ETV Bharat / state

केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, शीतलहर से बढ़ीं मुश्किलें

author img

By

Published : Jan 20, 2022, 6:19 PM IST

केदारनाथ सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है. भारी ठंड और शीतलहर के चलते ग्रामीणों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. इसके साथ ही मवेशियों के लिए चारा की समस्या भी उत्पन्न होने लगी है

Snowfall on Kedarnath hills
केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश होने से पूरी केदारघाटी शीतलहर की चपेट में आ गई है. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. केदारघाटी के हिमालयी भू-भाग सहित केदारनाथ, मद्महेश्वर, पंवालीकांठा, मनणामाई तीर्थ, पाण्डव सेरा, नंदीकुंड, विसुणी ताल, तुंगनाथ सहित ऊंचाई वाले इलाके बर्फबारी से ढक गए हैं.

आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा और तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर यदि मौसम के अनुकूल बर्फबारी होती है तो सैलानियों की आवाजाही में वृद्धि होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है.

Snowfall on Kedarnath hills
केदारघाटी का विहंगम दृश्य.

बता दें कि केदारघाटी में मौसम के करवट बदलते ही हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश शुरू हो गयी है. केदारघाटी के हिमालयी व ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ सहित ऊंचाई वाले इलाके बर्फबारी से लकदक हो गये हैं.

केदारनाथ धाम में निरंतर बर्फबारी होने से पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित हो गये हैं. केदारघाटी के निचले क्षेत्रों सहित विभिन्न स्थानों पर बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट के चलते लोग घरों में कैद रहने के लिए विवश हो गये हैं तथा सीमांत गांवों के पशुपालकों के सामने चारा का संकट बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: अधर में लटका गौरीकुंड का विकास, जनता ने मढ़ा BJP-कांग्रेस पर दोष, दी चेतावनी

आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो तोषी, त्रियुगीनारायण, चैमासी, चिलौण्ड, गौण्डार, रांसी, गड़गू, सारी पावजगपुडा, मोहनखाल, कार्तिक स्वामी, घिमतोली सहित सीमांत इलाके बर्फबारी से लकदक हो सकते हैं.

ईको पर्यटन विकास समिति चोपता-तुंगनाथ के अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी का कहना है कि यदि मौसम के अनुकूल तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर जमकर बर्फबारी होती है तो पर्यटकों की आवाजाही में वृद्धि होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है.

ग्राम प्रधान रांसी कुन्ती नेगी ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस की जा रही है तथा ग्रामीण घरों में कैद रहने के लिए विवश हो गये हैं. मद्महेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि निचले क्षेत्रों में बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश होने से पूरी केदारघाटी शीतलहर की चपेट में आ गई है. जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. केदारघाटी के हिमालयी भू-भाग सहित केदारनाथ, मद्महेश्वर, पंवालीकांठा, मनणामाई तीर्थ, पाण्डव सेरा, नंदीकुंड, विसुणी ताल, तुंगनाथ सहित ऊंचाई वाले इलाके बर्फबारी से ढक गए हैं.

आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा और तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर यदि मौसम के अनुकूल बर्फबारी होती है तो सैलानियों की आवाजाही में वृद्धि होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है.

Snowfall on Kedarnath hills
केदारघाटी का विहंगम दृश्य.

बता दें कि केदारघाटी में मौसम के करवट बदलते ही हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश शुरू हो गयी है. केदारघाटी के हिमालयी व ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ सहित ऊंचाई वाले इलाके बर्फबारी से लकदक हो गये हैं.

केदारनाथ धाम में निरंतर बर्फबारी होने से पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित हो गये हैं. केदारघाटी के निचले क्षेत्रों सहित विभिन्न स्थानों पर बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट के चलते लोग घरों में कैद रहने के लिए विवश हो गये हैं तथा सीमांत गांवों के पशुपालकों के सामने चारा का संकट बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: अधर में लटका गौरीकुंड का विकास, जनता ने मढ़ा BJP-कांग्रेस पर दोष, दी चेतावनी

आने वाले दिनों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो तोषी, त्रियुगीनारायण, चैमासी, चिलौण्ड, गौण्डार, रांसी, गड़गू, सारी पावजगपुडा, मोहनखाल, कार्तिक स्वामी, घिमतोली सहित सीमांत इलाके बर्फबारी से लकदक हो सकते हैं.

ईको पर्यटन विकास समिति चोपता-तुंगनाथ के अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी का कहना है कि यदि मौसम के अनुकूल तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर जमकर बर्फबारी होती है तो पर्यटकों की आवाजाही में वृद्धि होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है.

ग्राम प्रधान रांसी कुन्ती नेगी ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस की जा रही है तथा ग्रामीण घरों में कैद रहने के लिए विवश हो गये हैं. मद्महेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि निचले क्षेत्रों में बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.