रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा पड़ाव गौरीकुंड हादसे में अभी भी 2O लोग हैं. जिन्हें ढूंढने की कोशिशें जारी है. आज गौरीकुंड में तीसरे दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी रहा. तीसरे दिन रेस्क्यू टीम को कोई सफलता नहीं मिली. बता दें गौरीकुंड हादसे में अभी तक सिर्फ तीन लोगों के ही शव मिल पाये हैं. जिनकी शिनाख्त भी हो चुकी है. लापता लोगों की ढूंढखोज को लेकर अलकनंदा व मंदाकिनी नदी में सर्च रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कहीं से भी सफलता हाथ नहीं लग रही है.
बता दें बीते गुरूवार रात साढ़े ग्यारह बजे के करीब गौरीकुंड बाजार से कुछ दूरी पर डाट पुलिया के समीप भारी भरकम चट्टान टूटने से दो दर्जन लोग मंदाकिनी नदी में समा गये. यहां तीन दुकानों के भीतर लोग सो रहे थे. पहाड़ी से चट्टान टूटकर सीधे दुकानों को अपने साथ ले जाकर मंदाकिनी नदी में जा गिरी. घटना के बाद से केदारघाटी में मातम छाया हुआ है. लापता लोगों की ढूंढखोज की जा रही है. इसको लेकर मंदाकिनी व अलकनंदा नदियों में रेस्क्यू अभियान चल रहा है, जबकि गौरीकुंड मंदाकिनी नदी में जहां पर दुकानों का मलबा गिरा है, वहां भी मलबे को साफ कर शवों की खोज की जा रही है.
पढ़ें- हादसे के बाद जागा प्रशासन, अस्थायी दुकानों को किया ध्वस्त, कई को करवाया जा रहा खाली
रुद्रप्रयाग बाईपास से नरकोटा एवं धारी देवी से श्रीनगर डैम तक चलाए गए रेस्क्यू सर्च अभियान के बाद लापता बीस में से किसी भी कोई सुराग नहीं लग पाया है. भूस्खलन की घटना के बाद से 23 लोग लापता हो गये थे. जिसमें तीन लोगों के शव बरामद होने के बाद उनकी शिनाख्त भी कर दी गई है. अन्य बीस लोगों की ढूंढखोज के लिए रविवार तीसरे दिन आपदा प्रबंधन टीमों का सर्च अभियान चलाया. देर शाम तक भी कोई सुराग नहीं लग सका.
पढ़ें- पल भर में दफ्न हुई 20 जिंदगियां, संभलने का तक नहीं मिला मौका, बेहद खतरनाक था गौरीकुंड हादसा
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया आपदा प्रबंधन टीमों के साथ ही पुलिस थाना चैकियों एवं फायर सर्विस ने अपने-अपने क्षेत्रों में सर्च रेस्क्यू अभियान चलाया. इसके साथ ही संदिग्ध स्थानों पर ड्रोन कैमरे से भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है. धारी देवी से कुंड बैराज तक सर्च रेस्क्यू व खोजबीन अभियान चलाया गया. टीमों की ओर से विषम परिस्थितियों में सर्च रेस्क्यू व खोजबीन कार्य किया जा रहा है, लेकिन टीमों को अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है. सर्च रेस्क्यू एवं खोजबीन अभियान में डीडीआरफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ, पुलिस, फायर सर्विस तथा जिला प्रशासन की टीमें शामिल हैं.