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केदारनाथ धाम में दो दिन की बर्फबारी के बाद खिली धूप, पुनर्निर्माण कार्य फिर से शुरू

रुद्रप्रयाग जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश होने से जनजीवन प्रभावित हो गया था. ऐसे में जहां केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्यों को रोक दिया गया था. वहीं, निचले क्षेत्रों में लोग घरों में दुबक गये थे. अब चटख धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली है.

Sunshine in Kedarnath Dham
केदारनाथ धाम में खिली धूप
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Published : Dec 5, 2021, 3:00 PM IST

रुद्रप्रयाग: दो दिनों तक हुई ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और बारिश के बाद मौसम साफ हो गया है. दिन में चटख धूप निकलने के बाद लोगों ने भी राहत की सांस ली है. धूप निकलने से केदारनाथ धाम (Sunshine in Kedarnath Dham) में रुके पुनर्निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गए हैं. हालांकि, धाम में अभी भी दो से तीन इंच बर्फ जमी है. बर्फानी बाबा के नाम से प्रख्यात ललित रामदास महाराज केदारनाथ धाम में रहकर तपस्या कर रहे हैं.

केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट (Prime Minister Narendra Modi Dream Project) के द्वितीय चरण के निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिसमें चिकित्सालय भवन, तीर्थ पुरोहितों के घर, पुलिस चैकी, बाढ़ सुरक्षा कार्य आदि कार्य चल रहे हैं. समुद्रतल से 11,700 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में मजदूर पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे हुए हैं. यहां पर तापमान-10 डिग्री में भी मजदूर निर्माण कार्य में जुटे हैं. धाम में 300 के करीब मजदूर हैं.

केदारनाथ धाम में दो दिन की बर्फबारी के बाद खिली धूप.

बाबा बर्फानी कर रहे तपस्या: बाबा बर्फानी के नाम से प्रख्यात ललित रामदास महाराज धाम में रहकर तपस्या कर रहे हैं. ये आपदा के बाद से धाम में रह रहे हैं, जहां कपाट बंद होने के बावजूद भी ललित महाराज भोलेनाथ की तपस्या में लीन हैं. यहां पर शीतकाल के समय निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को खाने और रहने की समस्या होने पर ललित महाराज पूरी मदद करते हैं. उनका आश्रम धाम को जाने वाले पुराने मार्ग पर है, जिसमें करीब 200 से ज्यादा लोगों के लिए रहने की व्यवस्था है.

पढ़ें- चुनाव से ठीक पहले छलका पूर्व PCC अध्यक्ष का दर्द, बोले- जिनको कंधे पर बैठाया, उन्होंने ही पांव काटे

ग्रीष्मकाल के समय यात्रा के दौरान सैकड़ों तीर्थयात्री आश्रम में आकर रात्रि प्रवास करते हैं और शीतकाल में मजदूरों को अपने आवास में समस्या होने पर वे उनकी मदद में जुट जाते हैं. केदारपुरी में मौसम साफ होने के बाद मजदूरों को काफी राहत मिली है. शीतकाल के समय में धाम में कार्य करना मुश्किल हो जाता है और बर्फबारी होने से मजदूरों को पानी तक की समस्या उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में मजदूर बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग करते हैं. अब मौसम साफ होने के बाद बर्फ पिघलने से मजदूरों के लिए कार्य करना आसान हो गया है.

जिलाधिकारी मनोज गोयल ने बताया कि ऊंचाई वाले इलाकों में दो दिनों तक जमकर बर्फबारी हुई है, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड भी काफी बढ़ गयी है. उन्होंने बताया कि केदारपुरी में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत द्वितीय चरण के कार्य चल रहे हैं. बर्फबारी होने पर धाम में कार्य को रोक दिया जाता है और मौसम खुलने पर पुनः कार्य शुरू किया जाता है. उन्होंने बताया कि धाम में मजदूरों के लिए शीतकाल में ठंड से बचाव को लेकर सभी व्यवस्थाएं की गई हैं.

रुद्रप्रयाग: दो दिनों तक हुई ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और बारिश के बाद मौसम साफ हो गया है. दिन में चटख धूप निकलने के बाद लोगों ने भी राहत की सांस ली है. धूप निकलने से केदारनाथ धाम (Sunshine in Kedarnath Dham) में रुके पुनर्निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गए हैं. हालांकि, धाम में अभी भी दो से तीन इंच बर्फ जमी है. बर्फानी बाबा के नाम से प्रख्यात ललित रामदास महाराज केदारनाथ धाम में रहकर तपस्या कर रहे हैं.

केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट (Prime Minister Narendra Modi Dream Project) के द्वितीय चरण के निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिसमें चिकित्सालय भवन, तीर्थ पुरोहितों के घर, पुलिस चैकी, बाढ़ सुरक्षा कार्य आदि कार्य चल रहे हैं. समुद्रतल से 11,700 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में मजदूर पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे हुए हैं. यहां पर तापमान-10 डिग्री में भी मजदूर निर्माण कार्य में जुटे हैं. धाम में 300 के करीब मजदूर हैं.

केदारनाथ धाम में दो दिन की बर्फबारी के बाद खिली धूप.

बाबा बर्फानी कर रहे तपस्या: बाबा बर्फानी के नाम से प्रख्यात ललित रामदास महाराज धाम में रहकर तपस्या कर रहे हैं. ये आपदा के बाद से धाम में रह रहे हैं, जहां कपाट बंद होने के बावजूद भी ललित महाराज भोलेनाथ की तपस्या में लीन हैं. यहां पर शीतकाल के समय निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को खाने और रहने की समस्या होने पर ललित महाराज पूरी मदद करते हैं. उनका आश्रम धाम को जाने वाले पुराने मार्ग पर है, जिसमें करीब 200 से ज्यादा लोगों के लिए रहने की व्यवस्था है.

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ग्रीष्मकाल के समय यात्रा के दौरान सैकड़ों तीर्थयात्री आश्रम में आकर रात्रि प्रवास करते हैं और शीतकाल में मजदूरों को अपने आवास में समस्या होने पर वे उनकी मदद में जुट जाते हैं. केदारपुरी में मौसम साफ होने के बाद मजदूरों को काफी राहत मिली है. शीतकाल के समय में धाम में कार्य करना मुश्किल हो जाता है और बर्फबारी होने से मजदूरों को पानी तक की समस्या उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में मजदूर बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग करते हैं. अब मौसम साफ होने के बाद बर्फ पिघलने से मजदूरों के लिए कार्य करना आसान हो गया है.

जिलाधिकारी मनोज गोयल ने बताया कि ऊंचाई वाले इलाकों में दो दिनों तक जमकर बर्फबारी हुई है, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड भी काफी बढ़ गयी है. उन्होंने बताया कि केदारपुरी में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत द्वितीय चरण के कार्य चल रहे हैं. बर्फबारी होने पर धाम में कार्य को रोक दिया जाता है और मौसम खुलने पर पुनः कार्य शुरू किया जाता है. उन्होंने बताया कि धाम में मजदूरों के लिए शीतकाल में ठंड से बचाव को लेकर सभी व्यवस्थाएं की गई हैं.

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