासन-प्रशासन के समक्ष ग्रामीणों द्वारा इन समस्याओं का उठाया गया लेकिन, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

धनौल्टी: टिहरी जिले के विकासखंड चंबा का बनाली गावं आजादी के 70 सालों बाद मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. ये गांव राजधानी देहरादून से महज 65 किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन डिजिटल इंडिया के इस दौर में यहां बिजली, पानी, सड़क और दूरसंचार की समस्या जस की तस बनी हुई है. ऐसे में विकास की बाट जोहते-जोहते ग्रामीणों की आंखें पथरा सी गई है.

मूलभूत सुविधाओं का टोटा.

बनाली गांव में एक तरफ पीएमजीएसवाई के तहत बनाई गई सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी है. वहीं, दूसरी ओर पेयजल की पम्पिंग योजना परवान तक नहीं चढ़ पाई है. दूरसंचार व्यवस्था भी यहां पूरी तरह चरमरा चुकी है. विभाग ने जो टॉवर लगाए थे वो वर्तमान में शोपीस बनकर रह गए हैं. ऐसे में स्थानीय ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

एक छात्रा ने ईटीवी भारत को अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि कोरोना महामारी के चलते आजकल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो रही है. लेकिन क्षेत्र में नेट कनेक्टिविटी की समस्या होने के चलते उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही है. यही हाल सभी बच्चों का है.

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ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय यहां के नेता बडे-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही वह क्षेत्र से गायब हो जाते हैं. आलम ये है कि खच्चरों के सहारे उन्हें दूरस्थ क्षेत्रों से पानी ढोना पड़ता है. वहीं, कई बार शासन-प्रशासन के समक्ष ग्रामीणों द्वारा इन समस्याओं का उठाया गया लेकिन, जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

Last Updated : Jul 5, 2020, 6:19 PM IST
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