रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी: केदारनाथ धाम सहित रुद्रप्रयाग जनपद के अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी हो रही है, तो वहीं निचले इलाकों में बारिश जारी है. बारिश और बर्फबारी के कारण पारा एकदम लुढ़क गया है. केदारनाथ धाम में तीन दिन से पुनर्निर्माण कार्य रुके हुए हैं. केदारनाथ धाम में रह रहे मजूदरों और अधिकारियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता में भी सीजन की पहली बर्फबारी हो गई है. इसके अलावा द्वितीय केदार तुंगनाथ धाम और कार्तिक स्वामी में भी बर्फबारी हो रही है. केदारनाथ धाम में साढ़े चार फीट तक बर्फ जम चुकी है. धाम में आदिशंकराचार्य समाधि और तीर्थ पुरोहित समाज के लिए पहाड़ी शैली में मकानों का काम चल रहा था, लेकिन इस बर्फबारी के कारण इन कामों में रुकावट आ गयी है. गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक पूरी घाटी ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है.
उत्तरकाशी में भी बर्फबारी
उत्तरकाशी के ऊंचाई वाले इलाकों में भी दो दिन से लगातार बर्फबारी जारी है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में करीब 2 फीट बर्फबारी हो चुकी है. तो वहीं उपला टकनौर के हर्षिल सहित मुखबा और अन्य 6 गांवों में एक फीट से अधिक बर्फबारी हो चुकी है. बर्फबारी के कारण भैरोंघाटी से गंगोत्री तक का मार्ग अभी भी बन्द है. हालांकि, अभी बर्फबारी के कारण किसी भी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है. जिला प्रशासन लगातार बर्फबारी वाले क्षेत्रों में नजर बनाए हुए है.
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, गुरुवार तक प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी जारी रहेगी, यही नहीं प्रदेश की जनता को कल यानि 29 नवम्बर से आगामी कुछ दिनों के लिए बर्फ़बारी और बारिश से राहत जरूर मिलेगी. समुद्र तल से साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बाबा केदार शीतकाल की पहली बर्फबारी से बाबा बर्फानी हो गए हैं. वर्तमान समय में पूरा केदारनाथ धाम बर्फ की सफेद चादर से ढक गया है. हलाकि केदारनाथ मंदिर के कपाट पिछले महीने बंद होने के बाद यूं तो केदारनाथ धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है, लेकिन इस बर्फ़बारी के बीच केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण के कार्यों में जुटे मजदूर वहां जरूर मौजूद हैं.
विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली में नवंबर माह से ही जमकर बर्फ़बारी हो रही है. आलम यह है की औली में अभी तक 4 इंच से अधिक बर्फबारी हो चुकी है. तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. वहीं बर्फबारी ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों के चेहरे खिला दिए हैं. यही नहीं यह भी माना जा रहा है कि अगर ऐसे ही बर्फ़बारी होती रही तो आगामी 2020 में प्रस्तावित एफ.आई.एस. स्कीइंग रेस के लिए अच्छा साबित होगा.
बुधवार को हर्षिल घाटी सहित राड़ी टॉप, चौरंगी खाल और ऊंचाई वाले गांव में भी जमकर बर्फबारी हुई. हर्षिल घाटी में करीब आधा फीट और गंगोत्री धाम में 1 फिट बर्फ तक जम चुकी है. जिससे जनपद के निचले इलाकों में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हर्षिल घाटी के मुखबा, धराली, हर्षिल, बगोरी सहित जसपुर पुराली झाला और सुक्की गांव में भी जमकर बर्फबारी हुई है. हर्षिल घाटी ने पूरी तरह से सफेद चादर ओढ़ ली है तो वहीं स्थानीय पर्यटक भी हर्षिल सहित गंगोत्री धाम का रुख करने लगे हैं.