रुद्रप्रयाग: पांचवें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे ने जिला पंचायत सभागार में शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक चार चरणों में ली. पहले चरण में बैठक नगर निकाय सदस्य और अध्यक्ष के बीच बैठक की गई. दूसरे चरण की बैठक जिला पंचायत सदस्यों के साथ हुई. तीसरे चरण की बैठक क्षेत्र पंचायत प्रमुख और सदस्यों के साथ की गई. अंतिम और चौथे चरण की बैठक ग्राम प्रधानों के साथ की गई.
बैठक के दौरान राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे ने राज्य वित्त आयोग के बारे में सभी को विस्तार से रूबरू कराया. उन्होंने सभी को जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों और शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के कार्य कर रहा है. आयोग बढ़ते शहरीकरण और आबादी के हिसाब से उपलब्ध अवस्थापना का आकलन, पंचायतों और निकायों में सुधारों की स्थिति का आकलन करता है. इसके अलावा आयोग राज्य सरकार के संसाधनों, प्रशासनिक खर्चों और अन्य प्रतिबद्ध व्यय एवं दायित्व का निर्धारण करता है.
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वहीं, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे ने बताया कि सरकार द्वारा गठित समिति ये तय करती है कि राज्य सरकार के स्वयं के करों में से कितना हिस्सा पंचायतों और स्थानीय निकायों को दिया जाए. उसकी सिफारिशों पर सरकार का पंचायतों और निकायों के लिए करों की हिस्सेदारी का निर्धारण किया जाता है. उन्होंने बताया कि आयोग को ये शक्ति प्राप्त है, कि वह किसी भी अधिकारी से सूचना और अभिलेख की जानकारी कभी भी मांग सकता है. इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने आयोग को अपने सुझाव दिए.
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उधर आयोग को सभी ने प्रत्यावेदन भी दिया. अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे ने सभी के द्वारा दिए गए सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना. वहीं इस बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष अमर देई शाह, उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी, नगरपालिका अध्यक्ष गीता झिंक्वान, जिलाधिकारी वंदना सिंह, CDO भरत चंद्र भट्ट सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे.