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रुद्रप्रयाग: पानी के लिए मीलों की दूरी नाप रहे ग्रामीण, पलायन के लिए विवश - जल जीवन मिशन

रुद्रप्रयाग जिले के कई इलाकों में पानी का संकट बना हुआ है. स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि ग्रामीण महिलाएं देर रात तक पेयजल स्रोत पर बूंद-बूंद पानी भरने को मजबूर हैं.

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रुद्रप्रयाग
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Published : Feb 12, 2021, 2:21 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले के कई इलाकों में पानी का संकट बना हुआ है. स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि ग्रामीण महिलाएं देर रात तक पेयजल स्रोत पर बूंद-बूंद पानी भरने को मजबूर हैं. वहीं पानी की परेशानी से लोगों में विभाग के खिलाफ खासा रोष है.

बता दें कि, भरदार पट्टी, तल्लानागपुर, खांकरा इलाकों में वर्षों से पानी का संकट बना हुआ है. इन इलाकों के लिए योजनाएं तो बनाई गई हैं, मगर ये योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाई है. इन इलाकों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मोटरमार्ग का निर्माण भी चल रहा है और इन निर्माण कार्यों के चलते पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई हैं. योजनाओं की मरम्मत को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई है. गांव में प्राकृतिक पेयजल स्रोत भी थे, जिससे मवेशियों के लिए पानी की पूर्ति होती थी, लेकिन यह पेयजल स्रोत भी मोटरमार्ग निर्माण से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ऐसे में ग्रामीणों के साथ ही मवेशी भी पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं.

पानी के लिए मीलों की दूरी नाप रहे ग्रामीण.

ग्रामीणों ने कहा कि पानी की समस्या के कारण महिलाओं और बच्चों को रात भर पेयजल स्रोत पर पानी भरना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जल्द पेयजल लाइन दुरुस्त नहीं हुई तो पीएमजीएसवाई कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोरी लाल, रमेश लाल, रघुवीर लाल, उषा देवी, रंजना देवी, प्रकाश लाल, मोहन कुमार लिखवार, श्याम लाल का कहना है कि पानी के संकट के कारण उनके सभी दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं. पानी न होने से गांव से कई परिवारों ने पलायन कर दिया है. उन्होंने कहा कि जल्द पानी की समस्या से निजात नहीं मिली तो पूरा गांव खाली हो जाएगा. देर रात तक पेयजल स्रोत पर पानी भरने से जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है. उन्होंने पेयजल लाइन की मरम्मत की मांग की है.

पढ़ें: राहुल के 'हम दो, हमारे दो' पर अनुराग ठाकुर का पलटवार, 'दीदी, जीजाजी और परिवार'

वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में कार्य किया जा रहा है. ग्रामीणों को कनेक्शन दिए जा रहे हैं और इसके बाद पानी की सप्लाई घर-घर में की जायेगी.

रुद्रप्रयाग: जिले के कई इलाकों में पानी का संकट बना हुआ है. स्थिति इतनी विकराल हो गई है कि ग्रामीण महिलाएं देर रात तक पेयजल स्रोत पर बूंद-बूंद पानी भरने को मजबूर हैं. वहीं पानी की परेशानी से लोगों में विभाग के खिलाफ खासा रोष है.

बता दें कि, भरदार पट्टी, तल्लानागपुर, खांकरा इलाकों में वर्षों से पानी का संकट बना हुआ है. इन इलाकों के लिए योजनाएं तो बनाई गई हैं, मगर ये योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाई है. इन इलाकों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मोटरमार्ग का निर्माण भी चल रहा है और इन निर्माण कार्यों के चलते पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई हैं. योजनाओं की मरम्मत को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई है. गांव में प्राकृतिक पेयजल स्रोत भी थे, जिससे मवेशियों के लिए पानी की पूर्ति होती थी, लेकिन यह पेयजल स्रोत भी मोटरमार्ग निर्माण से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ऐसे में ग्रामीणों के साथ ही मवेशी भी पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं.

पानी के लिए मीलों की दूरी नाप रहे ग्रामीण.

ग्रामीणों ने कहा कि पानी की समस्या के कारण महिलाओं और बच्चों को रात भर पेयजल स्रोत पर पानी भरना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जल्द पेयजल लाइन दुरुस्त नहीं हुई तो पीएमजीएसवाई कार्यालय का घेराव किया जाएगा.

पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोरी लाल, रमेश लाल, रघुवीर लाल, उषा देवी, रंजना देवी, प्रकाश लाल, मोहन कुमार लिखवार, श्याम लाल का कहना है कि पानी के संकट के कारण उनके सभी दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं. पानी न होने से गांव से कई परिवारों ने पलायन कर दिया है. उन्होंने कहा कि जल्द पानी की समस्या से निजात नहीं मिली तो पूरा गांव खाली हो जाएगा. देर रात तक पेयजल स्रोत पर पानी भरने से जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है. उन्होंने पेयजल लाइन की मरम्मत की मांग की है.

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वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जिले में कार्य किया जा रहा है. ग्रामीणों को कनेक्शन दिए जा रहे हैं और इसके बाद पानी की सप्लाई घर-घर में की जायेगी.

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