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उत्तराखंड में कोल्ड अटैक, केदारनाथ में टूटा 20 साल का रिकॉर्ड

पहाड़ों में हो रही बर्फबारी से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके हुए हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. पर्यटन व्यवसाय भी इस बर्फबारी से काफी प्रभावित हुआ है.

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Published : Jan 6, 2020, 9:48 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 7:40 AM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक सर्दी की सितम का जारी है. एक बार फिर केदारघाटी में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जिससे रुद्रप्रयाग समेत आसपास के पूरे में इलाके में ठंड बढ़ गई है. बर्फबारी से यहां के तापमान में भारी गिरवाट आई है. इस बार यहां सर्दी ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. केदारनाथ में सोमवार को न्यूनतम तापमान माइनस सात डिग्री दर्ज किया गया. वहीं तुंगनाथ की बात करें तो यहां न्यूनतम तापमान माइनस तीन डिग्री तक पहुंच गया है.

केदारनाथ में टूटा 20 साल का रिकॉर्ड

पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के बाद यहां जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके हुए हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. पर्यटन व्यवसाय भी इस बर्फबारी से काफी प्रभावित हुआ है.

पढ़ें- उत्तराखंडः पहाड़ी जिलों में अगले 48 घंटे भारी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

केदारघाटी की बात करें तो यहां बीते छह दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है. केदारनाथ के अलावा मदमहेश्वर, तुंगनाथ, पवालीकांठा, बासुकीताल, गांधी सरोवर, मनणामाई, पांडवसेरा, नंदीकुंड, बिषौणी ताल, देवरियाताल, चोपता व दुगल बिटटा सहित सीमांत गांवों में सोमवार से जमकर बर्फबारी हुई.

वहीं निचले क्षेत्रों की बात करें तो यहां बारिश का दौरा जारी है. जिस कारण तापमान में और गिरवाट आ गई है. तुंगनाथ घाटी के व्यापारी मोहन प्रसाद मैठाणी ने बताया कि करीब 20 सालों बाद ज्यादा ठंड पढ़ रही है.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में पहाड़ से लेकर मैदान तक सर्दी की सितम का जारी है. एक बार फिर केदारघाटी में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जिससे रुद्रप्रयाग समेत आसपास के पूरे में इलाके में ठंड बढ़ गई है. बर्फबारी से यहां के तापमान में भारी गिरवाट आई है. इस बार यहां सर्दी ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. केदारनाथ में सोमवार को न्यूनतम तापमान माइनस सात डिग्री दर्ज किया गया. वहीं तुंगनाथ की बात करें तो यहां न्यूनतम तापमान माइनस तीन डिग्री तक पहुंच गया है.

केदारनाथ में टूटा 20 साल का रिकॉर्ड

पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के बाद यहां जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके हुए हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. पर्यटन व्यवसाय भी इस बर्फबारी से काफी प्रभावित हुआ है.

पढ़ें- उत्तराखंडः पहाड़ी जिलों में अगले 48 घंटे भारी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

केदारघाटी की बात करें तो यहां बीते छह दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है. केदारनाथ के अलावा मदमहेश्वर, तुंगनाथ, पवालीकांठा, बासुकीताल, गांधी सरोवर, मनणामाई, पांडवसेरा, नंदीकुंड, बिषौणी ताल, देवरियाताल, चोपता व दुगल बिटटा सहित सीमांत गांवों में सोमवार से जमकर बर्फबारी हुई.

वहीं निचले क्षेत्रों की बात करें तो यहां बारिश का दौरा जारी है. जिस कारण तापमान में और गिरवाट आ गई है. तुंगनाथ घाटी के व्यापारी मोहन प्रसाद मैठाणी ने बताया कि करीब 20 सालों बाद ज्यादा ठंड पढ़ रही है.

Intro:बीस वर्षों बाद ठंड तोड़ रही सभी रिकार्ड
हिमालयी क्षेत्रों में जगह-जगह हो रही बर्फबारी
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी के हिमालयी भूभाग एक बार फिर बर्फबारी से लदक हो गये हैं और सम्पूर्ण केदारघाटी शीतलहर की चपेट में आने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अत्यधिक कडाके की ठंड पड़ने से ग्रामीण घरों में कैद होने को विवश हैं तथा बाजारों में सन्नाटा पसरने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है। विगत दो दशक के आकडों पर गौर करे तो लगभग बीस वर्षों बाद मौसम के मिजाज कुछ इस तरह देखने को मिल रहे हंै।
Body:केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में विगत छ दिनों से बर्फबारी निरन्तर जारी है। केदारनाथ, मदमहेश्वर, तंुगनाथ, पवालीकांठा, बासुकीताल, गांधी सरोवर, मनणामाई, पाण्डवसेरा, नन्दीकुण्ड, बिषौणी ताल, देवरियाताल, चोपता व दुगलबिटटा सहित सीमांत गांवों में सोमवार से जमकर बर्फबारी तथा निचले क्षेत्रों में बारिश होने से सम्पूर्ण केदारघाटी शीतलहर की चपेट में आ गई है। सीमान्त गांवों सहित सम्पूर्ण केदारघाटी में कडाके ठंड पड़ने से ग्रामीण घरों में कैद रहने के लिए विवश हो गये हैं। केदार घाटी में विगत छः दिनों से चटक धूप न खिलने के कारण स्थानीय पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है। तुगनाथ घाटी के व्यापारी मोहन प्रसाद मैठाणी, व्यापार संघ अध्यक्ष आनन्द सिंह रावत ने कहा कि लगभग बीस वर्षों बाद मौसम के मिजाज कुछ इस तरह देखने को मिल रहे हंै।Conclusion:
Last Updated : Jan 7, 2020, 7:40 AM IST
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