रुद्रप्रयागः विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. कपाट खुलते ही देश-विदेश से हजारों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में इस बार केदारनाथ यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधांए मुहैया कराई जा रही है. पहली बार धाम में टोकन व्यवस्था लागू की गई है, जिससे तीर्थयात्रियों को घंटों लाइन में लगकर इंतजार नहीं करना पड़ रहा है. ऐसे में यात्रियों को काफी सहूलियत मिल रही है. वहीं, इस व्यवस्था को लेकर यात्री, प्रशासन की काफी सराहना कर रहे हैं.
बता दें कि केदरनाथ धाम में बीते साल तक दर्शन के लिए कोई विशेष सुविधा उपलब्ध नहीं थी. ऐसे में यात्रियों को मंदिर के दर्शन करने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता था. कई बार तो यात्रियों को धक्का-मुक्की जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ता था. वहीं, इस बार प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए टोकन सिस्टम की विशेष व्यवस्था की है.
इस बार केदारनाथ मंदिर परिसर के सामने रास्ता काफी चौड़ा किया गया है. इसके अलावा टोकन सिस्टम से लंबी लाइन में लगने का भी झंझट खत्म हो गया है. ऐसे में यात्री आराम से बैठ कर अपनी बारी आने पर बाबा के दर्शन कर रहे हैं. इससे लाइन में लगने की समस्या से भी निजात मिली है. ऐसे में करीब 19 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद उन्हें आराम भी मिल रहा है. उधर, देश-विदेश से पहुंच रहे तीर्थयात्री टोकन व्यवस्था को जिला प्रशासन का बेहतर कदम बता रहे हैं.
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वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि टोकन व्यवस्था के तहत पहले दो सौ यात्रियों के एक ग्रुप में दर्शन कराए जा रहे हैं. इसके बाद आगे के यात्रियों को टोकन देकर दर्शन करवाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 19 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद तीर्थयात्री लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते थे, लेकिन अब उन्हें इंतजार नहीं करना पड़ रहा है. मंदिर परिसर के आस-पास मेज-कुर्सियां लगाई गई हैं, जिसपर बैठ कर तीर्थयात्री अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही बताया कि डिस्प्ले के जरिये तीर्थयात्री अपना नंबर देखने के बाद दर्शन करने जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि टोकन व्यवस्था में कोई फर्जीवाड़ा न हो और विवाद की स्थिति को देखते हुए हर दिन टोकन में नया मैसेज टाइप किया जायेगा. जिससे कोई फर्जी पर्ची का सहारा ना ले और फर्जी टोकन देने वाले पकड़े जा सकें. उन्होंने कहा कि धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना प्रशासन की प्राथमिकता है. टेंट और हट्स के जरिये भी तीर्थयात्रियों को रहने-खाने की सुविधाएं दी जा रही हैं.
उधर, केदारधाम यात्रा पड़ाव के लिए करीब ढाई हजार से ज्यादा घोड़े-खच्चर संचालकों ने पंजीकरण कराया है. घोड़े-खच्चरों पर आरएफआई चिप लगाया गया है, जिससे यह पता लग सकेगा कि घोड़ा- खच्चर किस स्थान पर है और यात्री को किस स्थान पर छोड़ा जा रहा है. डीएम मंगेश घिल्डियाल की मानें तो केदारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है. हर दिन हजारों की संख्या में तीर्थयात्री आ रहे हैं. ऐसे में घोड़े-खच्चर संचालकों से संपर्क किया जा रहा है और उनका पंजीकरण किया जा रहा है.