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खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट, मंगलवार को नए स्वर्ण मुकुट से सुशोभित होगा स्वयंभू लिंग

आज ब्रह्म मुहूर्त में भगवान केदारनाथ के कपाट खुल गए हैं. इस मौके पर केदारनाथ मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया. मंदिर में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केदारनाथ के कपाट खुलने पर शुभकामनाएं दी हैं.

Kedarnath Dham
केदारनाथ धाम
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Published : May 17, 2021, 6:57 AM IST

Updated : May 17, 2021, 10:15 PM IST

रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ के कपाट अगले छह महीने के लिए खोल दिए गए हैं. इस मौके पर भगवान केदारनाथ के धाम को भव्य और दिव्य तरीके से 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग एवं जिलाधिकारी मनुज गोयल भी केदारनाथ धाम में इस मौके पर मौजूद थे. सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ के कपाट विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले गए.

खुल गए बाबा केदारनाथ के कपाट.

सुबह 3.30 बजे से शुरू हो गई थी प्रक्रिया

आज तड़के 3:30 बजे से केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग व विद्वान आचार्यों द्वारा केदार पुरी में पंचाग पूजन के तहत भगवान केदारनाथ सहित अनेक देवी- देवताओं का आह्वान किया गया. ठीक पांच बजे रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा जिला, तहसील प्रशासन व देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारियों तथा तीर्थ पुरोहित की मौजूदगी में कपाट खोलने की घोषणा के साथ ही विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई. रावल भीमाशंकर लिंग की कामना के बाद भगवान केदारनाथ के कपाट पौराणिक परम्पराओं व विधि-विधान से खोले गए. कपाट खुलते समय केदार पुरी जय भोले, जय केदार के उद्घोषों से गुंजायमान हो उठी. कपाट खुलने के बाद भक्तों ने बाबा केदार के स्वयंभू लिंग के दर्शन कर विश्व कल्याण की कामना की.

सुबह 3.30 बजे से शुरू हुई प्रक्रिया.

नए स्वर्ण मुकुट से सुशोभित होगा स्वयंभू लिंग

18 मई मंगलवार को केदारनाथ के क्षेत्रपाल के रूप में पूजनीय आराध्य भगवान भैरवनाथ के कपाट खुलने के साथ ही भगवान केदारनाथ की सायंकालीन आरती भी शुरू हो जाएगी. इसी दिन आराध्य के स्वयंभू लिंग पर नए स्वर्ण मुकुट को भी सुशोभित किया जाएगा. रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा 900 ग्राम के इस स्वर्ण मुकुट के संरक्षण की जिम्मेदारी देवस्थानम बोर्ड को सौंपी गई है. केदारनाथ के 1008 रावल भीमाशंकर लिंग ने शीतकाल में 900 ग्राम स्वर्ण मुकुट का बंगलूरू में निर्माण कराया है.

इस स्वर्ण मुकुट को लेकर खास बात यह है कि देवताओं में बाबा केदार और मनुष्य में सिर्फ केदारनाथ के रावल ही इसे धारण करते हैं. बीते 7 मई को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रशासन, पुलिस, देवस्थानम बोर्ड और हक-हकूकधारियों की संयुक्त बैठक में रावल भीमाशंकर लिंग ने इस नए स्वर्ण मुकुट का अनावरण किया था.

बिना श्रद्धालुओं के खुले कपाट

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा स्थगित होने के बाद इस बार भी भगवान केदारनाथ के कपाट सादगी से खुले. इस समय कुछ ही तीर्थ पुरोहितों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई है.

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सुबह पांच बजे खुले धाम के कपाट

शनिवार और रविवार को पहुंच गए थे अधिकारी

कपाट खोलने की तैयारियों को लेकर शनिवार और रविवार को ही अधिकारी और कर्मचारी केदारनाथ धाम पहुंच गए थे. लेकिन, भक्तों के बिना बाबा का दरबार वीरान है.

11 क्विंटल फूलों से सजा बाबा का धाम

ऋषिकेश निवासी सौरभ कालरा के सहयोग से भगवान केदारनाथ के मंदिर को 11 क्विंटल पुष्पों से सजाया गया. केदारनाथ के रावल भीमाशंकर शंकर लिंग, जिलाधिकारी मनुज गोयल, नायब तहसीलदार जयबीर राम बधाणी भी भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे. देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी और डोली प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि भगवान केदारनाथ सहित सभी सहायक मंदिरों को रंग रोगन कर सजाया गया है. बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गयी है.

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केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दृश्य

सीएम तीरथ ने दी शुभकामनाएं

सीएम तीरथ सिंह रावत ने शुभकामनाएं देते हुए श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो अपने घरों में रहकर पूजा-अर्चना करें.

पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड एवं मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जनकल्याण के लिए की गई है. सुबह 5 बजे कपाट खुलने के बाद सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. गुजरात के उद्योगपति दीपक रावत हर साल दीपावली, सावन और कपाट खुलने के मौके पर पीएम मोदी के नाम की पूजा करवाते हैं. देवस्थानम बोर्ड की ओर से 6,500 रुपए की रसीद पीएम मोदी के नाम से पूजा के लिए काटी गई है.

परंपरा के मुताबिक डोली पहुंची केदारनाथकेदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले 13 मई को भगवान भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की गई थी. बाबा केदार की विग्रह डोली ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा पहुंची जिसके बाद 15 मई को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंच गई.

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पीएम मोदी के नाम से हुई पहली पूजा.

इससे पहले ओंकारेश्वर मंदिर और भैरवनाथ मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया था. परंपरा के मुताबिक डोली समाधिस्थल की परिक्रमा करते हुए ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर हाईवे पर पहुंची थी. यहां पर पहले से मौजूद प्रशासन, पुलिस और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने डोली को वाहन में विराजमान करते हुए विदा किया. केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों के मौसम में बंद कर दिए जाते हैं. फिर अगले साल अप्रैल-मई के महीने में भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं.

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श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं है.

गाइडलाइन का पूरा ध्यान

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श्रद्धालुओं के बिना रौनक फीकी.

कपाट खुलने के पावन अवसर पर शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का विशेष ध्यान रखा गया. शासन द्वारा चारधाम यात्रा को स्थगित करने की गाइडलाइन जारी होने से केदार पुरी सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरा रहा. इस अवसर पर जिला अधिकारी मनुज गोयल ने कहा की हम बाबा केदारनाथ से प्रार्थना करते हैं कि शीघ्र वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण पर रोक लगे. समय पर क्षेत्र का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय लौट सके तथा स्थानीय युवा आत्मनिर्भर बनाने सकें.

इस मौके पर देव स्थानम् बोर्ड के उप मुख्य कार्यधिकारी बीडी सिंह, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्वाण, नायब तहसीलदार जयबीर राम बधाणी, पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत, तीर्थ पुरोहित राजकुमार तिवारी, ओंकार शुक्ला, प्रदीप सेमवाल, अरविन्द शुक्ला, लोकेन्द्र रूवाडी, गिरीश देवली, सन्तोष त्रिवेदी, तेज प्रकाश त्रिवेदी मौजूद रहे.

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केदारनाथ में पड़ रही कड़ाके की ठंड

ये भी पढ़िए: नृसिंह मंदिर से बदरीधाम रवाना हुई गुरु शंकराचार्य की गद्दी, धाम में रह सकते हैं 50 लोग

14 मई को खुले थे यमुनोत्री के कपाट

इससे पहले 14 मई को यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे. यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं को अभी जाने की अनुमति नहीं है.

15 मई को खुले थे गंगोत्री के कपाट

यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के एक दिन बाद ही गंगोत्री धाम के कपाट भी खुल चुके हैं.

18 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

18 मई को बैकुंठ धाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. इस तरह बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारों धामों के कपाट खुल जाएंगे.

रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ के कपाट अगले छह महीने के लिए खोल दिए गए हैं. इस मौके पर भगवान केदारनाथ के धाम को भव्य और दिव्य तरीके से 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग एवं जिलाधिकारी मनुज गोयल भी केदारनाथ धाम में इस मौके पर मौजूद थे. सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ के कपाट विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले गए.

खुल गए बाबा केदारनाथ के कपाट.

सुबह 3.30 बजे से शुरू हो गई थी प्रक्रिया

आज तड़के 3:30 बजे से केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग व विद्वान आचार्यों द्वारा केदार पुरी में पंचाग पूजन के तहत भगवान केदारनाथ सहित अनेक देवी- देवताओं का आह्वान किया गया. ठीक पांच बजे रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा जिला, तहसील प्रशासन व देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारियों तथा तीर्थ पुरोहित की मौजूदगी में कपाट खोलने की घोषणा के साथ ही विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई. रावल भीमाशंकर लिंग की कामना के बाद भगवान केदारनाथ के कपाट पौराणिक परम्पराओं व विधि-विधान से खोले गए. कपाट खुलते समय केदार पुरी जय भोले, जय केदार के उद्घोषों से गुंजायमान हो उठी. कपाट खुलने के बाद भक्तों ने बाबा केदार के स्वयंभू लिंग के दर्शन कर विश्व कल्याण की कामना की.

सुबह 3.30 बजे से शुरू हुई प्रक्रिया.

नए स्वर्ण मुकुट से सुशोभित होगा स्वयंभू लिंग

18 मई मंगलवार को केदारनाथ के क्षेत्रपाल के रूप में पूजनीय आराध्य भगवान भैरवनाथ के कपाट खुलने के साथ ही भगवान केदारनाथ की सायंकालीन आरती भी शुरू हो जाएगी. इसी दिन आराध्य के स्वयंभू लिंग पर नए स्वर्ण मुकुट को भी सुशोभित किया जाएगा. रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा 900 ग्राम के इस स्वर्ण मुकुट के संरक्षण की जिम्मेदारी देवस्थानम बोर्ड को सौंपी गई है. केदारनाथ के 1008 रावल भीमाशंकर लिंग ने शीतकाल में 900 ग्राम स्वर्ण मुकुट का बंगलूरू में निर्माण कराया है.

इस स्वर्ण मुकुट को लेकर खास बात यह है कि देवताओं में बाबा केदार और मनुष्य में सिर्फ केदारनाथ के रावल ही इसे धारण करते हैं. बीते 7 मई को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रशासन, पुलिस, देवस्थानम बोर्ड और हक-हकूकधारियों की संयुक्त बैठक में रावल भीमाशंकर लिंग ने इस नए स्वर्ण मुकुट का अनावरण किया था.

बिना श्रद्धालुओं के खुले कपाट

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा स्थगित होने के बाद इस बार भी भगवान केदारनाथ के कपाट सादगी से खुले. इस समय कुछ ही तीर्थ पुरोहितों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी गई है.

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सुबह पांच बजे खुले धाम के कपाट

शनिवार और रविवार को पहुंच गए थे अधिकारी

कपाट खोलने की तैयारियों को लेकर शनिवार और रविवार को ही अधिकारी और कर्मचारी केदारनाथ धाम पहुंच गए थे. लेकिन, भक्तों के बिना बाबा का दरबार वीरान है.

11 क्विंटल फूलों से सजा बाबा का धाम

ऋषिकेश निवासी सौरभ कालरा के सहयोग से भगवान केदारनाथ के मंदिर को 11 क्विंटल पुष्पों से सजाया गया. केदारनाथ के रावल भीमाशंकर शंकर लिंग, जिलाधिकारी मनुज गोयल, नायब तहसीलदार जयबीर राम बधाणी भी भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे. देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी और डोली प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि भगवान केदारनाथ सहित सभी सहायक मंदिरों को रंग रोगन कर सजाया गया है. बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गयी है.

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केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दृश्य

सीएम तीरथ ने दी शुभकामनाएं

सीएम तीरथ सिंह रावत ने शुभकामनाएं देते हुए श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो अपने घरों में रहकर पूजा-अर्चना करें.

पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड एवं मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जनकल्याण के लिए की गई है. सुबह 5 बजे कपाट खुलने के बाद सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. गुजरात के उद्योगपति दीपक रावत हर साल दीपावली, सावन और कपाट खुलने के मौके पर पीएम मोदी के नाम की पूजा करवाते हैं. देवस्थानम बोर्ड की ओर से 6,500 रुपए की रसीद पीएम मोदी के नाम से पूजा के लिए काटी गई है.

परंपरा के मुताबिक डोली पहुंची केदारनाथकेदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले 13 मई को भगवान भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की गई थी. बाबा केदार की विग्रह डोली ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा पहुंची जिसके बाद 15 मई को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंच गई.

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पीएम मोदी के नाम से हुई पहली पूजा.

इससे पहले ओंकारेश्वर मंदिर और भैरवनाथ मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया था. परंपरा के मुताबिक डोली समाधिस्थल की परिक्रमा करते हुए ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर हाईवे पर पहुंची थी. यहां पर पहले से मौजूद प्रशासन, पुलिस और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों ने डोली को वाहन में विराजमान करते हुए विदा किया. केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों के मौसम में बंद कर दिए जाते हैं. फिर अगले साल अप्रैल-मई के महीने में भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाते हैं.

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श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं है.

गाइडलाइन का पूरा ध्यान

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श्रद्धालुओं के बिना रौनक फीकी.

कपाट खुलने के पावन अवसर पर शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का विशेष ध्यान रखा गया. शासन द्वारा चारधाम यात्रा को स्थगित करने की गाइडलाइन जारी होने से केदार पुरी सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर सन्नाटा पसरा रहा. इस अवसर पर जिला अधिकारी मनुज गोयल ने कहा की हम बाबा केदारनाथ से प्रार्थना करते हैं कि शीघ्र वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण पर रोक लगे. समय पर क्षेत्र का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय लौट सके तथा स्थानीय युवा आत्मनिर्भर बनाने सकें.

इस मौके पर देव स्थानम् बोर्ड के उप मुख्य कार्यधिकारी बीडी सिंह, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्वाण, नायब तहसीलदार जयबीर राम बधाणी, पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत, तीर्थ पुरोहित राजकुमार तिवारी, ओंकार शुक्ला, प्रदीप सेमवाल, अरविन्द शुक्ला, लोकेन्द्र रूवाडी, गिरीश देवली, सन्तोष त्रिवेदी, तेज प्रकाश त्रिवेदी मौजूद रहे.

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केदारनाथ में पड़ रही कड़ाके की ठंड

ये भी पढ़िए: नृसिंह मंदिर से बदरीधाम रवाना हुई गुरु शंकराचार्य की गद्दी, धाम में रह सकते हैं 50 लोग

14 मई को खुले थे यमुनोत्री के कपाट

इससे पहले 14 मई को यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे. यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं को अभी जाने की अनुमति नहीं है.

15 मई को खुले थे गंगोत्री के कपाट

यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के एक दिन बाद ही गंगोत्री धाम के कपाट भी खुल चुके हैं.

18 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

18 मई को बैकुंठ धाम के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. इस तरह बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारों धामों के कपाट खुल जाएंगे.

Last Updated : May 17, 2021, 10:15 PM IST
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