रुद्रप्रयाग: बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद केदारपुरी में सन्नाटा पसर गया है. अब धाम में एक भी श्रद्धालु नहीं है. जबकि होटल, ढाबा, लाॅज के साथ ही टेंट व्यापारी भी अपना सामान समेटकर जा चुके हैं. इसके अलावा गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी वीरानी छा गई है. हालांकि, केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्य चल रहे हैं, जहां मजदूर सुबह से शाम तक काम में जुटे हुए हैं.
अब ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होंगे बाबा के दर्शनः बता दें कि भैया दूज पर्व पर बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. आज बाबा केदार की डोली अपने शीतकालीन प्रवास के लिए ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पहुंच जाएगी. डोली के स्वागत को लेकर स्थानीय भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जो भक्त किसी कारणवश केदारनाथ धाम नहीं पहुंच पाए, वो ओंकारेश्वर मंदिर में आकर बाबा केदार की पूजा अर्चना कर सकते हैं. वैसे शीतकाल में ओंकारेश्वर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है.
19.61 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शनः वहीं, केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद केदारपुरी में सन्नाटा है. धाम में चारों ओर सिर्फ वीरानी छाई हुई है. गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक पैदल मार्ग में ढाबा, होटल, रेस्टोरेंट खोलकर रोजगार कर रहे सभी व्यापारी अपने घरों को निकल गए हैं. ऐसे में पैदल पड़ाव से लेकर केदारनाथ धाम तक सन्नाटा पसरा हुआ है. इस बार बाबा केदार दर 19 लाख 61 हजार 27 तीर्थयात्रियों ने मत्था टेका है. जबकि बीते साल यानी 2022 में 16 लाख के करीब तीर्थयात्री धाम पहुंचे थे.
केदारपुरी में छाई वीरानीः केदारनाथ धाम में कार्य कर रही वुड स्टोन कंपनी के प्रबंधक मनोज सेमवाल ने बताया कि बाबा के कपाट बंद होने के बाद केदारपुरी में वीरानी छा गई है. शीतकाल में बाबा केदार के कपाट बंद रहते हैं, जिस कारण केदारनाथ में भी सन्नाटा पसर जाता है. इन दिनों धाम में सिर्फ पुनर्निर्माण कार्य में मजदूर जुटे हैं, जो अब धीरे-धीरे नीचे लौटने लगे हैं.
वहीं, प्रबंधक मनोज सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ धाम में ठंड भी काफी बढ़ गई है. जिससे तमाम तरह के निर्माण कार्य करना भी मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि ज्यादा बर्फबारी होने के बाद धाम में निर्माण कार्य भी बंद कर दिए जाएंगे और फिर अगले साल बर्फ हटाने के बाद कार्य शुरू किया जाएगा.