रुद्रप्रयाग: मिनी स्विटजरलैंड चोपता से लगे बनियाकुंड के जंगल में उत्तराखंड का पहला नेचर कैनोपी वॉक बनाया जाएगा. इस कैनोपी के जरिए पर्यटक जमीन से 20 फीट की ऊंचाई से प्राकृतिक सौंदर्य देखने के साथ-साथ वन्य जीव एवं पक्षियों को देख सकेंगे. प्रशासन द्वारा प्रदेश का पहला नेचर कैनोपी वाॅक बनाए जाने की कार्ययोजना बनाई जा रही है. इसके लिए वन प्रभाग तैयारियों में जुट गया है और जल्द ही शासन को योजना बनाकर रिपोर्ट भेजी जाएगी.
वन प्रभाग द्वारा चोपता के नजदीक बनियाकुंड से लगे जंगल में नेचर कैनोपी वॉक का निर्माण की योजना बनाई जा रही है. इस वन क्षेत्र में बांज, बुरांश और अन्य प्रजाति के 60 से 70 वर्ष पुराने पेड़ों पर जमीन से 20 से 25 फीट ऊपर कैनोपी बनाई जाएगी. पहले चरण में यहां पेड़ों पर 80 से 100 मीटर लंबी और ढाई फीट चौड़ी कैनोपी तैयार की जाएगी, जो घुमावदार होगी और उस पर एक समय में पांच से छह पर्यटक चल सकेंगे. वन प्रभाग रुद्रप्रयाग के डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने बताया कि नेचर कैनोपी वॉक के लिए बनियाकुंड क्षेत्र को चिह्नित किया गया है, जहां कई पेड़ बहुत ऊंचे और पुराने हैं. इन पर कैनोपी से पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवों का दीदार कर सकेंगे.
देश का पहला कैनोपी वॉक कर्नाटक में मौजूद
कर्नाटक के कुवेशी गांव में देश का पहला नेचर कैनोपी वॉक-वे मौजूद है. यह जमीन से 30 फीट ऊंचा है और 240 मीटर लंबा है, जिस पर एक समय में 10 लोग चल सकते हैं.
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दीवारों पर पेंटिंग
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अब वन विभाग की ओर से कार्ययोजना बनाई जा रही है. इसको लेकर गौरीकुंड बाईपास पर स्थित रुद्रप्रयाग वन प्रभागीय कार्यालय के भवन व मुख्य गेट की दीवारों को सेंचुरी का रूप दिया जा रहा है. कलाकार आर्ट स्टूडियो नई दिल्ली के संस्थापक संदीप पंवार के निर्देशन में दस सदस्यीय टीम की ओर से भवन की मुख्य दीवारों और गेट से लगी दीवारों को वॉल पेंटिंग से नया रूप दिया जा रहा है.
वहीं, कलाकार आर्ट स्टूडियो दिल्ली की छात्रा दीपा कुशवाहा ने बताया कि यहां रात के समय वन प्रभागीय कार्यालय के सामने तेंदुआ देखा गया. यहां पर कई प्रकार के जानवर हैं, जो प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. हमें इनकी जानकारी होनी जरूरी है. उन्होंने कहा कि आंखों देखी घटना को भी दीवारों पर उकेरा जा रहा है.