रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भी बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंच रहे हैं. इन दिनों तुंगनाथ धाम में काफी बर्फ जमी है, जिसका आनंद लेने के लिए पर्यटक आ रहे हैं. लेकिन इसी बीच घूमने आए एक पर्यटक की अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसे एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर चोपता पहुंचाया.
पर्यटक ट्रैकिंग करने के मकसद से तुंगनाथ धाम पहुंचते हैं. साथ ही बर्फबारी का आनंद भी लेते हैं. ट्रैकिंग के दौरान पर्यटकों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है, जिस कारण उन्हें काफी दिक्कतें हो रही हैं और समय से उपचार नहीं मिल पा रहा है. भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने से इस क्षेत्र में मेडिकल की कोई सुविधा नहीं है.
कपाट खुलने के बाद ही प्रशासन की ओर से यहां पर मेडिकल कैंप लगाया जाता है. ऐसे में शीतकाल में ट्रैकिंग करने वाले पर्यटकों को स्वास्थ्य की कोई सुविधा नहीं मिल पाती. रविवार को तुंगनाथ ट्रेक पर ट्रैकिंग के लिए निकले ग्रुप में एक सदस्य का स्वास्थ्य खराब हो गया, जिस कारण उसे रात्रि में वहीं रुकना पड़ा.
अन्य सदस्य किसी तरह रात को चोपता पहुंचे और जानकारी पुलिस तक पहुंचाई. देर रात होने के कारण आज सुबह थाना ऊखीमठ ने सूचना एसडीआरफ को दी. इसके बाद रेस्क्यू टीम तत्काल रेस्क्यू उपकरणों के साथ तुंगनाथ ट्रैक के लिए रवाना हुईं. लगभग तीन घंटे पैदल ट्रैकिंग के बाद टीम युवक तक पहुंची. जिसे एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर चोपता पहुंचाया. वहीं युवक का नाम राहुल गावा (32) पुत्र कृष्णलाल गावा, निवासी सेक्टर-9 गुरुग्राम हरियाणा बताया जा रहा है.
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बता दें कि तुंगनाथ मंदिर भगवान शिव का सबसे ऊंचाई वाला मंदिर है, जिसकी ऊंचाई लगभग 3460 मीटर है. यह पंच केदारों में से एक केदार है और यहां भगवान शिव की पंच केदारों में एक रूप की पूजा होती है. तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के हृदय और भुजाओं की पूजा होती है. तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ से 1.5 किमी ऊपर स्थित चोटी चन्द्रशिला के नाम से जानी जाती है, जो कि समुद्र तल से चार हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
चिंता का विषय है कि भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद बावजूद सैकड़ों की संख्या में हर दिन सैलानी यहां पहुंच रहे हैं. चोपता से साढ़े तीन किमी की पैदल दूरी तय करने के बाद तुंगनाथ धाम पहुंचा जाता है, जबकि यहां से डेढ़ किमी ऊपर चन्द्रशिला मंदिर है.