रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में हुए हादसे में 23 लोगों के लापता होने की सूचना है. हालांकि, इस हादसे में हताहत हुए तीन लोगों के शवों को रिकवर कर लिया गया है. साथ ही राहत बचाव कार्य जारी है, लेकिन लगातार हो रही भारी बारिश के चलते रेस्क्यू अभियान प्रभावित हो रहा है. हादसे के बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया है. जिसके चलते क्रैश बैरियर के बाहर जितनी भी दुकानें है, उनको अब हटाया जाएगा.
साल 2013 की आपदा की लोगों को आई याद: गुरुवार की रात करीब 11.30 बजे के दौरान भारी बारिश हो रही थी. इसी दौरान स्थानीय निवासियों को तेज आवाज सुनाई दी और देखते ही देखते तीन मकान जमीदोज़ हो गए. साल 2013 में केदारघाटी में आई भीषण आपदा ने भारी तबाही मचाई थी. जिससे हजारों लोगों की मौत होने के साथ ही केदारघाटी पूरी तरह से तहस -नहस हो गई थी. साल 2013 की आपदा के बाद यू तो केदारनाथ धाम के आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह से खड़ा कर दिया गया, लेकिन गौरीकुंड में अभी तक उस स्तर के काम नहीं हो पाए. जिसकी दरकार सालों से गौरीकुंड क्षेत्र को है. गौरीकुंड क्षेत्र केदारनाथ धाम का मुख्य पड़ाव है, लेकिन केदारनाथ धाम तक के पैदल मार्ग पर सुरक्षा के नाम पर कोई बेहतर इंतजाम नहीं है और न ही कोई कार्ययोजना बन पाई है. कुल मिलाकर, सरकार सिर्फ केदारनाथ धाम तक ही सीमित रह गई है.
लापता लोगों पर सरकार का पूरा फोकस: प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि यहां बहुत ही दुखद घटना है. जिसके बाद से ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम मौके पर तैनात हैं. साथ ही गढ़वाल कमिश्नर, मुख्यमंत्री और वो खुद लगातार संपर्क में हैं. लगातार हो रही बारिश से लापता लोगों की खोजबीन में काफी दिक्कतें हो रही हैं. साथ ही ड्रोन के माध्यम से भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा फोकस है कि अगर कोई जिंदा है तो उसे बचाना है.
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जिला प्रशासन के लिए लोगों की जिंदगी से बढ़कर कुछ भी नहीं : जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि क्रेस बैरियर के अपोजिट साइड जितनी भी दुकानें हैं, वहां से उनको हटाया जाएगा. लोगों की भले ही दुकानदारी चल रही है, लेकिन लोगों की जिंदगी से बढ़कर कुछ भी नही हैं. डीएम ने कहा कि इस हादसे में 3 लोगों की मौत हुई है, जबकि 23 लोग लापता हैं. ऐसे में भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए सावधानी बरतनी पड़ेगी.
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